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राम मंदिर की सुरक्षा के लिए 8 माह में बनकर तैयार हो जाएगा परकोटा, परिसर में बनेंगे कई और मंदिर - AYODHYA RAM MANDIR

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने राम मंदिर निर्माण की प्रगति रिपोर्ट मीडिया से साझा की है. उन्होंने बताया कि मंदिर की सुरक्षा के परकोटा का निर्माण कार्य तेजी से चल रहा है.

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अयोध्या राम मंदिर. (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Jul 19, 2024, 10:16 PM IST

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट महासचिव चंपत राय. (Video Credit; ETV Bharat)

अयोध्याः अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तेज गति से चल रहा है. आगामी दिसंबर तक मंदिर के शिखर तक का कार्य पूरा हो जायेगा. वहीं, मंदिर की सुरक्षा के साथ उसकी भव्यता को बढ़ा रही 800 मीटर लम्बे परकोटे का निर्माण भी मार्च 2025 तक पूरा कर लिया जायेगा. इसके साथ मदिर परिसर में बन रहे अन्य मदिरों का निर्माण शुरू हो गया है. जिन्हे भी पत्थरों से ही तैयार किया जा रहा है. यह जानकारी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए दी है.

चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर की सुरक्षा में बन रहे आयातकार परकोटे का निर्माण में लगभग 40 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है. यह कार्य अगले 8 माह में पूरा करने का लक्ष्य है. इसके लिए 2000 से अधिक मजदूर लगाए गए हैं. जो कि तीन अलग अलग शिफ्ट में कार्य कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि भगवान श्री रामलला का सिंहसान मंदिर के भूतल पर है. उसके प्रथम तल पर भगवान राम माता जानकी अपने तीनों भाइयों और हनुमान जी के साथ विराजित होंगी. मंदिर के चारों ओर परकोटा बनेगा. उसके चार कोने होंगे जो कि आयतकार है. जिसके चारों अलग अलग कोने पर सूर्य, गणपति, भगवती और शंकर के पंचायतान मंदिर बनेगे.
आयताकार में दो तरफ की भुजाये लम्बी होती हैं. इन भुजाओं में हनुमान जी और दूसरी भुजा में माता अन्नपूर्णना देवी का मंदिर होगा. राम मंदिर के निकट शेषवतार के रूप में लक्षमण का मंदिर बन रहा है. महर्षि बाल्मीकि, विश्वामित्र, गुरु वशिष्ठ, महर्षि अगस्त्य इसके अलावा निषाद, शबरी, अहिल्या और रामायण को समाज के बीच पहुंचने वाली गोस्वामी तुलसीदास का भी मंदिर बनेंगे.

जल्द ही राम मंदिर की सुरक्षा एनएसजी के हाथों में होगी

चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर अयोध्या में हनुमान गढ़ी, कनक भवन, सरयू घाट से अलग है. जिसकी सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है. मंदिर परिसर की सुरक्षा के लिए 32 सालों से दर्जन भर सुरक्षा एजेंसियां और 2500 से अधिक सुरक्षा के जवान लगे हुए हैं. जिसमें सीआरपीएफ, पीएसी, एसएसएफ और सिविल पुलिस भी शामिल है. समय-समय पर स्थाई सुरक्षा समिति के मंथन भी करता है. राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ गया है. चंपत राय ने कहा कि अब मंदिर परिसर की सुरक्षा में भी बदलाव किए जा रहे हैं. जल्द ही परिसर की सुरक्षा एनएसजी कमांडो के हाथों में होगी. राम जन्मभूमि और अयोध्या की सुरक्षा को लेकर प्रत्येक तीसरे माह राम जन्मभूमि अस्थाई सुरक्षा समिति की उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक होती है. जिसमें गुप्तचर इकाइयों के साथ ही अपर महानिदेशक सुरक्षा सहित उच्च अधिकारी और ट्रस्ट के सदस्य शामिल होते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार राम जन्मभूमि की सुरक्षा के लिए बड़ी धनी राशि खर्च करती है. गुप्तचर विभाग के उच्च अधिकारियों ने भी राम जन्मभूमि मंदिर की सुरक्षा सबसे गंभीर बताया है. यही कारण है कि राम मंदिर अन्य मंदिरों से अलग है.

कांवड़ यात्रा और सावन झूला मेले को लेकर सुरक्षा अलर्ट

उन्होंने कहा कि अयोध्या में प्रारम्भ हो रहे कांवड़ यात्रा और सावन झूला मेला को लेकर भी सुरक्षा एजेंसी को अलर्ट किया गया है. गुरुवार की रात्रि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर सुरक्षा बलों के जवानों ने सार्वजनिक स्थल रेलवे स्टेशन अन्य प्रमुख स्थानों पर पैदल मार्च किया है.

