टोंक : जनाना हॉस्पिटल में पेट दर्द की शिकायत पर इलाज के लिए भर्ती बालक की मौत हो गई. इसके बाद परिजनों ने इलाज में लापरवाही और समय पर डॉक्टर्स इलाज के लिए उपलब्ध नहीं होने का आरोप लगाते हुए जमकर हंगामा किया. परिजनों ने बताया कि पेट में दर्द की शिकायत के बाद वह 13 वर्षीय बालक को निवाई से टोंक लाए थे. आरोप लगाया कि अस्पताल में डॉक्टर्स ने लापरवाही बरती, जिसके कारण हमारे उनके बेटे की मौत हो गई. वहीं, हॉस्पिटल के डॉक्टर्स का कहना है कि पेसेंट को एडमिट किए जाने के बाद उसका उपचार किया गया है और किसी तरह की कोई लापरवाही नहीं हुई है.
मृतक के परिजनों ने अस्पताल के डॉक्टरों पर आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टर समय पर अस्पताल आ जाते तो बच्चे की मौत नहीं होती. अस्पताल में हंगामें की सूचना मिलते ही पुलिस भी मौके पर पहुंची और परिजनों से समझाइश कर मामले को शांत करवाया. परिजनों की ओर से कोतवाली थाने में रिपोर्ट दी गई है. जनाना अस्पताल के प्रभारी विनोद परेवरिया का कहना कि बालक को निवाई से टोंक जनाना अस्पताल रैफर करने के बाद बालक का रात से ही उपचार जारी था. सुबह भी समय पर पहुंचकर डॉक्टरों ने बालक का उपचार किया था.
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इलाज में लापरवाही का आरोप : मृतक के चाचा ओमप्रकाश ने बताया कि बीती रात को बालक को निवाई अस्पताल में भर्ती कराया गया था. रात को 2 बजे बालक को टोंक लेकर पहुंचे, तो अस्पताल में मौजूद कर्मचारियों ने बालक का उपचार शुरू किया, लेकिन बालक का पेट दर्द ठीक नहीं हुआ. उन्होंने आरोप लगाया कि बार-बार अस्पताल के कर्मचारियों से डॉक्टरों को बुलाने की गुजारिश की गई, लेकिन सुबह तक भी कोई डॉक्टर अस्पताल समय पर नही पहुंचा, जिससे बालक की मौत हो गई.