देहरादून: वन्य जीव संरक्षण अधिनियम के तहत प्रत्येक टाइगर रिजर्व में वन्य जीव के संरक्षण को लेकर काम करने वाली टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन का गठन अनिवार्य है. इसके बावजूद भी राजाजी टाइगर रिजर्व में कंजर्वेशन फाउंडेशन का गठन नहीं हो पा रहा था. खास बात यह है कि प्रदेश में कॉर्बेट टाइगर रिजर्व में काफी पहले ही इस तरह के कंजर्वेशन फाउंडेशन का गठन कर लिया गया था, लेकिन, राजाजी टाइगर रिज़र्व इससे अछूता रह गया था. अब राजाजी टाइगर रिजर्व में भी टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन का गठन कर लिया गया है.
राजाजी टाइगर रिजर्व में टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन का गठन एक बड़ी कामयाबी इसलिए भी कहा जा सकता है क्योंकि पिछले कई सालों में इसके लिए प्रयास तो किए गए थे लेकिन इसके गठन को अंतिम रूप नहीं दिया जा सका था. स्टेट वाइल्डलाइफ बोर्ड में भी इसको लेकर दिशा निर्देश दिए गए थे. इसके महत्व को देखते हुए जल्द से जल्द इसे धरातल पर उतरने के लिए भी कहा गया. राजाजी टाइगर रिजर्व के निदेशक साकेत बडोला ने टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन के गठन को लेकर प्रयास किया. आखिरकार इसका गठन कर लिया गया है.
टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन के गठन होने के बाद अब राजाजी टाइगर रिजर्व में कॉरपोरेट फंड को CSR के रूप में उपयोग में लाया जा सकेगा. अब राजाजी टाइगर रिजर्व में टूरिज्म के तहत आने वाले राजस्व को भी पार्क की बेहतरी के लिए लगाया जा सकेगा. टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन में दो संस्थाएं काम करेंगी. जिसमें एक कमेटी गर्वनिंग बॉडी के रूप में होगी. जिसके अध्यक्ष के रूप में वन मंत्री काम करेंगे. वहीं दूसरी कमेटी एग्जीक्यूटिव बॉडी के रूप में काम करेगी, जो कार्यों का एग्जीक्यूशन करेगी. फिलहाल टाइगर कंजर्वेशन फाउंडेशन का रजिस्ट्रेशन करवा लिया गया है. एग्जीक्यूटिव बॉडी की पहली बैठक भी आहूत की जा चुकी है. अब गवर्निंग बॉडी की भी जल्द बैठक करवाई जाएगी.
राजाजी टाइगर रिजर्व में अब कर्मचारियों के प्रशिक्षण से लेकर इको टूरिज्म या तमाम कार्यों के रिपेयरिंग के काम के लिए अब किसी का मुंह नहीं ताकना होगा. फाउंडेशन के फंड से इन कार्यों को आसानी से कराया जा सकेगा.