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बाघ ने दो भैंसों को बनाया निवाला, दहशत में ग्रामीण, वन विभाग के लगाई गुहार - tiger killed two buffaloes

हल्द्वानी के आसपास के इलाकों में बाघ का आतंक कम नहीं हो रहा है. ताजा मामला तराई पूर्वी वनप्रभाग के डॉली रेंज का है. यहां बाघ ने दो भैंसों को निवाला बनाया है. इससे पहले गुरुवार को बाघ ने सात साल की बच्चे का भी शिकार किया था. इन दिनों घटनाओं के बाद से ही लोग काफी डरे हुए है.

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बाघ ने दो भैंसों को बनाया निवाला (फाइल फोटो) (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Jun 28, 2024, 9:34 PM IST

हल्द्वानी: उत्तराखंड के नैनीताल जिले में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से लगे रिहायशी इलाकों में अक्सर जंगली जानवरों को खतरा बना रहता है. ताजा मामला तराई पूर्वी वनप्रभाग के डॉली रेंज का है. यहां बोडखत्ता चौड़ाघाट में बाघ ने दो भौंसों का शिकार कर अपना निवाला. इस घटना के बाद ग्रामीण काफी डरे हुए है. उन्होंने वन विभाग से मदद की गुहार लगाई है.

जानकारी के मुताबिक गुर्जर समुदाय की भैंस रोज की तरह जंगल के किनारे चरने गई थी, तभी वहां घात लगाए बैठे बाघ ने भैंसों हमला कर दिया. बाघ के हमलों में दो भैंसों की मौत हो गई. स्थानीय लोगों का मानना है कि बाघ ने चौड़ा घाट में डेरा डाला हुआ है, जिस कारण लोग काफी डरे हुए है. ग्रामीणों को डर है कि कभी भी बाघ उन पर हमला कर सकता है. इसीलिए लोग अपने खेतों की तरफ भी नहीं जा रहे है.

ग्रामीणों ने वन विभाग से इलाके में पिंजरा लगाने की मांग की है, ताकि वन विभाग बाघ को पिंजरे में बंद कर कही दूर छोड़कर जंगल में छोड़ कर आ सके. वहीं इस बारे में वन क्षेत्राधिकारी डॉली रेंज नवीन सिंह पंवार ने बताया कि बाघ ने गुर्जर समुदाय की दो भैंसों को अपना निवाला बनाया है उन्होंने बताया कि गुर्जरों की भैंस जंगल में काफी अंदर चली गई थी उक्त क्षेत्र में कई जंगली जानवर हैं. जंगल में अंदर जाना घातक हो सकता है. ऐसे में गुर्जर समुदाय के लोगों से अपील की गई है कि वो अपने जानवरों को जंगल की अंदर नहीं ले जाएं.

गौरतलाब है कि गुरुवार को भी हल्द्वानी वनप्रभाग के छटाता रेंज में गोला नदी के किनारे झोपड़ी में रहने वाले मजदूर के 7 वर्षीय बच्चे को भी गुलदार ने अपना निवाला बना लिया था. ऐसे में बाघ के एक बार फिर से हमले के बाद बौड़खाता के रहने वाले लोगों में दहशत का माहौल है.

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हल्द्वानी: उत्तराखंड के नैनीताल जिले में जिम कॉर्बेट नेशनल पार्क से लगे रिहायशी इलाकों में अक्सर जंगली जानवरों को खतरा बना रहता है. ताजा मामला तराई पूर्वी वनप्रभाग के डॉली रेंज का है. यहां बोडखत्ता चौड़ाघाट में बाघ ने दो भौंसों का शिकार कर अपना निवाला. इस घटना के बाद ग्रामीण काफी डरे हुए है. उन्होंने वन विभाग से मदद की गुहार लगाई है.

जानकारी के मुताबिक गुर्जर समुदाय की भैंस रोज की तरह जंगल के किनारे चरने गई थी, तभी वहां घात लगाए बैठे बाघ ने भैंसों हमला कर दिया. बाघ के हमलों में दो भैंसों की मौत हो गई. स्थानीय लोगों का मानना है कि बाघ ने चौड़ा घाट में डेरा डाला हुआ है, जिस कारण लोग काफी डरे हुए है. ग्रामीणों को डर है कि कभी भी बाघ उन पर हमला कर सकता है. इसीलिए लोग अपने खेतों की तरफ भी नहीं जा रहे है.

ग्रामीणों ने वन विभाग से इलाके में पिंजरा लगाने की मांग की है, ताकि वन विभाग बाघ को पिंजरे में बंद कर कही दूर छोड़कर जंगल में छोड़ कर आ सके. वहीं इस बारे में वन क्षेत्राधिकारी डॉली रेंज नवीन सिंह पंवार ने बताया कि बाघ ने गुर्जर समुदाय की दो भैंसों को अपना निवाला बनाया है उन्होंने बताया कि गुर्जरों की भैंस जंगल में काफी अंदर चली गई थी उक्त क्षेत्र में कई जंगली जानवर हैं. जंगल में अंदर जाना घातक हो सकता है. ऐसे में गुर्जर समुदाय के लोगों से अपील की गई है कि वो अपने जानवरों को जंगल की अंदर नहीं ले जाएं.

गौरतलाब है कि गुरुवार को भी हल्द्वानी वनप्रभाग के छटाता रेंज में गोला नदी के किनारे झोपड़ी में रहने वाले मजदूर के 7 वर्षीय बच्चे को भी गुलदार ने अपना निवाला बना लिया था. ऐसे में बाघ के एक बार फिर से हमले के बाद बौड़खाता के रहने वाले लोगों में दहशत का माहौल है.

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