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2020 दिल्ली हिंसा: आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या के तीन आरोपियों को मिली जमानत - IB officer Ankit Sharma murder case

2020 दिल्ली हिंसा के दौरान आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या मामले में शामिल तीन आरोपियों को दिल्ली हाईकोर्ट ने जमानत दे दी. जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने ये आदेश दिया है.

आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या केस
आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या केस (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 2, 2024, 7:25 PM IST

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या में शामिल तीन आरोपियों को जमानत दे दी. जबकि, कोर्ट ने एक आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी. हाईकोर्ट ने आरोपियों शोएब आलम, गुलफाम और जावेद को जमानत दी. वहीं, आरोपी नाजिम को जमानत देने से इनकार कर दिया. जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने ये आदेश दिया.

दरअसल, 26 फरवरी 2020 को अंकित शर्मा के पिता रविंद्र कुमार दयालपुर थाने आए और कहा कि उनका बेटा 25 फरवरी को अपने दफ्तर से लौटकर शाम को कुछ सामान खरीदने गया था. जब अंकित शर्मा बहुत देर तक नहीं आए तो उनके पिता ने कई जगह खोजा और अस्पतालों में भी गए. रात तक इंतजार करने के बाद उन्होंने गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई. उसके बाद उन्हें कुछ लड़कों ने बताया कि एक लड़के को मारकर खजूरी खास नाले में फेंक दिया गया है. उसी नाले से अंकित शर्मा का शव निकाला गया था.

जांच के दौरान पुलिस ने अंकित शर्मा के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पाया था कि उनके शरीर पर 51 धारदार और भोथरे हथियारों से वार किए गए थे. उसके बाद इस केस की जांच 28 फरवरी 2020 को क्राइम ब्रांच की एसआईटी को सौंप दी गई थी. आगे की जांच में मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन के घर और उसके आसपास के इलाकों में मलबा, पत्थर, ईट, टूटी बोतलें, बुलेट और कुछ जली हुई चीजें मिली. ताहिर हुसैन के मकान का इस्तेमाल दंगाईयों ने ईट और पत्थरबाजी करने के लिए किया था. ताहिर हुसैन के घर के तीसरे मंजिल की छत पर गुलेल, पत्थर, पेट्रोल की बोतलें मिली थी.

नई दिल्ली: दिल्ली हाईकोर्ट ने 2020 के दिल्ली दंगों के दौरान आईबी अधिकारी अंकित शर्मा की हत्या में शामिल तीन आरोपियों को जमानत दे दी. जबकि, कोर्ट ने एक आरोपी की जमानत याचिका खारिज कर दी. हाईकोर्ट ने आरोपियों शोएब आलम, गुलफाम और जावेद को जमानत दी. वहीं, आरोपी नाजिम को जमानत देने से इनकार कर दिया. जस्टिस नवीन चावला की बेंच ने ये आदेश दिया.

दरअसल, 26 फरवरी 2020 को अंकित शर्मा के पिता रविंद्र कुमार दयालपुर थाने आए और कहा कि उनका बेटा 25 फरवरी को अपने दफ्तर से लौटकर शाम को कुछ सामान खरीदने गया था. जब अंकित शर्मा बहुत देर तक नहीं आए तो उनके पिता ने कई जगह खोजा और अस्पतालों में भी गए. रात तक इंतजार करने के बाद उन्होंने गुमशुदगी की रिपोर्ट लिखवाई. उसके बाद उन्हें कुछ लड़कों ने बताया कि एक लड़के को मारकर खजूरी खास नाले में फेंक दिया गया है. उसी नाले से अंकित शर्मा का शव निकाला गया था.

जांच के दौरान पुलिस ने अंकित शर्मा के पोस्टमार्टम रिपोर्ट में पाया था कि उनके शरीर पर 51 धारदार और भोथरे हथियारों से वार किए गए थे. उसके बाद इस केस की जांच 28 फरवरी 2020 को क्राइम ब्रांच की एसआईटी को सौंप दी गई थी. आगे की जांच में मुख्य आरोपी ताहिर हुसैन के घर और उसके आसपास के इलाकों में मलबा, पत्थर, ईट, टूटी बोतलें, बुलेट और कुछ जली हुई चीजें मिली. ताहिर हुसैन के मकान का इस्तेमाल दंगाईयों ने ईट और पत्थरबाजी करने के लिए किया था. ताहिर हुसैन के घर के तीसरे मंजिल की छत पर गुलेल, पत्थर, पेट्रोल की बोतलें मिली थी.

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