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तीन बाघ तलाश रहे हैं बाघिन के लिए सुरक्षित ठिकाना, पीटीआर में बाघिन के आने की जगी उम्मीद - पीटीआर में बाघिन का ठिकाना

Tigers searching for a place for tigress in PTR. पलामू टाइगर रिजर्व में तीन बाघ बाघिन के लिए सुरक्षित ठिकाना तलाश रहे हैं. पीटीआर के अधिकारियों को उम्मीद है कि इस इलाके में जल्द बाघिन की भी एंट्री होगी.

Tigers searching for a place for tigress in PTR
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Mar 2, 2024, 4:39 PM IST

पलामू: तीन बाघ बाघिन के लिए सुरक्षित ठिकाना की तलाश कर रहे है. तीनों बाघ पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में मौजूद हैं. सुरक्षित ठिकाना की तलाश में बाघ 600-700 से अधिक किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं. दरअसल, पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में पिछले एक वर्ष में चार बाघों के मौजूद होने की पुष्टि हुई है. हालांकि इनमें से कोई भी बाघिन नहीं है.

पलामू टाइगर रिजर्व के कोर और बफर एरिया में तीन बाघों के मूवमेंट को लगातार रिकॉर्ड किया जा रहा है. तीनों बाघ नर प्रजाति के हैं. बाघिन के लिए वे सुरक्षित ठिकाना बना रहे हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही पीटीआर के इलाके में बाघिन भी दाखिल होगी. तीनों बाघ पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में एमपी के बांधवगढ़ और छत्तीसगढ़ के संजय डुबरी टाइगर रिजर्व के इलाके से दाखिल हुए हैं. बाघिन को भी इसी इलाके से पीटीआर में दाखिक होने की उम्मीद है.

बाघ बाघिन की तलाश में करते है लंबा सफर

मिली जानकारी के अनुसार बाघ बाघिन की तलाश में लंबा सफर तय करते हैं. उससे पहले बाघ एक सुरक्षित ठिकाना की तलाश करते हैं जहां वे बाघिन के साथ आराम से रह सकें. आमतौर बाघ बाघिन की तलाश में 700 से 1200 किलोमीटर का सफर कर सकता है. वहीं बाघिन 400 से 500 किलोमीटर का ही सफर तय करती है. इसी दूरी के बीच बाघ को एक सुरक्षित ठिकाना खोजना पड़ता है.

पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक प्रजेशकांत जेना ने बताया कि बाघ बाघिन के लिए सुरक्षित ठिकाना को खोज रहे हैं. उम्मीद है कि बाघ जल्द ही पीटीआर के इलाके में बाघिन को लेकर आएंगे. उन्होंने बताया कि बाघिन की तलाश में बाघ सफर करता है. फिलहाल पीटीआर के इलाके में तीन बाघ मौजूद हैं. जिनकी गतिविधि को लगातार रिकॉर्ड किया जा रहा है.

किसी जमाने में पीटीआर के बेतला नेशनल पार्क के भलही को बनाया था ठिकाना

करीब एक दशक पहले पलामू टाइगर रिजर्व के बेतला नेशनल पार्क के रोड नंबर दो और तीन के जंक्शन पर मौजूद भलही को बाघों ने अपना ठिकाना बनाया था. यहां मौजूद एक छोटी सी पहाड़ी पर कई दशकों तक बाघिन और बाघ मौजूद रहे थे. 2020 में पलामू टाइगर रिजर्व के बेतला नेशनल पार्क के इलाके में रानी बाघिन का शव बरामद हुआ था. रानी बाघिन बुजुर्ग हो गई थी और उसकी मौत हुई थी. रानी बाघिन का भी जन्म भलही में मौजूद छोटी सी पहाड़ी पर हुई थी. कहा जाता है कि 1970 के दशक से भलही को ही बाघों ने अपना ठिकाना बनाए हुए था.

पलामू: तीन बाघ बाघिन के लिए सुरक्षित ठिकाना की तलाश कर रहे है. तीनों बाघ पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में मौजूद हैं. सुरक्षित ठिकाना की तलाश में बाघ 600-700 से अधिक किलोमीटर का सफर तय कर चुके हैं. दरअसल, पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में पिछले एक वर्ष में चार बाघों के मौजूद होने की पुष्टि हुई है. हालांकि इनमें से कोई भी बाघिन नहीं है.

पलामू टाइगर रिजर्व के कोर और बफर एरिया में तीन बाघों के मूवमेंट को लगातार रिकॉर्ड किया जा रहा है. तीनों बाघ नर प्रजाति के हैं. बाघिन के लिए वे सुरक्षित ठिकाना बना रहे हैं. उम्मीद जताई जा रही है कि जल्द ही पीटीआर के इलाके में बाघिन भी दाखिल होगी. तीनों बाघ पलामू टाइगर रिजर्व के इलाके में एमपी के बांधवगढ़ और छत्तीसगढ़ के संजय डुबरी टाइगर रिजर्व के इलाके से दाखिल हुए हैं. बाघिन को भी इसी इलाके से पीटीआर में दाखिक होने की उम्मीद है.

बाघ बाघिन की तलाश में करते है लंबा सफर

मिली जानकारी के अनुसार बाघ बाघिन की तलाश में लंबा सफर तय करते हैं. उससे पहले बाघ एक सुरक्षित ठिकाना की तलाश करते हैं जहां वे बाघिन के साथ आराम से रह सकें. आमतौर बाघ बाघिन की तलाश में 700 से 1200 किलोमीटर का सफर कर सकता है. वहीं बाघिन 400 से 500 किलोमीटर का ही सफर तय करती है. इसी दूरी के बीच बाघ को एक सुरक्षित ठिकाना खोजना पड़ता है.

पलामू टाइगर रिजर्व के उपनिदेशक प्रजेशकांत जेना ने बताया कि बाघ बाघिन के लिए सुरक्षित ठिकाना को खोज रहे हैं. उम्मीद है कि बाघ जल्द ही पीटीआर के इलाके में बाघिन को लेकर आएंगे. उन्होंने बताया कि बाघिन की तलाश में बाघ सफर करता है. फिलहाल पीटीआर के इलाके में तीन बाघ मौजूद हैं. जिनकी गतिविधि को लगातार रिकॉर्ड किया जा रहा है.

किसी जमाने में पीटीआर के बेतला नेशनल पार्क के भलही को बनाया था ठिकाना

करीब एक दशक पहले पलामू टाइगर रिजर्व के बेतला नेशनल पार्क के रोड नंबर दो और तीन के जंक्शन पर मौजूद भलही को बाघों ने अपना ठिकाना बनाया था. यहां मौजूद एक छोटी सी पहाड़ी पर कई दशकों तक बाघिन और बाघ मौजूद रहे थे. 2020 में पलामू टाइगर रिजर्व के बेतला नेशनल पार्क के इलाके में रानी बाघिन का शव बरामद हुआ था. रानी बाघिन बुजुर्ग हो गई थी और उसकी मौत हुई थी. रानी बाघिन का भी जन्म भलही में मौजूद छोटी सी पहाड़ी पर हुई थी. कहा जाता है कि 1970 के दशक से भलही को ही बाघों ने अपना ठिकाना बनाए हुए था.

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