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32 दिन बाद भी नहीं लौटा टाइगर ST-2303 , ट्रेंकुलाइज करने में विफल वन विभाग की टीमें - SARISKA TIGER RESERVE

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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Sep 14, 2024, 1:07 PM IST

Tiger ventured into Haryana : 32 दिन पहले अलवर के सरिस्का से निकलकर हरियाणा के झाबुआ के जंगल में पहुंचा बाघ 2303 अब तक नहीं लौटा है. वन विभाग की टीमें बाघ को ट्रेंकुलाइज करने का प्रयास कर रही हैं, लेकन अब तक उनके हाथ खाली हैं.

सरिस्का से बाहर निकला युवा बाघ
सरिस्का से बाहर निकला युवा बाघ (ETV Bharat Alwar)
29 दिन बाद भी नहीं लौटा बाघ 2303 (वीडियो ईटीवी भारत अलवर)

अलवर : सरिस्का टाइगर रिजर्व की अलवर बफर रेंज से बाहर निकला युवा बाघ 2303 वन विभाग के लंबे प्रयास के बाद भी वापस नहीं लौट सका है. युवा बाघ को सरिस्का से बाहर निकले एक महीने से ज्यादा दिन हो चुके हैं, लेकिन सरिस्का समेत कई टाइगर रिजर्व की टीमें भी इसे ट्रेंकुलाइज कर पाने में कामयाब नहीं हो पाई हैं. यह युवा बाघ सरिस्का की अलवर बफर रेंज से गत 15 अगस्त को निकला था. अभी यह बाघ राजस्थान की सीमा पार कर हरियाणा के झाबुआ के जंगल में विचरण कर रहा है.

बाघ 2303 सरिस्का का युवा टाइगर है और इसे वापस सरिस्का लाना चाहिए. वन विभाग की ओर से बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के प्रयास किए गए हैं, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए हैं. वन विभाग को युवा बाघ को वापस लाने के लिए बड़ा पिंजरा लगाने, फीमेल बाघिन का सेंट लगाने, फीमेल बाघिन की आवाज से आकर्षित करने के प्रयास करने चाहिए. यह बाघ अच्छा है और प्रयास करने पर इसे वापस सरिस्का लाया जा सकता है. : दिनेश दुर्रानी, डायरेक्टर, सरिस्का टाइगर फाउंडेशन

सरिस्का के अलवर बफर रेंज का यह युवा बाघ 2303 सरिस्का से बाहर निकलकर चार लोगों पर हमला कर घायल भी कर चुका है. यह बाघ अलवर बफर रेंज से निकलकर तिजारा, कोटकासिम होते हुए हरियाणा के रेवाड़ी जिले के झाबुआ के जंगल में पहुंच चुका है. सरिस्का प्रशासन बाघ एसटी 2303 को वापस लाने के लिए सभी प्रयास कर चुका है, लेकिन अभी तक वन विभाग के सभी प्रयास व्यर्थ साबित हुए हैं. हालांकि, यह युवा बाघ करीब आठ महीने पहले भी सरिस्का की अलवर बफर रेंज से निकल किशनगढ़बास, खैरथल, तिजारा, कोटकासिम, भिवाड़ी होते हुए हरियाणा के रेवाड़ी जिले के जंगल में पहुंच चुका है. उस समय भी इस बाघ ने सरिस्का के एक वनकर्मी पर हमला कर घायल कर दिया था.

पढ़ें. कोटकासिम के गांव में बाघ एसटी 2303 की झलक, ट्रेंकुलाइज की कोशिश जारी, बूंदी किया जाएगा शिफ्ट - Tiger ST 2303 Spotted

युवा बाघ टेरिटरी की तलाश में घूम रहा : बाघ 2303 की उम्र करीब तीन साल हो चुकी है. इस उम्र में बाघ अपने माता-पिता से अलग होकर खुद की अलग टेरिटरी की तलाश में रहता है. अलवर बफर रेंज में अभी शावकों समेत 7 बाघ हैं और यहां बाघों के बीच टेरिटरी को लेकर संघर्ष चलता रहता है. यह बाघ भी अपने पिता की ओर से यहां से खदेड़ा गया है. इसी कारण यह टाइगर नई टेरिटरी की तलाश में हरियाणा तक पहुंच गया.

बाघ को ट्रेंकुलाइज करना हो रहा मुश्किल : युवा बाघ एसटी 2303 कुछ दिनों पहले कोटकासिम के जंगल में वापस आया, लेकिन कुछ दिन यहां घूमने के बाद वापस हरियाणा की ओर चला गया. इस दौरान वन विभाग के विशेषज्ञ ट्रेंकुलाइज की तैयारी के साथ वहां मौजूद थे, लेकिन जंगल में ग्रामीणों की हलचल और बाघ के झाड़ियां में छुपे होने के कारण विशेषज्ञ उसे ट्रेंकुलाइज नहीं कर पाए. युवा बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के लिए फिलहाल जयपुर, रणथंभौर के वन अधिकारियों की टीम भी मौके पर मौजूद है.

