नई दिल्ली: दिल्ली के ग्रेटर कैलाश इलाके में एक कारोबारी के घर से 1.25 करोड़ रुपये की चोरी की वारदात ने सभी को चौंका दिया. वास्तव में इस चोरी को अंजाम देने वाला कोई और नहीं बल्कि कारोबारी का ही निजी सुरक्षा अधिकारी (PSO) था, जिसे उसकी सुरक्षा के लिए तैनात किया गया था. इस घटनाक्रम ने न केवल कारोबारी बल्कि स्थानीय पुलिस को भी हैरान कर दिया, जब जांच के दौरान सच्चाई सामने आई.
दरअसल, 29 सितंबर को जब कारोबारी ने पुलिस को अपनी संपत्ति की चोरी की सूचना दी, तब मामला गंभीर था. रिपोर्ट के अनुसार, वह 22 से 28 सितंबर के बीच अपने परिवार के साथ छुट्टियों पर थे. लौटने पर उन्हें पता चला कि उनके घर से लगभग 1.25 करोड़ रुपये की नकद राशि और कीमती ज्वेलरी गायब हो गई.
पुलिस की जांच: ग्रेटर कैलाश पुलिस ने सब इंस्पेक्टर संदीप कुमार के नेतृत्व में एक टीम का गठन किया. टीम ने घटना के समय के आस-पास के सीसीटीवी फुटेज की समीक्षा की. प्रारंभ में कई फुटेज में मैनिप्यूलेशन दिखाई दिया, लेकिन एक बिजनेसमैन के घर के पास लगे दूसरे सीसीटीवी में 25 सितंबर की रात को एक संदिग्ध व्यक्तियों का फुटेज मिला.
जब पुलिस ने यह फुटेज पीड़ित कारोबारी को दिखाया, तो उसने तुरंत अपने PSO विकास कुमार को पहचान लिया. इसके बाद पुलिस ने विकास की जानकारी निकाली और तकनीकी निगरानी के माध्यम से उसे गिरफ्तार कर लिया.
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चोरी का खुलासा: गिरफ्तारी के बाद, पुलिस ने विकास कुमार की निशानदेही पर उसके बागपत, उत्तर प्रदेश स्थित घर से 70 लाख रुपये की नकद राशि और 55 लाख रुपये की ज्वैलरी बरामद की. विकास ने अपने अपराध का खुलासा करते हुए बताया कि उसने लग्जरी जीवन जीने की चाह में यह चोरी की योजना बनाई थी.
यह घटना एक बार फिर यह दर्शाती है कि कभी-कभी वही लोग, जिन्हें हमारी सुरक्षा के लिए नियुक्त किया जाता है, वही सबसे बड़ा खतरा बन सकते हैं. जब भरोसे और सुरक्षा के बीच यह चोर दरवाजे खुलते हैं तो समाज में डर और अराजकता बढ़ जाती है. पुलिस ने इस मामले को जल्दी सुलझा कर एक बड़ा अपराध सामने लाने में सफलता प्राप्त की, जो सभी के लिए एक सबक है.
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