जयपुर. शहर के आराध्य गोविंद देवजी मंदिर प्रांगण में भारतीय नव वर्ष और नव संवत्सर 2081 के मौके पर ठाकुरजी की शृंगार आरती हुई. इसके बाद गज पूजन किया गया. इस दौरान मंदिर प्रांगण में नव संवत्सर के स्वागत में भगवा ध्वज वितरण किया गया. वहीं, 'ठाकुरजी' के समक्ष नव वर्ष का पंचांग भी पढ़ा गया. शहर के अन्य प्रमुख मंदिरों में भी अनेक आयोजन हुए.
गोविंद देव जी मंदिर में ठाकुर श्रीजी का अभिषेक कर नवीन लाल रंग लप्पा जामा पोशाक धारण कराई गई. ऋतु पुष्प और विशेष आभूषणों से शृंगार किया गया. शृंगार आरती के बाद चैत्र शुक्ल प्रतिपदा नव वर्ष के मौके पर जयपुर की परंपरा का निर्वहन करते हुए मंदिर परिसर में ही गज पूजन किया गया. मंदिर परिवार की ओर से गजराज को जल अर्पित किया गया. मस्तक पर चंदन का स्वास्तिक बनाते हुए पुष्प अर्पित किए गए. बैंड वादन के साथ मंगल आरती की गई. इससे पहले 'ठाकुरजी' के समक्ष नव संवत्सर पंचांग का पूजन कर पढ़ा गया. साथ ही भगवा ध्वजा वितरित की गई.
इस दौरान राज्य सभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, निवर्तमान सांसद रामचरण बोहरा और विधायक कालीचरण सराफ भी मौजूद रहे. मंदिर प्रांगण में श्री रामचरितमानस नव पारायण का संगीतमय वाचन शुरू किया गया. यहां 9 अप्रैल से 18 अप्रैल तक हर दिन सुबह 7:30 से 11:30 बजे तक वाचन होगा. आपको बता दें कि इसी दिन सभी संवत्सरों की शुरुआत हुई. भगवान राम का राज्याभिषेक, आर्य समाज की स्थापना और राजस्थान की स्थापना दिवस भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही हुई थी. मान्यता है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर ही 'ब्रह्माजी' ने सृष्टि की रचना की थी.