लखीमपुर खीरीः जिले में फिर आदमखोर बाघ का आतंक देखने को मिला है. 15 दिन में बाघ ने दो लोगों को अपना निवाला बना चुका है. इमलिया और मूड़ा अस्सी सहित दर्जनों गांव के लोग टाइगर की दहशत में जी रहे हैं. लेकिन टाइगर अब तक वन विभाग के पकड़ में नहीं आया है. वन विभाग की टीमें लगातार सर्च ऑपरेशन चला रही है.
जानकारी के मुताबिक, हैदराबाद थाना क्षेत्र के गांव पन्नापुर निवासी विपिन कुमार (22) अपने जानवरों के खाने के लिए गन्ने की पत्ती तोड़ने के लिए गया था. ग्रामीणों का दावा है कि गन्ने के खेत में घात लगाए बैठे बाघ ने विपिन पर पीछे से हमला कर दिया. हमले के बाद युवक विपिन जोर-जोर से चिल्लाने लगा. इसके साथ ही बाघ से विपिन लड़ने लगा. वहीं, पड़ोस के खेतों में काम कर रहे मजदूरों ने आवाज सुनी दौड़कर मौके पर पहुंचे. मजदूरों ने देखा कि बाघ और विपिन के बीच लड़ाई हो रही है. शोर मचाने पर बाघ विपिन को छोड़कर गन्ने के खेत में घुस गया. इसके बाद लोगों ने घायल विपिन को मोटरसाइकिल के जरिए सीएससी गोला लेकर गए, जहां परिवार का इलाज चल रहा है.
विपिन की पीठ और हाथों में बाघ के हमले जख्म दिखाई दे रहे हैं. लोग इस बात की सराहना भी कर रहे हैं कि विपिन दो-तीन मिनट तक बाघ से टक्कर लेता रहा. क्षेत्र के लोगों का कहना है कि आखिर यह आदमखोर बाग कब तक लोगों को अपनाने वाला बनाएगा. बाघ की दहशत में हम लोग अपनी फसलों की रखवाली नहीं कर पा रहे हैं. जब हम लोगों की फसल नहीं बचेगी तो परिवार को कैसे चलाएंगे. किसानों का कहना है तेज हवाओं के साथ हो रही बारिश से गन्ने की फसल पूरी तरह से जमीदोंज हो गई है. पूरा गाना जमीन पर गिर गया है. यदि गन्ना नहीं बंधवाएंगे तो बर्बाद हो जाएंगे.
वहीं, डीएफओ दक्षिण खीरी संजय बिस्वाल ने कहा कि यह बाघ का हमला नहीं हो सकता. कोई छोटी प्रजाति का जानवर ने हमला किया है. उन्होंने कहा कि टाइगर को हम लोग तभी पकड़ पाएंगे, जब किसान अपने गाने के खेत खाली करेगा. हम लोग बहुत ही ज्यादा परेशान हो चुके हैं. टाइगर पकड़ में नहीं आ रहा है. चीनी मिल के अधिकारियों के साथ बैठक की जाएगी. बैठक में जो भी निर्णय लिया जाएगा, उसी हिसाब से आगे काम करेंगे.