रेवाड़ी: हरियाणा और राजस्थान वन विभाग की संयुक्त टीम ने सरिस्का टाइगर रिजर्व से भटके एक वयस्क नर टाइगर को रेस्क्यू किया है. सरिस्का टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर सागरम सिंह, आईएफएस, सरिस्का टाइगर रिजर्व डिप्टी फील्ड डायरेक्टर अभिमन्यु सहारन, आईएफएस और रेवाड़ी के डिविजनल फॉरेस्ट ऑफिसर दीपक पाटिल, आईएफएस के मार्गदर्शन में अभियान चलाया.
टाइगर का सफल रेस्क्यू: बचाव अभियान के दौरान बाघ को सुरक्षित पकड़ा गया. यह बाघ पिछले ढाई महीने से रेवाड़ी के झाबुआ रिजर्व फॉरेस्ट में रह रहा था. यह बाघ सरिस्का में अपने मूल निवास स्थान से बहुत दूर घूम रहा था. झाबुआ क्षेत्र में प्रवेश करने के बाद से दोनों राज्य वन विभागों द्वारा सावधानी पूर्वक निगरानी की गई थी. इस टाइगर को रेस्क्यू करने के लिए रणथंभौर टाइगर रिजर्व से एक स्पेशल टीम बुलाई गई थी. शाम साढ़े 6 बजे के करीब बाघ को सफलतापूर्वक शांत किया गया. बाघ को वापस राजस्थान ले जाया गया और उसके प्राकृतिक आवास के भीतर एक उपयुक्त स्थान पर छोड़ा गया.
87 दिनों बाद टाइगर रेस्क्यू: सरिस्का टाइगर रिजर्व के फील्ड डायरेक्टर ने कहा, "यह अभियान बाघ रेस्क्यू और स्थानीय लोगों की सुरक्षा सुनिश्चित करने में हरियाणा और राजस्थान वन विभागों के बीच समर्पण और समन्वय की भावना को दर्शाता है. हमारी टीम ने पिछले हफ्तों में इस ऑपरेशन की निगरानी और तैयारी के लिए अथक परिश्रम किया." यह टाइगर पिछले 87 दिनों से झाबुआ के जंगल में ही था. गांव में ही मॉनिटरिंग के लिए 10 सीसीटीवी कैमरे और दो ट्रैप पिंजरे भी लगाए थे. लेकिन पिंजरे में नहीं फंसा.
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