मनेंद्रगढ़-चिरमिरी-भरतपुर: एमसीबी और कोरबा जिले में क्रिप्टो करेंसी में निवेश के नाम पर करोड़ों की ठगी करने का आरोप कंपनी पर लगा है. कंपनी में क्रिप्टो करेंसी के नाम पर निवेश करने वाले लोग अपने पैसे पाने के लिए दर दर की ठोकरें खा रहे हैं. पूर्व में कंपनी ने पैसे निकालने पर रोक लगाई दी दी थी. लोग जबतक कंपनी का फर्जीवाड़ा समझ पाते तबतक कंपनी के कर्ताधर्ता कंपनी के दफ्तर में ताला मारकर फरार हो गए. अब क्रिप्टो करेंसी के नाम पर पैसे निवेश करने वाले लोग खून के आंसू बहा रहे हैं. पुलिस में एफआईआर भी दर्ज हो चुकी है. कंपनी के कर्मचरियों का कोई अता पता नहीं चल रहा है.
600 करोड़ की चूना: बताया जा रहा है कि हजारों लोगों से कंपनी ने क्रिप्टो करेंसी के नाम पर पैसा जमा करवाया. जमा कराई गई रकम लाखों में नहीं बल्कि 600 करोड़ के आस पास रही. नाराज लोगों ने चिरमिरी पुलिस स्टेशन पर जाकर कहा है कि अगर पैसे नहीं मिलते हैं तो वो बर्बाद हो जाएंगे. नाराज लोगों ने पुलिस से कहा है कि दस दिनों के भीतर कंपनी पर कार्रवाई करें. अगर दस दिनों के भीतर एक्शन नहीं होता है तो वो थाने का घेराव करेंगे. पुलिस के मुताबिक साल 2023 में कंपनी ने इलाके में काम शुरु किया. लोगों को ग्राहक बनाया और मोबाइल एप भी डाउनलोड कराए.
कैसे करते थे ठगी: ठगी का शिकार हुए लोगों का आरोप है कि कंपनी उनको जमा राशि पर ब्याज और 1300 अतिरिक्त राशि देने का लालच देती थी. लालच में आकर लोग अपनी जमा पूंजी निवेश कर देते थे. जून 2024 में कंपनी ने लोगों को ये बताया कि उनका सिस्टम हैक हो गया है. कंपनी ने ये भी कहा कि जबतक सिस्टम अपग्रेड नहीं होता वो वैसे विड्रा नहीं कर सकते हैं. कंपनी ने लोगों को भरोसा दिलाया कि उनका पैसा सुरक्षित है.
1 जुलाई को कंपनी हो गई बंद: जुलाई की पहली तारीफ को कंपनी ने निवेशकों को बड़ा झटका दिया. कंपनी ने बोरिया बिस्तर समेटा और चंपत हो गई. लोगों का आरोप है कि कंपनी ने हजारों निवेशकों से केवाईसी के नाम पर 6000 रुपए भी वसूले. ठगे गए लोगों की मानें तो कंपनी ने सात से आठ महीनों में एमसीबी, कोरिया और कोरबा जिले में 10 लाख लोगों का पैसा जमा कराया. पैसा जमा करने वालों में दुकानदार से लेकर गृहणी और बेरोजगार से लेकर कर्चमारी तक शामिल हैं. कंपनी ने बेरोजगार युवक युवतियों को लालच देकर एजेंट बनाया.
''कंपनी ने कई बेरोजगार युवक-युवतियों को भी कमीशन का लालच देकर एजेंट बनाया. इतनी बड़ी ठगी पर भी जिला प्रशासन और पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की''. - डॉ. विनय जायसवाल, पूर्व विधायक कांग्रेस
पुलिस का क्या कहना है: पुलिस के अनुसार ''कंपनी के निवेशकों ने कंपनी के खिलाफ थाने में आवेदन दिया है. ऐसे हजारों निवेशक कोरबा जिले में भी हैं. ट्रेडिंग ऐप के नाम पर धोखाधड़ी करने वाले नेटवर्क मार्केटिंग कंपनी का एंड्रॉयड वर्जन ऐप एपीके से डाउनलोड कराया गया. गूगल प्ले स्टोर में भी यह ऐप नहीं है.''
''ब्लॉकचेन एक डिजिटल बहीखाता है. इसके ट्रांजैक्शन चेन में जुड़े हर कंप्यूटर पर दिखाई देते हैं. यह क्रिप्टो करेंसीज की बैकबोन है. ब्लॉकचेन को भविष्य की अर्थव्यवस्था के लिए क्रांतिकारी तकनीक माना जा रहा है. इसमें इंटरनेट, पर्सनल 'की' की क्रिप्टोग्राफी अर्थात् जानकारी को गुप्त रखना और प्रोटोकॉल पर नियंत्रण रखना शामिल है. क्रिप्टो करेंसियों के अलावा ब्लॉकचेन तकनीक का उपयोग सूचना प्रौद्योगिकी, डाटा प्रबंधन और सरकारी योजनाओं का लेखा-जोखा, बैंकिंग और बीमा क्षेत्र में होता है'' - डॉ. पद्मावती श्रीवास्तव, एसोसिएट प्रोफेस, रायपुर BIT
क्या है क्रिप्टो करेंसी: यह एक डिजिटल करेंसी है. क्रिप्टो करेंसी को हम न देख सकते हैं नहीं छू सकते हैं. इसका पूरा कारोबार ऑनलाइन होता है. क्रिप्टो करेंसी का लेनदेन पूरी दुनिया में हो रहा है. क्रिप्टो करेंसी खरीदने वालों की संख्या फिलहाल काफी कम है लेकिन ये तेजी से लोगों के बीच अपनी जानकारी और फायदे की बातें पहुंचा रहा है.
कैसे काम करता है क्रिप्टो करेंसी: तकनीकी तौर पर बड़े कंप्यूटर, एसिक मशीन, ग्राफिक्स प्रोसेसिंग यूनिट से कनेक्ट होते हैं और खास फॉर्मूले यानी एल्गोरिथम, प्रॉब्लम और सरल भाषा में कहें तो पहेली को हल करते हैं और कॉइन जनरेट करते हैं. इसे ही माइनिंग कहते हैं. क्रिप्टो करेंसी इसी से बनती है. क्रिप्टो करेंसी से आज दुनियाभर में लेन-देन हो रहा है. इसे दो तरह से खरीद सकते हैं, जिसमें महत्वपूर्ण है क्रिप्टो एक्सचेंज, दुनियाभर में इसके एक्सचेंज हैं. भारत में वजीरएक्स, जेबपे, क्वाइनस्विच कुबेर प्रमुख एक्सचेंज हैं जो 24 घंटे चलते हैं.