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लातेहार में आदिवासी बच्चों को मिलेगी बेहतर शिक्षा, जिला में बनाए गए तीन एकलव्य स्कूल - Eklavya schools built in Latehar

Eklavya Schools in Latehar. कल्याण विभाग के द्वारा जवाहर नवोदय विद्यालय के तर्ज पर लातेहार जिले में तीन एकलव्य विद्यालय की स्थापना करायी गई. इसके लिए एंट्रेंस एग्जाम के तहत नामांकन के लिए बच्चों की सूची तैयार की गई है, जिसमें टैलेंटेड आदिवासी बच्चों का नामांकन किया जाएगा और उन्हें मॉडल शिक्षा दी जाएगी.

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एकलव्य विद्यालय की तस्वीर (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 25, 2024, 5:59 PM IST

लातेहार: जिले के होनहार आदिवासी छात्र-छात्राओं को अब उड़ाने के लिए पंख मिल सकेंगे. टैलेंटेड आदिवासी बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए लातेहार जिले में कल्याण विभाग के द्वारा तीन एकलव्य विद्यालय की स्थापना की गयी है. इन विद्यालयों में जवाहर नवोदय विद्यालय के तर्ज पर बच्चों को मॉडल शिक्षा उपलब्ध करायी जाएगी.

संवाददाता राजीव कुमार की रिपोर्ट (ETV BHARAT)

दरअसल, लातेहार जिला आदिवासी बहुल जिला है. लेकिन ग्रामीण स्तर पर शिक्षा की स्थिति कुछ खास बेहतर नहीं है. यहां कई ऐसे आदिवासी बच्चे हैं जो काफी टैलेंटेड और होनहार होने के बावजूद बेहतर गाइडेंस नहीं मिलने के कारण आगे नहीं बढ़ पाते हैं. इस समस्या के समाधान और होनहार आदिवासी बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए कल्याण विभाग के द्वारा जवाहर नवोदय विद्यालय के तर्ज पर लातेहार जिले में तीन एकलव्य विद्यालय की स्थापना करायी गई है. इस विद्यालय में टैलेंटेड आदिवासी बच्चों का नामांकन किया जाएगा और उन्हें मॉडल शिक्षा दी जाएगी. संभावना जताई जा रही है कि सितंबर के पहले सप्ताह से यहां पढ़ाने का कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा.

छठी और सातवीं क्लास में होगा नामांकन

लातेहार समेकित आदिवासी विकास परिषद के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रवीण कुमार गागराई ने बताया कि स्कूल में जल्द ही पठन-पाठन आरंभ करवाने के लिए पूरी तरह सक्रिय हैं. उनका कहना है कि लातेहार जिले में लातेहार प्रखंड, बरवाडीह प्रखंड और गारू प्रखंड में एकलव्य विद्यालय की स्थापना की गई है. प्रत्येक विद्यालय में पहले चरण में छठी और सातवीं क्लास में छात्र-छात्राओं का नामांकन किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक कक्षा में 30 छात्र और 30 छात्राओं का नामांकन होगा. एंट्रेंस एग्जाम के तहत नामांकन के लिए बच्चों की सूची तैयार की गई है. विद्यालय में पढ़ाने के लिए शिक्षकों का भी चयन कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि यहां जवाहर नवोदय विद्यालय के तर्ज पर आवासीय व्यवस्था की गई है. छात्र और छात्राओं के लिए अलग-अलग छात्रावास बनाए गए हैं.

बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का लक्ष्य

प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने बताया कि इस विद्यालय का लक्ष्य है कि जो बच्चे होनहार हैं, उन्हें बेहतर शिक्षा मिल सके. बच्चों को मॉडल शिक्षा उपलब्ध कराना इस विद्यालय का मुख्य मकसद है. विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को पूरी तरह निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. लातेहार के होनहार आदिवासी बच्चों के सुनहरे भविष्य के निर्माण में एकलव्य विद्यालय मिल का पत्थर साबित होगा.

