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द‍िल्‍ली सरकार के ब्‍लाइंड स्‍कूल में फायर सेफ्टी के पर्याप्त इंतजाम नहीं, फायर डिपार्टमेंट का NOC देने से इनकार - Blind School Seva Kutir fire safety

फायर सेफ्टी इंतजामों के न‍िरीक्षण में खाम‍ियां मिलने पर द‍िल्‍ली फायर सर्विस डिपार्टमेंट ने स्‍पेशल स्‍कूल (ब्‍लाइंड स्कूल), सेवा कुटीर की फायर सेफ्टी सर्ट‍िफ‍िकेट देने की अर्जी खारिज कर द‍ी है.

स्‍पेशल स्‍कूल (ब्‍लाइंड स्कूल)
स्‍पेशल स्‍कूल (ब्‍लाइंड स्कूल) (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jun 24, 2024, 3:37 PM IST

नई द‍िल्‍ली: द‍िल्‍ली में इस साल भीषण गर्मी ने पिछले सारे र‍िकॉर्ड तोड़ डाले हैं. भीषण गर्मी और हीट वेव के चलते राजधानी में आग की घटनाओं में खूब बढ़ोतरी दर्ज की गई. एक द‍िन में 200 से ज्‍यादा छोटी बड़ी आग की घटनाएं देखने को मिलीं, ज‍िनमें बड़ी संख्‍या में जान-माल का नुकसान भी हुआ. इसके बावजूद द‍िल्‍ली सरकार के स्‍कूल आग की घटनाओं से बचाव करने को लेकर संजीदा नहीं हैं. द‍िल्‍ली फायर सर्विस डिपार्टमेंट की तरफ से फायर सेफ्टी इंतजामों के न‍िरीक्षण में तमाम खाम‍ियां सामने आई हैं. इसी कड़ी में नियमों की अनदेखी करने पर द‍िल्‍ली सरकार का स्‍पेशल स्‍कूल (ब्‍लाइंड स्कूल), सेवा कुटीर की फायर सेफ्टी सर्ट‍िफ‍िकेट देने की अप्‍लीकेशन र‍िजेक्‍ट कर द‍ी गई है.

द‍िल्‍ली सरकार के किंंग्सवे कैंप, जीटीबी नगर में सीन‍ियर सैकेंडरी स्‍पेशल स्‍कूल फॉर ब्‍यॉज व‍िद ब्‍लाइंडनेस स्कूल, सेवा कुटीर की ओर से द‍िल्‍ली फायर सर्व‍िस व‍िभाग से फायर सेफ्टी सर्ट‍िफ‍िकेट जारी करने की मांग की गई थी. इस पर‍िप्रेक्ष्‍य में अग्‍न‍िशमन व‍िभाग के अध‍िकार‍ियों को ओर से 6 जून, 2024 को न‍िरीक्षण क‍िया गया. स्‍कूल की प्र‍िंस‍िपल डॉ. जे.एल. शर्मा मौजूदा फायर सेफ्टी इंतजामों और आग से बचाव के ल‍िए उठाए गए कदमों का न‍िरीक्षण करने के दौरान मौजूद रहीं थीं. यह स्‍कूल ग्राउंड फ्लोर और फर्स्‍ट फ्लोर पर संचाल‍ित होता है. न‍िरीक्षण के दौरान स्‍कूल में फायर सेफ्टी इंतजामों में खामियां पाई गईं.

ये भी पढ़ें: गाजियाबाद में बिना फायर NOC के चल रहे 60 प्रतिशत होटल, 8 पर सीजेएम कोर्ट में केस दायर

न‍िरीक्षण के दौरान पाया गया क‍ि स्‍कूल में केवल एक सीढ़ी की चौड़ाई 1.25 मीटर है जबकि इसकी आवश्यकता 1.50 मीटर या अतिरिक्त सीढ़ी 75 मीटर की है. इतना ही नहीं ब्लाइंड स्‍कूल की ब‍िल्‍ड‍िंग में अग्निशमन यंत्र (Fire Extinguisher) की व्यवस्था भी नहीं है. इस सबको गंभीरता से लेते हुए दिल्‍ली फायर सर्व‍िस व‍िभाग के न‍िदेशक अतुल गर्ग की ओर से प्र‍िंस‍िपल को जारी की गई र‍िपोर्ट में कहा गया है कि इस स्तर पर अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र देने पर विचार नहीं किया जा सकता है और इसे अस्वीकार कर दिया गया है.

