जयपुर. राजधानी जयपुर के मानसरोवर थाना इलाके में 2021 में हुए सुमन हत्याकांड मामले में लापरवाही बरतने पर तीन पुलिसकर्मियों को सस्पेंड किया गया है. सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर डीजीपी यू आर साहू ने मानसरोवर थाने के तत्कालीन एसएचओ दिलीप सोनी सब इंस्पेक्टर वंदना और कांस्टेबल सरोज को सस्पेंड किया है. करीब 20 दिन पहले ही तीनों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया गया था. मृतक महिला की नाबालिग बेटी को थाने पर लाकर धमकाने, मां की हत्या बेटी ने की है ऐसा कबूल करने का दबाव बनाने और रोजनामचे में एंट्री नहीं करने पर तीनों पुलिसकर्मियों पर गाज गिरी है.
बता दें कि जयपुर के मानसरोवर इलाके में में करीब 3 साल पहले महिला की हत्या हुई थी. महिला की हत्या के मामले में उसकी नाबालिग बेटी को थाने पर लाकर पूछताछ करने के मामले में करीब 20 दिन पहले चार पुलिस कर्मियों पर किशोर न्याय कानून के प्रावधानों का उल्लंघन करने के आरोप में मुकदमा दर्ज हुआ था. महिला की हत्या के मामले में मृतका की नाबालिग बेटी को वारदात कबूल करने के लिए धमकाने का आरोप पुलिस पर लगा था. पुलिस पर यह भी आरोप था की नाबालिग को बिना रोजनामचे में एंट्री किए थाने में लाकर पूछताछ की गई और वारदात कबूल के लिए धमकाया गया. न्यायिक प्रक्रिया के दौरान सामने आए तथ्यों के आधार पर सुप्रीम कोर्ट की दखल के बाद मानसरोवर थाने के तत्कालीन थाना अधिकारी दिलीप सोनी, सब इंस्पेक्टर वंदना और कांस्टेबल सरोज समेत एक अन्य कांस्टेबल के खिलाफ मानसरोवर थाने में मुकदमा दर्ज करवाया गया था.
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जयपुर पुलिस कमिश्नर बीजू जॉर्ज जोसफ के मुताबिक एडिशनल डीसीपी (क्राइम) श्रीमनलाल मीना की रिपोर्ट पर मानसरोवर थाने के तत्कालीन एसएचओ दिलीप सोनी, एसआई वंदना नरूका, महिला कांस्टेबल सरोज चौधरी और एक अन्य कांस्टेबल के खिलाफ मानसरोवर थाने में मुकदमा दर्ज किया गया. यह पूरा मामला साल 2021 में एक महिला सुमन की हत्या से जुड़ा हुआ है. सुमन घरेलू कामकाज करने वाली अपनी बेटी के साथ रामवीर नाम के शख्स के घर गई थी. तभी गोली लगने से उसकी मौत हो गई थी. पुलिस ने हत्या और आर्म्स एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कर रामवीर और उसके दोस्त को गिरफ्तार किया कर ट्रायल शुरू करवाया.
ट्रायल के दौरान मृतका की नाबालिग बेटी की गवाही के आधार पर सुप्रीम कोर्ट की टिप्पणी के बाद चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ. इस मामले में पुलिस पर किशोर न्याय कानून (जुवेनाइल जस्टिस एक्ट) के प्रावधानों की पालना नहीं करने के आरोप लगे हैं.