उत्तरकाशी: गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में अभी तक शासन-प्रशासन की ओर से ठोस कूड़ा प्रबंधन की व्यवस्था धरातल पर नहीं उतर पाई है. इस वर्ष शुरू के करीब डेढ़ से दो माह पूरे गंगोत्री धाम की सफाई व्यवस्था पांच कर्मचारियों के भरोसे रहेगी. 10 मई को गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलते ही चारधाम यात्रा का आगाज हो जाएगा. जिसमें लाखों श्रद्धालु दोनों धामों के दर्शन के लिए पहुंचेगी. लाखों की भीड़ के बीच दोनों धामों में सफाई व्यवस्था एक बड़ी चुनौती रहेगी.
गौर हो कि गंगोत्री और यमुनोत्री धाम में आज तक ठोस कूड़ा प्रबंधन यूनिट शुरू नहीं हो पाई है. जिस कारण यात्रा के दौरान गंगा और यमुना भी दूषित होती है. गंगोत्री में ब्रिडकुल की ओर से ठोस कूड़ा प्रबंधन यूनिट का निर्माण धाम से करीब पांच किमी की दूरी पर किया गया. जिसका निर्माण गत वर्ष पूरा हो गया था. लेकिन इसके संचालन के लिए अभी तक वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से अनुमति नहीं मिल पाई है. वहीं इस वर्ष यात्रा के शुरू के दो माह नगर पंचायत गंगोत्री को सफाई कर्मचारियों की कमी से भी जूझना पड़ेगा. क्योंकि नगर पंचायत 20 सफाई कर्मचारियों को हर वर्ष टेंडर प्रक्रिया से नियुक्त करती थी. लेकिन आचार संहिता के कारण यह संभव नहीं है.
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अब दो माह नगर पंचायत गंगोत्री की सफाई व्यवस्था का जिम्मा मात्र पांच स्थाई कर्मचारियों के भरोसे होगा. वहीं यमुनोत्री धाम में कूड़ा निस्तारण के लिए अभी तक कोई योजना ही नहीं बन पाई है. जिससे यमुना नदी प्रत्यक्ष तौर पर दूषित होती है.नगर पंचायत गंगोत्री की ईओ कुसुम राणा ने बताया कि धाम में 20 कर्मचारियों की नियुक्ति की अनुमति के लिए जिलाधिकारी को पत्र लिखा गया है. इसके साथ ही ठोस कूड़ा प्रबंधन यूनिट के संचालन शुरू करने के लिए ब्रिडकुल की ओर से अनुमति के लिए भेजा गया है.