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सीवर के पानी से हरे भरे होंगे खेत खलिहान, जल भराव से निजात के लिए बनाई नई योजना - IRRIGATION FROM TREATED WATER

डीडवाना में एसटीपी प्लांट के ट्रीटेट पानी को अब सिंचाई के काम लिया जाएगा. इसके लिए किसानों में जागरूकता उत्पन्न की जा रही है.

STP plant in Didwana
एसटीपी प्लांट के पानी से भरा मैदान (Etv Bharat Kuchamancity)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jan 2, 2025, 1:14 PM IST

कुचामनसिटी: डीडवाना शहर में सीवरेज के एसटीपी प्लांट से निकलने वाला ट्रीटेट पानी, शहर के लिए जल भराव की विकराल समस्या बन गया है. इस पानी की निकासी नहीं होने से मेला मैदान में सैकड़ों बीघा क्षेत्र में झील बन गई है. अब जिला प्रशासन ने एक योजना तैयार की है, जिसके तहत सीवर के इस ट्रीटेड पानी को खेतों में सिंचाई के काम में लिया जा सकेगा. प्रशासन इस पर काम कर रहा है. इससे सीवरेज के पानी के जमा होने की समस्या से निजात मिल सकेगी, वहीं किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिल सकेगा.

डीडवाना के मेला मैदान में सीवरेज के एसटीपी प्लांट से निकला पानी झील का रूप ले चुका. यह पानी सैकड़ों बीघा क्षेत्र में फैल चुका है. पानी का स्तर दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. अब तक इस पानी के निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे धीरे धीरे बढ़ता हुआ यह पानी आने वाले दिनों में डीडवाना शहर को भी अपनी चपेट में ले सकता है.

जल भराव से निजात के लिए बनाई नई योजना (वीडियो ईटीवी भारत डीडवाना)

पढ़ें: किसानों के लिए सिंचाई पानी को लेकर आईजीएनपी ने नहरों का चक्रीय कार्यक्रम किया जारी

इस समस्या को देखते हुए अब डीडवाना जिला प्रशासन सीवर के पानी को निकालने की कवायद कर रहा है, ताकि सीवर का परिशोधित (ट्रीटेड) पानी कृषि कार्य के लिए किसानों को दिया जा सके. इसके लिए डीडवाना जिला कलक्टर पुखराज सैन ने कृषि विभाग और नगर परिषद को योजनाबद्ध तरीके से साथ मिलकर योजना पर काम करने के निर्देश दिए हैं. कृषि विभाग द्वारा किसानों को सीवर के पानी से फसलों की सिंचाई करने के प्रति जागरूक किया जा रहा है. नगर परिषद की ओर से सीवर के पानी को किसानों के खेतों तक पहुंचाने के लिए पाइप लाइनें डालकर वितरण तंत्र विकसित किया गया है. इससे कि किसानों को हर समय सिंचाई के लिए सीवर का पानी उपलब्ध हो सके. इस योजना को कामयाब बनाने के लिए खुद जिला कलक्टर पुखराज सैन गांवों में रात्रि चौपाल करके किसानों को प्रेरित कर रहे हैं।

पढ़ें: राजस्थान में भी सीवरेज के गंदे पानी से स्थानीय निकाय करेंगे कमाई

जिला कलेक्टर पुखराज सैन ने बताया कि अब कृषि अधिकारी गांवों में जाकर किसानों को बता रहे हैं कि सीवर का ट्रीटेट पानी कृषि के लिए उपयुक्त है और इस पानी से रबी तथा खरीफ की फसलों की अच्छी पैदावार की जा सकती है. अब किसान अपने खेतों में तलाई का निर्माण कर उनमें पानी का संग्रहण कर रहे हैं. इन तलाई के निर्माण के लिए कृषि विभाग द्वारा किसानों को अनुदान भी दिया जा रहा है. कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पानी की कमी के कारण जो किसान मजबूरन खेती से मुंह मोड़ रहे थे, अब उन किसानों को भी आसानी से पानी मिलने लगा है. जिसके चलते खेतों में फसलों की अच्छी पैदावार होने लगी है. सीवर के पानी से अब इसबगोल, फूलों की खेती और सब्जियों की खेती हो रही है.

रबी के रकबे में बढ़ोतरी: कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक कल्प वर्मा ने बताया कि कृषि विभाग के जागरूकता अभियान के बाद कई किसानों ने सीवर के पानी से खेती करना शुरू कर दिया है. जिसके परिणाम स्वरूप क्षेत्र के 750 हेक्टेयर इलाके में रबी की फसलों में बढ़ोतरी हुई है. वहीं कई किसान सब्जियां भी उगा रहे हैं. इसके अलावा पर्याप्त चारा होने से कुछ किसान पशुपालन और मुर्गी पालन भी करने लगे हैं. अच्छी फसलें होने से जहां किसानों की आमदनी बढ़ी है, वही पशुपालन से उन्हें अतिरिक्त आय भी मिलने लगी है. पर्याप्त पानी मिलने से जो खेत बरसात के बाद बाकी महीनों में बंजर नजर आते थे, अब वे खेत हरे भरे नजर आने लगे हैं.