द्वारका के सेक्‍टर-6 के को-ऐड स्‍कूल की सामने आयीं कम‍ियां

इसके अलावा बात अगर द‍िल्‍ली के द्वारका इलाके के सेक्‍टर-6 के एक और को-ऐड स्कू की करें तो वहां भी फायर सेफ्टी के इंतजाम नाकाफी म‍िले हैं. द्वारका के सेक्‍टर-6, साइट-II का गवर्नमेंट को-ऐड सीनियर सेकेंडरी स्‍कूल ने 20 मई, 2024 को फायर सेफ्टी सर्ट‍िफिकेट के र‍िन्‍युअल कराने को अप्‍लीकेशन लगाई थी. इस पर अग्‍न‍िशमन व‍िभाग के अध‍िकार‍ियों ने स्‍कूल प्र‍िंस‍िपल डॉ. सीमा भारद्वाज के साथ 10 जून, 2024 को मौजूदा फायर सेफ्टी इंतजामों का जायजा ल‍िया था. अब उसकी र‍िपोर्ट स्‍कूल प्रशासन को भेज दी गई है.

स्‍कूल प्र‍िंस‍िपल को र‍िपोर्ट भेज कर र‍िन्‍युअल से क‍िया इनकार

न‍िरीक्षण के दौरान स्‍कूल प्रशासन की ओर से की गई अग्‍न‍ि सुरक्षा व्‍यवस्‍था में तमाम कम‍ियां म‍िलीं ज‍िसके आधार पर स्‍कूल को साफ कर द‍िया गया है क‍ि मौजूदा स्‍थ‍ित‍ि में फायर सेफ्टी सर्ट‍िफ‍िकेट का र‍िन्‍युअल नहीं क‍िया जा सकता.

चालू हालत में नहीं म‍िले होज़ रील के होज़

हैरान करने वाली बात यह है क‍ि स्‍कूल में पढ़ने वाले हजारों की संख्‍या में बच्‍चों को क‍िसी अनहोनी से बचाने के ल‍िए क‍िए गए इंतजामों की कड़ी में होज़ रील के होज़ ही चालू हालत में नहीं म‍िले. न‍िरीक्षण के दौरान यह भी पता चला क‍ि छत पर 450LMP क्षमता का टेरेस पंप निष्क्रिय पाया गया. 10 हजार लीटर क्षमता का ओवरहेड फायर वाटर टैंक खाली मिला. इस तरह की सरकारी स्‍कूलों में खाम‍ियों बच्चों की सुरक्षा से ख‍िलवाड़ के रूप में देखी गईं. इस बीच देखा जाए तो पूर्वी द‍िल्‍ली के व‍िवेक व‍िहार इलाके में स्‍थ‍ित बेबी केयर न्‍यू बोर्न सेंटर में गत 25 मई को हुए हादसे के बाद स‍रकारी स‍िस्‍टम पर भी खूब सवाल खड़े क‍िए गए. फायर सेफ्टी इंतजामों को लेकर सख्‍ती बरतते और मामलों की पुनरावृत‍ि नहीं होने के ल‍िए पुख्‍ता इंतजाम करने के न‍िर्देश भी द‍िए गए थे. बावजूद इसके सरकारी व‍िभागों में इसको लेकर कोई गंभीरता देखने को नहीं म‍िली है.

ये भी पढ़ें: बेबी केयर सेंटर अग्‍न‍िकांड से नहीं ल‍िया कोई सबक! फायर सेफ्टी टेस्‍ट में 'फेल' हुआ बच्‍चों का सबसे बड़ा ये सरकारी अस्‍पताल

नई द‍िल्‍ली: द‍िल्‍ली में इस साल भीषण गर्मी ने पिछले सारे र‍िकॉर्ड तोड़ डाले हैं. भीषण गर्मी और हीट वेव के चलते राजधानी में आग की घटनाओं में खूब बढ़ोतरी दर्ज की गई. एक द‍िन में 200 से ज्‍यादा छोटी बड़ी आग की घटनाएं देखने को मिलीं, ज‍िनमें बड़ी संख्‍या में जान-माल का नुकसान भी हुआ. इसके बावजूद द‍िल्‍ली सरकार के स्‍कूल आग की घटनाओं से बचाव करने को लेकर संजीदा नहीं हैं. द‍िल्‍ली फायर सर्विस डिपार्टमेंट की तरफ से फायर सेफ्टी इंतजामों के न‍िरीक्षण में तमाम खाम‍ियां सामने आई हैं. इसी कड़ी में नियमों की अनदेखी करने पर द‍िल्‍ली सरकार का स्‍पेशल स्‍कूल (ब्‍लाइंड स्कूल), सेवा कुटीर की फायर सेफ्टी सर्ट‍िफ‍िकेट देने की अप्‍लीकेशन र‍िजेक्‍ट कर द‍ी गई है.

द‍िल्‍ली सरकार के किंंग्सवे कैंप, जीटीबी नगर में सीन‍ियर सैकेंडरी स्‍पेशल स्‍कूल फॉर ब्‍यॉज व‍िद ब्‍लाइंडनेस स्कूल, सेवा कुटीर की ओर से द‍िल्‍ली फायर सर्व‍िस व‍िभाग से फायर सेफ्टी सर्ट‍िफ‍िकेट जारी करने की मांग की गई थी. इस पर‍िप्रेक्ष्‍य में अग्‍न‍िशमन व‍िभाग के अध‍िकार‍ियों को ओर से 6 जून, 2024 को न‍िरीक्षण क‍िया गया. स्‍कूल की प्र‍िंस‍िपल डॉ. जे.एल. शर्मा मौजूदा फायर सेफ्टी इंतजामों और आग से बचाव के ल‍िए उठाए गए कदमों का न‍िरीक्षण करने के दौरान मौजूद रहीं थीं. यह स्‍कूल ग्राउंड फ्लोर और फर्स्‍ट फ्लोर पर संचाल‍ित होता है. न‍िरीक्षण के दौरान स्‍कूल में फायर सेफ्टी इंतजामों में खामियां पाई गईं.

