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झरिया विधानसभा सीट पर चर्चित घराने की तीन बहुएं होंगी आमने-सामने! इसी परिवार से 9 बार बने हैं विधायक - Jharkhand Assembly Elections 2024 - JHARKHAND ASSEMBLY ELECTIONS 2024

Jharia Assembly Seat. धनबाद के झरिया विधानसभा सीट के लिए एक ही परिवार की तीन बहुरानी चुनाव में एक-दूसरे से दो-दो हाथ करने को तैयार हैं. इस रिपोर्ट में झरिया विधानसभा सीट और राजघराने की बारे में पढ़ें.

Jharia Assembly Seat
कोलाज इमेज (ईटीवी भारत)
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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 24, 2024, 8:29 AM IST

धनबाद: नीचे आग और ऊपर दौड़ती भागती जिंदगी, हम बात कर रहें झरिया की. यहां नीचे आग के दो मायने हैं. एक मायने तो जैसा कि झरिया के नीचे विभिन्न इलाकों में आग लगी हुई. इसके दूसरे मायने भी हैं कि एक ही घराने के बीच अंदर-अंदर सुलग रही बगावत की आग. जी हम बात कर रहें है झरिया विधानसभा क्षेत्र में 1977 से राज करने वाले उस बड़े घराने की जिसे सिंह मेंशन के नाम से जाना जाता है. जिसकी धनबाद ही नहीं बल्कि झारखंड से लेकर यूपी के बलिया तक अपनी रसूख है.

सिंह मेंशन और रघुकुल कभी एक ही घराना था. लेकिन अदावत की अंदर-अंदर सुलग रही आग के कारण यह घराने के दो फाड़ हुए रघुकुल और सिंह मेंशन. रघुकुल की बहु पूर्णिमा नीरज सिंह वर्तमान में झरिया की विधायक हैं. इसके पहले सिंह मेंशन के संजीव सिंह यहां के विधायक रहे. अब इसी घराने से एक कुनबा और बन गया है. यह कुनबा है पृथ्वी मेंशन. पृथ्वी मेंशन की बहु आसनी सिंह की मजदूर संगठन के रास्ते राजनीति में एंट्री हो चुकी है. इस बार आसनी सिंह भी आने वाले विधानसभा चुनाव में दो-दो हांथ करने के लिए कमर कस चुकी हैं.

मतलब साफ है एक ही घराने की तीन-तीन बहुएं इस बार झरिया विधानसभा सीट से चुनावी समर उतरेंगी. जबकि इसी झरिया विधानसभा क्षेत्र की जनता ने इसी एक घराने से ही नौ बार विधायक का चुना हैं. मतलब साफ है, इस घराने पर झरिया की जनता का ना सिर्फ विश्वास है बल्कि अगाध प्रेम भी झलकता है.

मजदूरों के मसीहा कहे जाने वाले सूर्यदेव सिंह 1977 से चार बार विधायक रहे. उनके निधन के बाद उनकी पत्नी कुंती सिंह दो बार और फिर उनके बेटे एक बार यहां से विधायक रहे. उनके भाई बच्चा सिंह भी झरिया से विधायक रह चुके हैं.

फिलहाल झरिया से रघुकुल की बहु पूर्णिमा नीरज सिंह कांग्रेस से विधायक हैं. विधानसभा चुनाव 2019 में सिंह मेंशन की बहु यानी स्व सूर्यदेव सिंह के बेटे संजीव सिंह की पत्नी रागिनी भाजपा से चुनाव लड़ीं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. पिछली बार झरिया विधानसभा सीट से पूर्णिमा नीरज सिंह ने जीत हासिल की.

झरिया विधानसभा सीट के लिए रागिनी सिंह पूरी तरह से एक्टिव मोड में हैं. शायद ही कोई ऐसा दिन हो जो रागिनी सिंह झरिया की जनता के बीच नहीं रहती हों. फिलहाल रागिनी सिंह बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की सदस्य हैं. बीजेपी के हर छोटे बड़े कार्यक्रमों में वह काफी शिद्दत के साथ जुटी रहती है.

वहीं, वर्तमान विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह भी झरिया की जनता की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. जन कल्याणकारी योजनाओं को झरिया में उतारने के लिए वह कड़ी मेहनत भी कर रही हैं. ताकि झरिया की जनता ने जो उन्हें जगह दी वह जगह उनकी बनी रही.