पढ़ें. सरिस्का में जंगल पर्याप्त, पर्यटकों को लुभा रहे बाघ, फिर इनके लिए क्यों तलाश रहे दूसरा 'बसेरा' - Sariska Tiger Reserve

29 दिन बाद भी नहीं लौटा बाघ 2303 (वीडियो ईटीवी भारत अलवर)

अलवर : सरिस्का टाइगर रिजर्व की अलवर बफर रेंज से बाहर निकला युवा बाघ 2303 वन विभाग के लंबे प्रयास के बाद भी वापस नहीं लौट सका है. युवा बाघ को सरिस्का से बाहर निकले एक महीने से ज्यादा दिन हो चुके हैं, लेकिन सरिस्का समेत कई टाइगर रिजर्व की टीमें भी इसे ट्रेंकुलाइज कर पाने में कामयाब नहीं हो पाई हैं. यह युवा बाघ सरिस्का की अलवर बफर रेंज से गत 15 अगस्त को निकला था. अभी यह बाघ राजस्थान की सीमा पार कर हरियाणा के झाबुआ के जंगल में विचरण कर रहा है.

बाघ 2303 सरिस्का का युवा टाइगर है और इसे वापस सरिस्का लाना चाहिए. वन विभाग की ओर से बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के प्रयास किए गए हैं, लेकिन वे सफल नहीं हो पाए हैं. वन विभाग को युवा बाघ को वापस लाने के लिए बड़ा पिंजरा लगाने, फीमेल बाघिन का सेंट लगाने, फीमेल बाघिन की आवाज से आकर्षित करने के प्रयास करने चाहिए. यह बाघ अच्छा है और प्रयास करने पर इसे वापस सरिस्का लाया जा सकता है. : दिनेश दुर्रानी, डायरेक्टर, सरिस्का टाइगर फाउंडेशन

सरिस्का के अलवर बफर रेंज का यह युवा बाघ 2303 सरिस्का से बाहर निकलकर चार लोगों पर हमला कर घायल भी कर चुका है. यह बाघ अलवर बफर रेंज से निकलकर तिजारा, कोटकासिम होते हुए हरियाणा के रेवाड़ी जिले के झाबुआ के जंगल में पहुंच चुका है. सरिस्का प्रशासन बाघ एसटी 2303 को वापस लाने के लिए सभी प्रयास कर चुका है, लेकिन अभी तक वन विभाग के सभी प्रयास व्यर्थ साबित हुए हैं. हालांकि, यह युवा बाघ करीब आठ महीने पहले भी सरिस्का की अलवर बफर रेंज से निकल किशनगढ़बास, खैरथल, तिजारा, कोटकासिम, भिवाड़ी होते हुए हरियाणा के रेवाड़ी जिले के जंगल में पहुंच चुका है. उस समय भी इस बाघ ने सरिस्का के एक वनकर्मी पर हमला कर घायल कर दिया था.

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युवा बाघ टेरिटरी की तलाश में घूम रहा : बाघ 2303 की उम्र करीब तीन साल हो चुकी है. इस उम्र में बाघ अपने माता-पिता से अलग होकर खुद की अलग टेरिटरी की तलाश में रहता है. अलवर बफर रेंज में अभी शावकों समेत 7 बाघ हैं और यहां बाघों के बीच टेरिटरी को लेकर संघर्ष चलता रहता है. यह बाघ भी अपने पिता की ओर से यहां से खदेड़ा गया है. इसी कारण यह टाइगर नई टेरिटरी की तलाश में हरियाणा तक पहुंच गया.

बाघ को ट्रेंकुलाइज करना हो रहा मुश्किल : युवा बाघ एसटी 2303 कुछ दिनों पहले कोटकासिम के जंगल में वापस आया, लेकिन कुछ दिन यहां घूमने के बाद वापस हरियाणा की ओर चला गया. इस दौरान वन विभाग के विशेषज्ञ ट्रेंकुलाइज की तैयारी के साथ वहां मौजूद थे, लेकिन जंगल में ग्रामीणों की हलचल और बाघ के झाड़ियां में छुपे होने के कारण विशेषज्ञ उसे ट्रेंकुलाइज नहीं कर पाए. युवा बाघ को ट्रेंकुलाइज करने के लिए फिलहाल जयपुर, रणथंभौर के वन अधिकारियों की टीम भी मौके पर मौजूद है.

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