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नंदनी राजभर के चचेरे ससुर की रेलवे ट्रैक पर मिली थी लाश, कहीं हत्या की वजह यह तो नहीं?

सुभासपा की प्रदेश महासचिव नंदनी राजभर की हत्या के पीछे जो वजह सामने आई, वही उसके चचेरे ससुर की मौत के पीछे भी बताई जा रही है. नंदनी को कई दिन से धमकियां भी मिल रही थीं.

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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Mar 11, 2024, 11:33 AM IST

Updated : Mar 11, 2024, 11:43 AM IST

संतकबीरनगर: कोतवाली थाना क्षेत्र में डीघा गांव में अब भी तनावपूर्ण माहौल है. गांव की रहने वाली और सुभासपा की प्रदेश महासचिव नंदनी राजभर की रविवार को धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी. मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. जबकि एक फरार है. समाज के लिए हमेशा लड़ने वाली नंदनी की हत्या के पीछे जमीन का विवाद सामने आया है. नंदनी की हत्या से पहले इसी विवाद में उसके चचेरे ससुर की भी जान जा चुकी है. परिजनों का कहना है कि आरोपियों की धमकी पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की. अगर चेती होती तो पहले चाचा और फिर नंदनी की जान नहीं जाती.

जमीन का विवाद, चचेरे ससुर की ट्रैक पर मिली थी लाश

सुभासपा की महिला नेता नंदनी राजभर की शादी वर्ष 2011 में कोतवाली थाना क्षेत्र के डीघा गांव निवासी अच्छेलाल राजभर से हुई थी. परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था. पति अच्छे लाल मजदूरी करता था. दोनों को 7 साल का एक बच्चा भी है. नंदनी ने 6 साल पहले ही राजनीति कदम रख दिया. सुभासपा ज्वाइन करने के बाद नंदनी समाज की लड़ाई मुखर होकर लड़ने लगी. सब कुछ ठीक ही चल रहा था. इसी बीच नंदनी के चचरे ससुर बाल किशन का जमीन को लेकर विवाद हो गया. परिजनों का आरोप था कि पन्ने लाल यादव, श्रवण यादव और ध्रुव चंद यादव ने लाखों की जमीन बिना पैसा दिए ही रजिस्ट्री करा ली. बालकिशन जब पैसे मांगता, उसे धमकी दी जाती. 29 फरवरी को बालकिशन का शव रेलवे ट्रैक पर मिला. परिजनों ने हत्या की आशंका जताई थी. मामले में पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत करते हुए श्रवण यादव को जेल भेज दिया था. परिजनों का आरोप है कि दो आरोपी खुलेआम घूम रहे थे. उनको गिरफ्तार नहीं किया गया.

नंदिनी ने लड़ी लड़ाई, मिली मौत

चाचा के बाद इस मुकदमे की पैरवी नंदनी कर रही थी. नंदनी को कई दिन से धमकी भी मिल रही थी. रविवार शाम को नंदनी पर धारदार हथियार से हमला बोल दिया गया. इसमें नंदनी की मौत हो गई. हत्या के बाद पूरा गांव पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया. मामले में राजनीति भी तेज हो गई है. गांव में राजभर समाज के कई नेता पहुंचे. वहीं सांसद प्रवीण निषाद ने परिजनों से मुलाकात करते हुए न्याय दिलाने का आश्वासन दिया.

तीन आरोपी गिरफ्तार, एक फरार

हालांकि पुलिस इस मामले में आज सुबह पांच नामजद आरोपियों में से तीन को गिरफ्तार कर लिया है. एक आरोपी श्रवण कुमार पहले ही जेल में बंद है. एक आरोपी फरार है. पूरे मामले पर एसपी सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि मामले में मुकदमा पंजीकृत किया गया है, जिसमें तीन आरोपियों को आज गिरफ्तार कर लिया गया है. एक आरोपी पहले से ही जेल में है. बाकी एक की तलाश के लिए पुलिस की टीम लगाई गई है.

