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खास है कुचामन का ये शिवालय, जलाभिषेक मात्र से पूरी हो जाती है भक्तों की सभी मनोकामनाएं

Mahashivratri 2024, आज महाशिवरात्रि है. पूरे देश व प्रदेश के शिवालयों में भगवान महादेव की पूजा-अर्चना की जा रही है. वहीं, राजस्थान के कुचामन फोर्ट में एक ऐसा शिवालय स्थित है, जिसके जलहरी में एक नहीं, दो नहीं, बल्कि 11 शिवलिंग है और मान्यता है कि यहां जलाभिषेक करने वाले भक्तों की प्रभु सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं.

Mahashivratri 2024
Mahashivratri 2024
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 8, 2024, 3:43 PM IST

कुचामनसिटी. आमतौर पर शिवालय में जलहरी के बीच एक ही शिवलिंग विराजित होता है, लेकिन कुचामन सिटी में एक ऐसा शिवलिंग है, जिसे देख आप अचंभित हो जाएंगे. दरअसल, ये शिवालय शहर के कुचामन फोर्ट में स्थित है और करीब ढाई सौ वर्ष पुराना है. साथ ही इस मंदिर का अपना ऐतिहासिक महत्व है. इस शिवालय की खास बात यह है कि यहां एक नहीं, बल्कि 11 शिवलिंग हैं और सभी शिवलिंग एक ही जलहरी पर स्थित है. करीब 1450 फीट ऊंची और 302 साल पुराने किले में बने इस शिवालय का जीर्णोद्धार विक्रम संवत 2018 में राजा प्रताप सिंह द्वारा कराया गया था. इसका जिक्र मंदिर में लगे शिलालेख में भी मिलता है. वहीं, यहां 11 शिवलिंग के साथ ही आपको पूरे शिव परिवार का एक साथ दर्शन होता है, जो अन्यत्र दुर्लभ है.

कुचामन फोर्ट स्थित इस शिवालय के पुजारी छोटूलाल शर्मा बताते हैं कि वो प्रतिदिन सुबह व शाम के दौरान यहां पूजा-अर्चना करते हैं. वहीं, महाशिवरात्रि पर यहां सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिली, जहां श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक के साथ ही पूजा-अर्चना की. पुजारी ने बताया कि इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से यहां 11 शिवलिंग की पूजा-अर्चना करता है. महादेव उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं.

इसे भी पढ़ें - महाशिवरात्रि 2024 : बम भोले की जयघोष से गुंजायमान हुए शिवालय, महादेव मंदिरों में उमड़ी भीड़

वहीं, लगातार सात सोमवार तक जलाभिषेक करने वाले शिव भक्तों के जीवन में कोई कष्ट नहीं आता है. हालांकि, पहले यहां शिवरात्रि के मौके पर हजारों की संख्या में भक्त आया करते थे, लेकिन जब से कुचामनगढ़ को कुचामन फोर्ट में तब्दील किया गया है, तभी से यहां श्रद्धालुओं को प्रवेश के लिए विशेष अनुमति लेनी होती है. साथ ही उन्हें 500 रुपए का भुगतान कर टिकट लेना पड़ता है.

कुचामनसिटी. आमतौर पर शिवालय में जलहरी के बीच एक ही शिवलिंग विराजित होता है, लेकिन कुचामन सिटी में एक ऐसा शिवलिंग है, जिसे देख आप अचंभित हो जाएंगे. दरअसल, ये शिवालय शहर के कुचामन फोर्ट में स्थित है और करीब ढाई सौ वर्ष पुराना है. साथ ही इस मंदिर का अपना ऐतिहासिक महत्व है. इस शिवालय की खास बात यह है कि यहां एक नहीं, बल्कि 11 शिवलिंग हैं और सभी शिवलिंग एक ही जलहरी पर स्थित है. करीब 1450 फीट ऊंची और 302 साल पुराने किले में बने इस शिवालय का जीर्णोद्धार विक्रम संवत 2018 में राजा प्रताप सिंह द्वारा कराया गया था. इसका जिक्र मंदिर में लगे शिलालेख में भी मिलता है. वहीं, यहां 11 शिवलिंग के साथ ही आपको पूरे शिव परिवार का एक साथ दर्शन होता है, जो अन्यत्र दुर्लभ है.

कुचामन फोर्ट स्थित इस शिवालय के पुजारी छोटूलाल शर्मा बताते हैं कि वो प्रतिदिन सुबह व शाम के दौरान यहां पूजा-अर्चना करते हैं. वहीं, महाशिवरात्रि पर यहां सुबह से ही भक्तों की भीड़ देखने को मिली, जहां श्रद्धालुओं ने जलाभिषेक के साथ ही पूजा-अर्चना की. पुजारी ने बताया कि इस मंदिर को लेकर ऐसी मान्यता है कि जो भी भक्त सच्चे मन से यहां 11 शिवलिंग की पूजा-अर्चना करता है. महादेव उसकी सभी मनोकामनाएं पूरी कर देते हैं.

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वहीं, लगातार सात सोमवार तक जलाभिषेक करने वाले शिव भक्तों के जीवन में कोई कष्ट नहीं आता है. हालांकि, पहले यहां शिवरात्रि के मौके पर हजारों की संख्या में भक्त आया करते थे, लेकिन जब से कुचामनगढ़ को कुचामन फोर्ट में तब्दील किया गया है, तभी से यहां श्रद्धालुओं को प्रवेश के लिए विशेष अनुमति लेनी होती है. साथ ही उन्हें 500 रुपए का भुगतान कर टिकट लेना पड़ता है.

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