लखनऊ : नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुराचार करने के बाद हत्या करने के आरोपी हैदरगढ़ थाने के विमुखी खेड़ा निवासी सद्गुरू लोध, दीपक उर्फ दीपू कोरी तथा थाना गौतमपल्ली लखनऊ के रहने वाले टीपू उर्फ माइकल को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश विजेंद्र त्रिपाठी ने उम्रकैद की सजा के साथ-साथ प्रत्येक को 18 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है. अदालत ने चौथे आरोपी मोहम्मद नासिर को संदेह का लाभ देकर बरी कर दिया है.
अदालत को विशेष अधिवक्ता अभिषेक उपाध्याय एवं अरुण कुमार ने बताया कि इस मामले की रिपोर्ट मृतका के भाई द्वारा जानकीपुरम थाने में दर्ज कराई गई थी. रिपोर्ट में कहा गया है कि 10 फरवरी 2016 को सुबह करीब आठ बजे उसकी 17 वर्षीय बहन स्कूल के लिए निकली थी. उसके बाद से उसका कोई पता नहीं चल रहा है तथा वह अभी तक वापस नहीं आई है. रिपोर्ट में आशंका व्यक्त की गई थी कि उसकी बहन किसी परेशानी में है तथा उसका मोबाइल फोन चालू हालत में है लेकिन, बात नहीं हो पा रही है. आरोपी सद्गुरु लोध, दीपक उर्फ दीपू कोरी तथा टीपू उर्फ माइकल को आजीवन कारावास एवं जुर्माने की सजा से दंडित करते हुए अदालत ने कहा है कि यद्यपि यह आरोपी प्रथम सूचना रिपोर्ट में नामजद नहीं है. लेकिन, घटना की परिस्थितियों एवं परिस्थित जन्य साक्ष्य के आधार पर दोषी करार दिया जाता है.
नाबालिग से दुराचार के आरोपी को 14 साल की कैद : नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ दुराचार करने के आरोपी मसीढ़ा गांव के रहने वाले शुकुरु धोबी को पॉक्सो एक्ट के विशेष न्यायाधीश श्याम मोहन जायसवाल ने 14 वर्ष के कठोर कारावास एवं पचास हजार रुपए के जमाने की सजा सुनाई है. अदालत ने कहा है कि जुर्माने की आधी रकम पीड़िता को मुआवजे के रूप में दी जाएगी.
अदालत को विशेष अधिवक्ता शैलेश कुमार सिंह ने बताया कि इस मामले की रिपोर्ट पीड़िता के पिता द्वारा माल थाने में लिखाई गई थी, जिसमें उसने कहा कि उसकी बेटी कक्षा 9 में पढ़ती है तथा 30 जनवरी 2018 को सुबह करीब साढ़े आठ बजे घर से विद्यालय जा रही थी. तभी रास्ते से आरोपी शुकरू उसे कहीं बहला फुसला कर ले गया. अदालत को बताया गया कि घटना की जानकारी होने पर वादी ने अपनी बेटी की तलाश की लेकिन, उसका कोई पता ना चलने पर माल थाने पर रिपोर्ट दिखाई गई है. अदालत ने आरोपी को कारावास एवं जुर्माने की सजा से दंडित करते हुए कहा है कि अभियुक्त शुकरू धोबी ने पीड़िता के नाबालिग होने का फायदा उठाया है.
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