रुद्रपुर: नाबालिग से दुष्कर्म मामले में रुद्रपुर एफटीएससी कोर्ट (Fast Track Special Courts) ने मुख्य आरोपी सहित उसकी सहायता करने वाले दो अन्य आरोपियों को दोषी करार दिया है. इन दोषियों को 20-20 वर्ष के कठोर कारावास की सजा सुनाई है. साथ ही तीनों दोषियों पर 1 लाख 56 हजार का जुर्माना भी लगाया है. इस दौरान विशेष लोक अभियोजक द्वारा कोर्ट के समक्ष 9 गवाह प्रस्तुत किए गए.
दुष्कर्म के दोषी को जेल: जानकारी के मुताबिक अप्रैल 2022 में किच्छा कोतवाली पुलिस को एक व्यक्ति द्वारा तहरीर दी गई थी. तहरीर में बताया गया कि रयुली देवरनिया राजू उसकी 12 साल की बेटी पर बुरी नजर रखता था. 6 अप्रैल को वह पास के गांव में दूध लेने गई थी. जब वह घर लौट रही थी, तब आरोपी राजू अपने दोस्त लालता प्रसाद और दीपू निवासी सैंजन किच्छा के साथ उसे पकड़ कर पास की झाड़ियों में ले गए. वहा पर उसके मुंह में कपड़ा ठूंसकर राजू द्वारा दुष्कर्म किया गया.
सहायता करने वाले साथियों को भी जेल: घर लौटने पर बेटी ने उसे आप बीती बताई. नाबालिग के पिता की तहरीर पर किच्छा कोतवाली पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. 17 जून 2022 को जांच अधिकारी ने कोर्ट में आरोप पत्र दाखिल किया. तब से मामला एफटीसीसी/अपर सत्र न्यायाधीश संगीता आर्या की कोर्ट में चल रहा था.
9 गवाहों ने दी गवाही: इस दौरान विशेष लोक अभियोजक द्वारा कोर्ट के समक्ष 9 गवाह पेश किए गए. गवाहों की गवाही सुनने के बाद कोर्ट ने राजू, दीपू और लालता प्रसाद को दोषी पाया. कोर्ट ने तीनों को 20-20 साल के कठोर कारावास और 52-52 हजार के जुर्माने की सजा सुनाई है. साथ ही जुर्माने की धनराशि से पीड़िता को 41-41 हजार रुपए प्रतिकर के रूप में देने के आदेश जारी किए हैं. इसके अलावा पीड़िता को एक लाख रुपए प्रतिकर देने के लिए जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के द्वारा जिलाधिकारी आदेश जारी किए हैं.
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