ये भी पढ़ें: गाजियाबाद में बिना फायर NOC के चल रहे 60 प्रतिशत होटल, 8 पर सीजेएम कोर्ट में केस दायर

न‍िरीक्षण के दौरान पाया गया क‍ि स्‍कूल में केवल एक सीढ़ी की चौड़ाई 1.25 मीटर है जबकि इसकी आवश्यकता 1.50 मीटर या अतिरिक्त सीढ़ी 75 मीटर की है. इतना ही नहीं ब्लाइंड स्‍कूल की ब‍िल्‍ड‍िंग में अग्निशमन यंत्र (Fire Extinguisher) की व्यवस्था भी नहीं है. इस सबको गंभीरता से लेते हुए दिल्‍ली फायर सर्व‍िस व‍िभाग के न‍िदेशक अतुल गर्ग की ओर से प्र‍िंस‍िपल को जारी की गई र‍िपोर्ट में कहा गया है कि इस स्तर पर अग्नि सुरक्षा प्रमाण पत्र देने पर विचार नहीं किया जा सकता है और इसे अस्वीकार कर दिया गया है.

द्वारका के सेक्‍टर-6 के को-ऐड स्‍कूल की सामने आयीं कम‍ियां

इसके अलावा बात अगर द‍िल्‍ली के द्वारका इलाके के सेक्‍टर-6 के एक और को-ऐड स्कू की करें तो वहां भी फायर सेफ्टी के इंतजाम नाकाफी म‍िले हैं. द्वारका के सेक्‍टर-6, साइट-II का गवर्नमेंट को-ऐड सीनियर सेकेंडरी स्‍कूल ने 20 मई, 2024 को फायर सेफ्टी सर्ट‍िफिकेट के र‍िन्‍युअल कराने को अप्‍लीकेशन लगाई थी. इस पर अग्‍न‍िशमन व‍िभाग के अध‍िकार‍ियों ने स्‍कूल प्र‍िंस‍िपल डॉ. सीमा भारद्वाज के साथ 10 जून, 2024 को मौजूदा फायर सेफ्टी इंतजामों का जायजा ल‍िया था. अब उसकी र‍िपोर्ट स्‍कूल प्रशासन को भेज दी गई है.

स्‍कूल प्र‍िंस‍िपल को र‍िपोर्ट भेज कर र‍िन्‍युअल से क‍िया इनकार

न‍िरीक्षण के दौरान स्‍कूल प्रशासन की ओर से की गई अग्‍न‍ि सुरक्षा व्‍यवस्‍था में तमाम कम‍ियां म‍िलीं ज‍िसके आधार पर स्‍कूल को साफ कर द‍िया गया है क‍ि मौजूदा स्‍थ‍ित‍ि में फायर सेफ्टी सर्ट‍िफ‍िकेट का र‍िन्‍युअल नहीं क‍िया जा सकता.

चालू हालत में नहीं म‍िले होज़ रील के होज़

हैरान करने वाली बात यह है क‍ि स्‍कूल में पढ़ने वाले हजारों की संख्‍या में बच्‍चों को क‍िसी अनहोनी से बचाने के ल‍िए क‍िए गए इंतजामों की कड़ी में होज़ रील के होज़ ही चालू हालत में नहीं म‍िले. न‍िरीक्षण के दौरान यह भी पता चला क‍ि छत पर 450LMP क्षमता का टेरेस पंप निष्क्रिय पाया गया. 10 हजार लीटर क्षमता का ओवरहेड फायर वाटर टैंक खाली मिला. इस तरह की सरकारी स्‍कूलों में खाम‍ियों बच्चों की सुरक्षा से ख‍िलवाड़ के रूप में देखी गईं. इस बीच देखा जाए तो पूर्वी द‍िल्‍ली के व‍िवेक व‍िहार इलाके में स्‍थ‍ित बेबी केयर न्‍यू बोर्न सेंटर में गत 25 मई को हुए हादसे के बाद स‍रकारी स‍िस्‍टम पर भी खूब सवाल खड़े क‍िए गए. फायर सेफ्टी इंतजामों को लेकर सख्‍ती बरतते और मामलों की पुनरावृत‍ि नहीं होने के ल‍िए पुख्‍ता इंतजाम करने के न‍िर्देश भी द‍िए गए थे. बावजूद इसके सरकारी व‍िभागों में इसको लेकर कोई गंभीरता देखने को नहीं म‍िली है.

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