यह भी पढ़ें : सुभासपा की प्रदेश महासचिव नंदनी राजभर की दिनदहाड़े धारदार हथियार से हत्या, एसओ हटाए गए, जमीनी विवाद की जांच के आदेश

यह भी पढ़ें : संतकबीरनगर के चकबंदी अधिकारी किए गए बर्खास्त, जानिए क्यों हुई कार्रवाई

संतकबीरनगर: कोतवाली थाना क्षेत्र में डीघा गांव में अब भी तनावपूर्ण माहौल है. गांव की रहने वाली और सुभासपा की प्रदेश महासचिव नंदनी राजभर की रविवार को धारदार हथियार से हत्या कर दी गई थी. मुकदमा दर्ज होने के बाद पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. जबकि एक फरार है. समाज के लिए हमेशा लड़ने वाली नंदनी की हत्या के पीछे जमीन का विवाद सामने आया है. नंदनी की हत्या से पहले इसी विवाद में उसके चचेरे ससुर की भी जान जा चुकी है. परिजनों का कहना है कि आरोपियों की धमकी पर पुलिस ने कार्रवाई नहीं की. अगर चेती होती तो पहले चाचा और फिर नंदनी की जान नहीं जाती.

जमीन का विवाद, चचेरे ससुर की ट्रैक पर मिली थी लाश

सुभासपा की महिला नेता नंदनी राजभर की शादी वर्ष 2011 में कोतवाली थाना क्षेत्र के डीघा गांव निवासी अच्छेलाल राजभर से हुई थी. परिवार आर्थिक रूप से कमजोर था. पति अच्छे लाल मजदूरी करता था. दोनों को 7 साल का एक बच्चा भी है. नंदनी ने 6 साल पहले ही राजनीति कदम रख दिया. सुभासपा ज्वाइन करने के बाद नंदनी समाज की लड़ाई मुखर होकर लड़ने लगी. सब कुछ ठीक ही चल रहा था. इसी बीच नंदनी के चचरे ससुर बाल किशन का जमीन को लेकर विवाद हो गया. परिजनों का आरोप था कि पन्ने लाल यादव, श्रवण यादव और ध्रुव चंद यादव ने लाखों की जमीन बिना पैसा दिए ही रजिस्ट्री करा ली. बालकिशन जब पैसे मांगता, उसे धमकी दी जाती. 29 फरवरी को बालकिशन का शव रेलवे ट्रैक पर मिला. परिजनों ने हत्या की आशंका जताई थी. मामले में पुलिस ने मुकदमा पंजीकृत करते हुए श्रवण यादव को जेल भेज दिया था. परिजनों का आरोप है कि दो आरोपी खुलेआम घूम रहे थे. उनको गिरफ्तार नहीं किया गया.

नंदिनी ने लड़ी लड़ाई, मिली मौत

चाचा के बाद इस मुकदमे की पैरवी नंदनी कर रही थी. नंदनी को कई दिन से धमकी भी मिल रही थी. रविवार शाम को नंदनी पर धारदार हथियार से हमला बोल दिया गया. इसमें नंदनी की मौत हो गई. हत्या के बाद पूरा गांव पुलिस छावनी में तब्दील कर दिया गया. मामले में राजनीति भी तेज हो गई है. गांव में राजभर समाज के कई नेता पहुंचे. वहीं सांसद प्रवीण निषाद ने परिजनों से मुलाकात करते हुए न्याय दिलाने का आश्वासन दिया.

तीन आरोपी गिरफ्तार, एक फरार

हालांकि पुलिस इस मामले में आज सुबह पांच नामजद आरोपियों में से तीन को गिरफ्तार कर लिया है. एक आरोपी श्रवण कुमार पहले ही जेल में बंद है. एक आरोपी फरार है. पूरे मामले पर एसपी सत्यजीत गुप्ता ने बताया कि मामले में मुकदमा पंजीकृत किया गया है, जिसमें तीन आरोपियों को आज गिरफ्तार कर लिया गया है. एक आरोपी पहले से ही जेल में है. बाकी एक की तलाश के लिए पुलिस की टीम लगाई गई है.

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Last Updated : Mar 11, 2024, 11:43 AM IST
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