श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट महासचिव चंपत राय. (Video Credit; ETV Bharat)

अयोध्याः अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण तेज गति से चल रहा है. आगामी दिसंबर तक मंदिर के शिखर तक का कार्य पूरा हो जायेगा. वहीं, मंदिर की सुरक्षा के साथ उसकी भव्यता को बढ़ा रही 800 मीटर लम्बे परकोटे का निर्माण भी मार्च 2025 तक पूरा कर लिया जायेगा. इसके साथ मदिर परिसर में बन रहे अन्य मदिरों का निर्माण शुरू हो गया है. जिन्हे भी पत्थरों से ही तैयार किया जा रहा है. यह जानकारी श्री राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने शुक्रवार को मीडिया से बातचीत करते हुए दी है.

चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर की सुरक्षा में बन रहे आयातकार परकोटे का निर्माण में लगभग 40 प्रतिशत कार्य पूरा हो गया है. यह कार्य अगले 8 माह में पूरा करने का लक्ष्य है. इसके लिए 2000 से अधिक मजदूर लगाए गए हैं. जो कि तीन अलग अलग शिफ्ट में कार्य कर रहे हैं. उन्होंने बताया कि भगवान श्री रामलला का सिंहसान मंदिर के भूतल पर है. उसके प्रथम तल पर भगवान राम माता जानकी अपने तीनों भाइयों और हनुमान जी के साथ विराजित होंगी. मंदिर के चारों ओर परकोटा बनेगा. उसके चार कोने होंगे जो कि आयतकार है. जिसके चारों अलग अलग कोने पर सूर्य, गणपति, भगवती और शंकर के पंचायतान मंदिर बनेगे.
आयताकार में दो तरफ की भुजाये लम्बी होती हैं. इन भुजाओं में हनुमान जी और दूसरी भुजा में माता अन्नपूर्णना देवी का मंदिर होगा. राम मंदिर के निकट शेषवतार के रूप में लक्षमण का मंदिर बन रहा है. महर्षि बाल्मीकि, विश्वामित्र, गुरु वशिष्ठ, महर्षि अगस्त्य इसके अलावा निषाद, शबरी, अहिल्या और रामायण को समाज के बीच पहुंचने वाली गोस्वामी तुलसीदास का भी मंदिर बनेंगे.

जल्द ही राम मंदिर की सुरक्षा एनएसजी के हाथों में होगी

चंपत राय ने बताया कि राम मंदिर अयोध्या में हनुमान गढ़ी, कनक भवन, सरयू घाट से अलग है. जिसकी सुरक्षा सबसे महत्वपूर्ण है. मंदिर परिसर की सुरक्षा के लिए 32 सालों से दर्जन भर सुरक्षा एजेंसियां और 2500 से अधिक सुरक्षा के जवान लगे हुए हैं. जिसमें सीआरपीएफ, पीएसी, एसएसएफ और सिविल पुलिस भी शामिल है. समय-समय पर स्थाई सुरक्षा समिति के मंथन भी करता है. राम मंदिर में प्राण प्रतिष्ठा के श्रद्धालुओं की संख्या बढ़ गया है. चंपत राय ने कहा कि अब मंदिर परिसर की सुरक्षा में भी बदलाव किए जा रहे हैं. जल्द ही परिसर की सुरक्षा एनएसजी कमांडो के हाथों में होगी. राम जन्मभूमि और अयोध्या की सुरक्षा को लेकर प्रत्येक तीसरे माह राम जन्मभूमि अस्थाई सुरक्षा समिति की उच्च स्तरीय सुरक्षा बैठक होती है. जिसमें गुप्तचर इकाइयों के साथ ही अपर महानिदेशक सुरक्षा सहित उच्च अधिकारी और ट्रस्ट के सदस्य शामिल होते हैं. उन्होंने कहा कि सरकार राम जन्मभूमि की सुरक्षा के लिए बड़ी धनी राशि खर्च करती है. गुप्तचर विभाग के उच्च अधिकारियों ने भी राम जन्मभूमि मंदिर की सुरक्षा सबसे गंभीर बताया है. यही कारण है कि राम मंदिर अन्य मंदिरों से अलग है.

कांवड़ यात्रा और सावन झूला मेले को लेकर सुरक्षा अलर्ट

उन्होंने कहा कि अयोध्या में प्रारम्भ हो रहे कांवड़ यात्रा और सावन झूला मेला को लेकर भी सुरक्षा एजेंसी को अलर्ट किया गया है. गुरुवार की रात्रि वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक के निर्देश पर सुरक्षा बलों के जवानों ने सार्वजनिक स्थल रेलवे स्टेशन अन्य प्रमुख स्थानों पर पैदल मार्च किया है.

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