पलामू: प्रतिबंधित नक्सली संगठन भाकपा माओवादी स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस का विरोध करता रहा है. दोनों संगठन राष्ट्रीय पर्व के दौरान माओवादी हिंसक घटनाओं को अंजाम देते रहे हैं. लेकिन भाकपा माओवादी से जुड़े कैडरों की सोच बदल गई है. दरअसल, पलामू सेंट्रल जेल में 1050 से अधिक विचाराधीन और सजायाप्ता कैदी बंद हैं. जिनमें से 12 भाकपा माओवादी संगठन से जुड़े रहे हैं. यह सभी माओवादी पलामू सेंट्रल जेल में स्वतंत्रता दिवस की तैयारी कर रहे हैं.
पलामू जेल के सुपरिंटेंडेंट भागीरथी कर्जी ने बताया 17 सीएलए एक्ट के जो बंदी है उन में भी स्वतंत्रता दिवस को लेकर काफी उत्साह है. हाल के दिनों में उनमें काफी बदलाव हुआ है वह जेल के सुधार कार्यक्रम में भाग ले रहे हैं और उत्साहित हैं. स्वतंत्रता दिवस को लेकर पलामू सेंट्रल जेल में तैयारियां पूरी कर ली गई है. पलामू सेंट्रल जेल के जेलर प्रमोद कुमार ने बताया कि स्वतंत्रता दिवस की तैयारी की जा रही है. सभी तरह के कैदी और बंदी तैयारी में जुड़े हुए हैं. नक्सली संगठन से जुड़े हुए आरोपी भी स्वतंत्रता दिवस की तैयारी में भाग ले रहे हैं. स्वतंत्रता दिवस के दिन जेल में कई समारोह आयोजित होने हैं जिनमें वे भाग ले रहे हैं.
जेल में बदल गई विचारधारा, कई एक्टिविटी में नक्सली ले रहे भाग
माओवादियों का जोनल कमांडर रहा बादल पलामू सेंट्रल जेल में बंद है. बादल भी 2024 के स्वतंत्रता दिवस की तैयारियों ने भाग ले रहा है. उसके तरह 12 अन्य माओवादी जो जेल गए और उनकी सोच बदल गई है. जेल में कैदियों को कंप्यूटर का ज्ञान, पेंटिंग आदि भी सिखाया जा रहा है. मानसिक तनाव को दूर करने के लिए भी क्लास करवाया जा रहा है जिसमें भाग लेने के बाद उनकी विचारधारा बदली है. इसके अलावा जेल में होने वाले अन्य तरह की गतिविधियों में भी यह लोग भाग ले रहे हैं. जेल में विभिन्न विषय पर इन्हें अध्ययन करवाया जा रहा है.
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