ये भी पढ़ें: लातेहार के युवक की केरल में मौत, परिजनों ने जताई हत्या की आशंका

ये भी पढ़ें: लातेहार में नवजात बच्चों के लिंगानुपात का भयावह ग्राफ, जानें क्या कहते हैं एक्सपर्ट

लातेहार: जिले के होनहार आदिवासी छात्र-छात्राओं को अब उड़ाने के लिए पंख मिल सकेंगे. टैलेंटेड आदिवासी बच्चों को बेहतर शिक्षा देने के लिए लातेहार जिले में कल्याण विभाग के द्वारा तीन एकलव्य विद्यालय की स्थापना की गयी है. इन विद्यालयों में जवाहर नवोदय विद्यालय के तर्ज पर बच्चों को मॉडल शिक्षा उपलब्ध करायी जाएगी.

संवाददाता राजीव कुमार की रिपोर्ट (ETV BHARAT)

दरअसल, लातेहार जिला आदिवासी बहुल जिला है. लेकिन ग्रामीण स्तर पर शिक्षा की स्थिति कुछ खास बेहतर नहीं है. यहां कई ऐसे आदिवासी बच्चे हैं जो काफी टैलेंटेड और होनहार होने के बावजूद बेहतर गाइडेंस नहीं मिलने के कारण आगे नहीं बढ़ पाते हैं. इस समस्या के समाधान और होनहार आदिवासी बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध कराने के लिए कल्याण विभाग के द्वारा जवाहर नवोदय विद्यालय के तर्ज पर लातेहार जिले में तीन एकलव्य विद्यालय की स्थापना करायी गई है. इस विद्यालय में टैलेंटेड आदिवासी बच्चों का नामांकन किया जाएगा और उन्हें मॉडल शिक्षा दी जाएगी. संभावना जताई जा रही है कि सितंबर के पहले सप्ताह से यहां पढ़ाने का कार्य भी शुरू कर दिया जाएगा.

छठी और सातवीं क्लास में होगा नामांकन

लातेहार समेकित आदिवासी विकास परिषद के प्रोजेक्ट डायरेक्टर प्रवीण कुमार गागराई ने बताया कि स्कूल में जल्द ही पठन-पाठन आरंभ करवाने के लिए पूरी तरह सक्रिय हैं. उनका कहना है कि लातेहार जिले में लातेहार प्रखंड, बरवाडीह प्रखंड और गारू प्रखंड में एकलव्य विद्यालय की स्थापना की गई है. प्रत्येक विद्यालय में पहले चरण में छठी और सातवीं क्लास में छात्र-छात्राओं का नामांकन किया जाएगा, जिसमें प्रत्येक कक्षा में 30 छात्र और 30 छात्राओं का नामांकन होगा. एंट्रेंस एग्जाम के तहत नामांकन के लिए बच्चों की सूची तैयार की गई है. विद्यालय में पढ़ाने के लिए शिक्षकों का भी चयन कर लिया गया है. उन्होंने बताया कि यहां जवाहर नवोदय विद्यालय के तर्ज पर आवासीय व्यवस्था की गई है. छात्र और छात्राओं के लिए अलग-अलग छात्रावास बनाए गए हैं.

बच्चों को बेहतर शिक्षा देने का लक्ष्य

प्रोजेक्ट डायरेक्टर ने बताया कि इस विद्यालय का लक्ष्य है कि जो बच्चे होनहार हैं, उन्हें बेहतर शिक्षा मिल सके. बच्चों को मॉडल शिक्षा उपलब्ध कराना इस विद्यालय का मुख्य मकसद है. विद्यालय में पढ़ने वाले बच्चों को पूरी तरह निःशुल्क सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी. लातेहार के होनहार आदिवासी बच्चों के सुनहरे भविष्य के निर्माण में एकलव्य विद्यालय मिल का पत्थर साबित होगा.

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