वहीं, दूसरी ओर तीसरे घराने पृथ्वी मेंशन की बहु आसनी सिंह भी मजदूर संगठन जनता श्रमिक संघ के रास्ते राजनीति में सक्रिय हो गईं हैं. मजदूरों की होने वाली सभाओं में आसनी सिंह शिरकत कर रहीं हैं. आसनी सिंह के मीडिया प्रभारी बिमलेश सिंह ने कहा कि उनका चुनाव लड़ना तय है. किस पार्टी से लड़ेंगी, इस पर फिलहाल निर्णय नहीं हो सका है. इसके लिए बैठक चल रही है. बहुत जल्द सब कुछ साफ हो जाएगा. अपने मजदूर संगठन के माध्यम से आसनी सिंह जनता के बीच जा रही हैं. उनकी समस्याओं को निदान करने की भरपूर कोशिश कर रहीं हैं. ईटीवी भारत के धनबाद संवाददाता के साथ आसनी सिंह के मीडिया प्रभारी बिमलेश सिंह से शुक्रवार को (11 बजकर 42 मिनट) हुई बातचीत में कहा गया कि वो झरिया विधानसभा से चुनाव लड़ेंगी. हालांकि बाद में शनिवार दोपहर (1 बजकर 40 मिनट) को फोन पर हुई बातचीत में बताया गया कि झरिया सीट से चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन वह धनबाद में किसी अन्य विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी. उन्होंने कहा कि सम्भवतः वह धनबाद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी.

रागिनी सिंह स्व सूर्यदेव सिंह के बेटे संजीव सिंह की पत्नी हैं. जबकि पूर्णिमा नीरज सिंह, स्व सूर्यदेव सिंह के भाई स्व विक्रमा सिंह के बेटे स्व नीरज सिंह की पत्नी हैं. वहीं आसनी सिंह, सूर्यदेव सिंह के भाई रामाधीन सिंह के बेटे शशि सिंह की पत्नी हैं.

अपने चचेरे भाई नीरज सिंह हत्याकांड में सूर्यदेव सिंह के बेटे और झरिया के पूर्व बीजेपी विधायक संजीव सिंह 2017 से ही जेल में है. 2019 में उनके जेल में रहने के कारण झरिया विधानसभा से उनकी पत्नी रागिनी सिंह भाजपा से चुनाव लड़ी थी. जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा. जबकि पूर्णिमा नीरज सिंह को जनता की सहानुभूति मिली और कांग्रेस की टिकट पर यह सीट जीत गईं.

जबकि रामाधीर सिंह के बेटे शशि सिंह कोल किंगपिन सुरेश सिंह हत्याकांड में मुख्य आरोपी हैं और वह फरार हैं. उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया है. रामाधीर सिंह हत्या के एक मामले में सजायफ्ता हैं और फिलहाल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.

सिंह मेंशन में सबसे बड़े सूर्यदेव सिंह, झारखंड के पूर्व मंत्री बच्चा सिंह, बैरिया के पूर्व विधायक विक्रमा सिंह, बलिया के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रामाधीर सिंह व सबसे छोटा राजन सिंह. जिसमें सूर्यदेव सिंह, बच्चा सिंह व राजन सिंह का निधन हो चुका है. जबकि दो भाई अभी जीवित है.

धनबाद: नीचे आग और ऊपर दौड़ती भागती जिंदगी, हम बात कर रहें झरिया की. यहां नीचे आग के दो मायने हैं. एक मायने तो जैसा कि झरिया के नीचे विभिन्न इलाकों में आग लगी हुई. इसके दूसरे मायने भी हैं कि एक ही घराने के बीच अंदर-अंदर सुलग रही बगावत की आग. जी हम बात कर रहें है झरिया विधानसभा क्षेत्र में 1977 से राज करने वाले उस बड़े घराने की जिसे सिंह मेंशन के नाम से जाना जाता है. जिसकी धनबाद ही नहीं बल्कि झारखंड से लेकर यूपी के बलिया तक अपनी रसूख है.

सिंह मेंशन और रघुकुल कभी एक ही घराना था. लेकिन अदावत की अंदर-अंदर सुलग रही आग के कारण यह घराने के दो फाड़ हुए रघुकुल और सिंह मेंशन. रघुकुल की बहु पूर्णिमा नीरज सिंह वर्तमान में झरिया की विधायक हैं. इसके पहले सिंह मेंशन के संजीव सिंह यहां के विधायक रहे. अब इसी घराने से एक कुनबा और बन गया है. यह कुनबा है पृथ्वी मेंशन. पृथ्वी मेंशन की बहु आसनी सिंह की मजदूर संगठन के रास्ते राजनीति में एंट्री हो चुकी है. इस बार आसनी सिंह भी आने वाले विधानसभा चुनाव में दो-दो हांथ करने के लिए कमर कस चुकी हैं.

मतलब साफ है एक ही घराने की तीन-तीन बहुएं इस बार झरिया विधानसभा सीट से चुनावी समर उतरेंगी. जबकि इसी झरिया विधानसभा क्षेत्र की जनता ने इसी एक घराने से ही नौ बार विधायक का चुना हैं. मतलब साफ है, इस घराने पर झरिया की जनता का ना सिर्फ विश्वास है बल्कि अगाध प्रेम भी झलकता है.

मजदूरों के मसीहा कहे जाने वाले सूर्यदेव सिंह 1977 से चार बार विधायक रहे. उनके निधन के बाद उनकी पत्नी कुंती सिंह दो बार और फिर उनके बेटे एक बार यहां से विधायक रहे. उनके भाई बच्चा सिंह भी झरिया से विधायक रह चुके हैं.