कुचामनसिटी: डीडवाना शहर में सीवरेज के एसटीपी प्लांट से निकलने वाला ट्रीटेट पानी, शहर के लिए जल भराव की विकराल समस्या बन गया है. इस पानी की निकासी नहीं होने से मेला मैदान में सैकड़ों बीघा क्षेत्र में झील बन गई है. अब जिला प्रशासन ने एक योजना तैयार की है, जिसके तहत सीवर के इस ट्रीटेड पानी को खेतों में सिंचाई के काम में लिया जा सकेगा. प्रशासन इस पर काम कर रहा है. इससे सीवरेज के पानी के जमा होने की समस्या से निजात मिल सकेगी, वहीं किसानों को सिंचाई के लिए भरपूर पानी मिल सकेगा.

डीडवाना के मेला मैदान में सीवरेज के एसटीपी प्लांट से निकला पानी झील का रूप ले चुका. यह पानी सैकड़ों बीघा क्षेत्र में फैल चुका है. पानी का स्तर दिनों दिन बढ़ता जा रहा है. अब तक इस पानी के निस्तारण की कोई व्यवस्था नहीं है, जिससे धीरे धीरे बढ़ता हुआ यह पानी आने वाले दिनों में डीडवाना शहर को भी अपनी चपेट में ले सकता है.

जल भराव से निजात के लिए बनाई नई योजना (वीडियो ईटीवी भारत डीडवाना)

पढ़ें: किसानों के लिए सिंचाई पानी को लेकर आईजीएनपी ने नहरों का चक्रीय कार्यक्रम किया जारी

इस समस्या को देखते हुए अब डीडवाना जिला प्रशासन सीवर के पानी को निकालने की कवायद कर रहा है, ताकि सीवर का परिशोधित (ट्रीटेड) पानी कृषि कार्य के लिए किसानों को दिया जा सके. इसके लिए डीडवाना जिला कलक्टर पुखराज सैन ने कृषि विभाग और नगर परिषद को योजनाबद्ध तरीके से साथ मिलकर योजना पर काम करने के निर्देश दिए हैं. कृषि विभाग द्वारा किसानों को सीवर के पानी से फसलों की सिंचाई करने के प्रति जागरूक किया जा रहा है. नगर परिषद की ओर से सीवर के पानी को किसानों के खेतों तक पहुंचाने के लिए पाइप लाइनें डालकर वितरण तंत्र विकसित किया गया है. इससे कि किसानों को हर समय सिंचाई के लिए सीवर का पानी उपलब्ध हो सके. इस योजना को कामयाब बनाने के लिए खुद जिला कलक्टर पुखराज सैन गांवों में रात्रि चौपाल करके किसानों को प्रेरित कर रहे हैं।

पढ़ें: राजस्थान में भी सीवरेज के गंदे पानी से स्थानीय निकाय करेंगे कमाई

जिला कलेक्टर पुखराज सैन ने बताया कि अब कृषि अधिकारी गांवों में जाकर किसानों को बता रहे हैं कि सीवर का ट्रीटेट पानी कृषि के लिए उपयुक्त है और इस पानी से रबी तथा खरीफ की फसलों की अच्छी पैदावार की जा सकती है. अब किसान अपने खेतों में तलाई का निर्माण कर उनमें पानी का संग्रहण कर रहे हैं. इन तलाई के निर्माण के लिए कृषि विभाग द्वारा किसानों को अनुदान भी दिया जा रहा है. कृषि विभाग के अधिकारियों का कहना है कि पानी की कमी के कारण जो किसान मजबूरन खेती से मुंह मोड़ रहे थे, अब उन किसानों को भी आसानी से पानी मिलने लगा है. जिसके चलते खेतों में फसलों की अच्छी पैदावार होने लगी है. सीवर के पानी से अब इसबगोल, फूलों की खेती और सब्जियों की खेती हो रही है.

रबी के रकबे में बढ़ोतरी: कृषि विभाग के संयुक्त निदेशक कल्प वर्मा ने बताया कि कृषि विभाग के जागरूकता अभियान के बाद कई किसानों ने सीवर के पानी से खेती करना शुरू कर दिया है. जिसके परिणाम स्वरूप क्षेत्र के 750 हेक्टेयर इलाके में रबी की फसलों में बढ़ोतरी हुई है. वहीं कई किसान सब्जियां भी उगा रहे हैं. इसके अलावा पर्याप्त चारा होने से कुछ किसान पशुपालन और मुर्गी पालन भी करने लगे हैं. अच्छी फसलें होने से जहां किसानों की आमदनी बढ़ी है, वही पशुपालन से उन्हें अतिरिक्त आय भी मिलने लगी है. पर्याप्त पानी मिलने से जो खेत बरसात के बाद बाकी महीनों में बंजर नजर आते थे, अब वे खेत हरे भरे नजर आने लगे हैं.

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