जयपुर. लोकसभा चुनाव समाप्त होने के साथ ही अब प्रदेश में एक बार फिर ओल्ड पेंशन स्कीम का जिन्न बाहर आ गया है. राजनीतिक गलियारों में चर्चा जोरों पर है कि प्रदेश की भजनलाल सरकार ओल्ड पेंशन स्कीम को बंद करने पर विचार विचार कर रही है. हालांकि, सरकार की ओर से इस पर कोई अधिकारिक स्पष्टीकरण जारी नहीं होने से प्रदेश के 8 लाख से ज्यादा कर्मचारी असमंजस में हैं. चर्चा इस बात की भी जोरों पर है कि केंद्र की मोदी सरकार बीजेपी शासित राज्यों में भी ओल्ड पेंशन स्कीम को बंद कर नई गारंटी पेंशन स्कीम लाने पर विचार कर रही है. सरकार की ये मंशा प्रदेश के कर्मचारी संगठनों को रास नहीं आ रही है.
ओल्ड पेंशन स्कीम लागू : राजस्थान में सरकार बदले 6 महीने पूरे हो गए हैं. फिलहाल प्रदेश में ओल्ड पेंशन स्कीम (ओपीएस) बंद नहीं हुई है और नेशनल पेंशन सिस्टम (एनपीएस) को शुरू नहीं किया गया. इसके बावजूद सरकारी अधिकारी और कर्मचारियों में पुरानी पेंशन योजना को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. दरअसल, प्रदेश में कांग्रेस सरकार ने न्यू पेंशन स्कीम को बंद कर 2004 से बंद हुई ओल्ड पेंशन स्कीम को फिर से लागू किया था. विधानसभा चुनाव में ओल्ड पेंशन स्कीम बढ़ा मुद्दा रहा. भाजपा ने OPS बंद नहीं करने की बात कही. विधानसभा चुनाव के बाद लोकसभा चुनाव में OPS देश भर में कर्मचारियों के लिहाज से बड़ा मुद्दा रहा.
हालांकि, इस बीच कर्मचारियों में इस बात को लेकर असमंजस बना रहा कि अगर सरकार बदली, तो क्या ओल्ड पेंशन स्कीम बंद होगी ?. यही सवाल आज भी कर्मचारियों और अधिकारियों के मन मे बना हुआ है. कर्मचारी महासंघ के प्रदेश अध्यक्ष गजेंद्र सिंह ने भी सरकार से मांग की है कि जिस तरह से कर्मचारियों और अधिकारी के मन में असमंजस की स्थिति बनी है. उसे सरकार स्पष्ट करे. उन्होंने तो यहां तक कह दिया कि सरकार अगर OPS को बंद कर किसी तरह की कोई नई स्कीम लेकर भी आते हैं, तो प्रदेश का कर्मचारी इसे बर्दाश्त नहीं करेगा.
वित्त विभाग में दौड़ रही फाइल ! : दरअसल, सचिवालय गलियारों में चर्चा है कि लोकसभा चुनाव के बाद अब वित्त विभाग राज्य सरकार से इस विषय पर स्पष्टीकरण चाहता है. विभाग ने ओपीएस के मुद्दे पर चर्चा का प्रस्ताव बनाकर मुख्यमंत्री कार्यालय को भेजा है. प्रस्ताव में ओपीएस जारी रहेगी या बंद होगी, इस विषय को उठाया गया है. हालांकि, भजनलाल सरकार ने ओपीएस के भविष्य को लेकर फिलहाल अपना अधिकारिक स्पष्टीकरण तो जारी नहीं किया है, लेकिन सीएमओ से अनौपचारिक तौर पर इस तरह की चर्चाओं का खंडन किया गया है.