फिलहाल झरिया से रघुकुल की बहु पूर्णिमा नीरज सिंह कांग्रेस से विधायक हैं. विधानसभा चुनाव 2019 में सिंह मेंशन की बहु यानी स्व सूर्यदेव सिंह के बेटे संजीव सिंह की पत्नी रागिनी भाजपा से चुनाव लड़ीं, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. पिछली बार झरिया विधानसभा सीट से पूर्णिमा नीरज सिंह ने जीत हासिल की.

झरिया विधानसभा सीट के लिए रागिनी सिंह पूरी तरह से एक्टिव मोड में हैं. शायद ही कोई ऐसा दिन हो जो रागिनी सिंह झरिया की जनता के बीच नहीं रहती हों. फिलहाल रागिनी सिंह बीजेपी प्रदेश कार्यसमिति की सदस्य हैं. बीजेपी के हर छोटे बड़े कार्यक्रमों में वह काफी शिद्दत के साथ जुटी रहती है.

वहीं, वर्तमान विधायक पूर्णिमा नीरज सिंह भी झरिया की जनता की सेवा में कोई कसर नहीं छोड़ रही है. जन कल्याणकारी योजनाओं को झरिया में उतारने के लिए वह कड़ी मेहनत भी कर रही हैं. ताकि झरिया की जनता ने जो उन्हें जगह दी वह जगह उनकी बनी रही.

वहीं, दूसरी ओर तीसरे घराने पृथ्वी मेंशन की बहु आसनी सिंह भी मजदूर संगठन जनता श्रमिक संघ के रास्ते राजनीति में सक्रिय हो गईं हैं. मजदूरों की होने वाली सभाओं में आसनी सिंह शिरकत कर रहीं हैं. आसनी सिंह के मीडिया प्रभारी बिमलेश सिंह ने कहा कि उनका चुनाव लड़ना तय है. किस पार्टी से लड़ेंगी, इस पर फिलहाल निर्णय नहीं हो सका है. इसके लिए बैठक चल रही है. बहुत जल्द सब कुछ साफ हो जाएगा. अपने मजदूर संगठन के माध्यम से आसनी सिंह जनता के बीच जा रही हैं. उनकी समस्याओं को निदान करने की भरपूर कोशिश कर रहीं हैं. ईटीवी भारत के धनबाद संवाददाता के साथ आसनी सिंह के मीडिया प्रभारी बिमलेश सिंह से शुक्रवार को (11 बजकर 42 मिनट) हुई बातचीत में कहा गया कि वो झरिया विधानसभा से चुनाव लड़ेंगी. हालांकि बाद में शनिवार दोपहर (1 बजकर 40 मिनट) को फोन पर हुई बातचीत में बताया गया कि झरिया सीट से चुनाव लड़ने के कयास लगाए जा रहे थे लेकिन वह धनबाद में किसी अन्य विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी. उन्होंने कहा कि सम्भवतः वह धनबाद विधानसभा सीट से चुनाव लड़ेंगी.

रागिनी सिंह स्व सूर्यदेव सिंह के बेटे संजीव सिंह की पत्नी हैं. जबकि पूर्णिमा नीरज सिंह, स्व सूर्यदेव सिंह के भाई स्व विक्रमा सिंह के बेटे स्व नीरज सिंह की पत्नी हैं. वहीं आसनी सिंह, सूर्यदेव सिंह के भाई रामाधीन सिंह के बेटे शशि सिंह की पत्नी हैं.

अपने चचेरे भाई नीरज सिंह हत्याकांड में सूर्यदेव सिंह के बेटे और झरिया के पूर्व बीजेपी विधायक संजीव सिंह 2017 से ही जेल में है. 2019 में उनके जेल में रहने के कारण झरिया विधानसभा से उनकी पत्नी रागिनी सिंह भाजपा से चुनाव लड़ी थी. जिसमें उन्हें हार का सामना करना पड़ा. जबकि पूर्णिमा नीरज सिंह को जनता की सहानुभूति मिली और कांग्रेस की टिकट पर यह सीट जीत गईं.

जबकि रामाधीर सिंह के बेटे शशि सिंह कोल किंगपिन सुरेश सिंह हत्याकांड में मुख्य आरोपी हैं और वह फरार हैं. उसे भगोड़ा घोषित कर दिया गया है. रामाधीर सिंह हत्या के एक मामले में सजायफ्ता हैं और फिलहाल जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहा है.

सिंह मेंशन में सबसे बड़े सूर्यदेव सिंह, झारखंड के पूर्व मंत्री बच्चा सिंह, बैरिया के पूर्व विधायक विक्रमा सिंह, बलिया के पूर्व जिला पंचायत अध्यक्ष रामाधीर सिंह व सबसे छोटा राजन सिंह. जिसमें सूर्यदेव सिंह, बच्चा सिंह व राजन सिंह का निधन हो चुका है. जबकि दो भाई अभी जीवित है.


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