ETV Bharat / state

जयपुर के आराध्य गोविंद देवजी मंदिर में नवसंवत्सर की परंपरा का निर्वहन, ठाकुरजी के समक्ष सुनाया गया नया पंचांग - TRADITION OF NAVSAMVATSAR

छोटी काशी के रूप में विख्यात जयपुर में मंगलवार को नवसंवत्सर के उपलक्ष्य में विभिन्न धार्मिक आयोजन हुए. प्रमुख मंदिरों में भी भगवान के सामने नव संवत्सर का पंचांग सुनाया गया. वहीं मंदिरों और घरों में सर्वार्थ सिद्धि, अमृत सिद्धि और कुमार योग में शक्ति की आराधना परवान पर चढ़ी.

Gaj puja took place in the adorable Govind Devji temple of Jaipur.
जयपुर के आराध्य गोविंद देवजी मंदिर में हुआ ध्वजा वितरण व पंचांग पूजन
author img

By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Apr 9, 2024, 4:46 PM IST

Updated : Apr 9, 2024, 7:30 PM IST

जयपुर के आराध्य गोविंद देवजी मंदिर में नवसंवत्सर की परंपरा का निर्वहन.

जयपुर. शहर के आराध्य गोविंद देवजी मंदिर प्रांगण में भारतीय नव वर्ष और नव संवत्सर 2081 के मौके पर ठाकुरजी की शृंगार आरती हुई. इसके बाद गज पूजन किया गया. इस दौरान मंदिर प्रांगण में नव संवत्सर के स्वागत में भगवा ध्वज वितरण किया गया. वहीं, 'ठाकुरजी' के समक्ष नव वर्ष का पंचांग भी पढ़ा गया. शहर के अन्य प्रमुख मंदिरों में भी अनेक आयोजन हुए.

Gaj puja took place in the adorable Govind Devji temple of Jaipur
गोविंद देव जी मंदिर में ठाकुर श्रीजी का अभिषेक कर नवीन लाल रंग लप्पा जामा पोशाक धारण कराई गई

गोविंद देव जी मंदिर में ठाकुर श्रीजी का अभिषेक कर नवीन लाल रंग लप्पा जामा पोशाक धारण कराई गई. ऋतु पुष्प और विशेष आभूषणों से शृंगार किया गया. शृंगार आरती के बाद चैत्र शुक्ल प्रतिपदा नव वर्ष के मौके पर जयपुर की परंपरा का निर्वहन करते हुए मंदिर परिसर में ही गज पूजन किया गया. मंदिर परिवार की ओर से गजराज को जल अर्पित किया गया. मस्तक पर चंदन का स्वास्तिक बनाते हुए पुष्प अर्पित किए गए. बैंड वादन के साथ मंगल आरती की गई. इससे पहले 'ठाकुरजी' के समक्ष नव संवत्सर पंचांग का पूजन कर पढ़ा गया. साथ ही भगवा ध्वजा वितरित की गई.

Gaj puja took place in the adorable Govind Devji temple of Jaipur
ठाकुर जी के समक्ष भगवा ध्वजा वितरित की गई.

पढ़ें: जीवंत हो उठा 'गोपीचंद भर्तृहरि' का 250 वर्ष पुराना तमाशा, बेटे के लिए मां का त्याग और बलिदान की झलक आई नजर

इस दौरान राज्य सभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, निवर्तमान सांसद रामचरण बोहरा और विधायक कालीचरण सराफ भी मौजूद रहे. मंदिर प्रांगण में श्री रामचरितमानस नव पारायण का संगीतमय वाचन शुरू किया गया. यहां 9 अप्रैल से 18 अप्रैल तक हर दिन सुबह 7:30 से 11:30 बजे तक वाचन होगा. आपको बता दें कि इसी दिन सभी संवत्सरों की शुरुआत हुई. भगवान राम का राज्याभिषेक, आर्य समाज की स्थापना और राजस्थान की स्थापना दिवस भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही हुई थी. मान्यता है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर ही 'ब्रह्माजी' ने सृष्टि की रचना की थी.

जयपुर के आराध्य गोविंद देवजी मंदिर में नवसंवत्सर की परंपरा का निर्वहन.

जयपुर. शहर के आराध्य गोविंद देवजी मंदिर प्रांगण में भारतीय नव वर्ष और नव संवत्सर 2081 के मौके पर ठाकुरजी की शृंगार आरती हुई. इसके बाद गज पूजन किया गया. इस दौरान मंदिर प्रांगण में नव संवत्सर के स्वागत में भगवा ध्वज वितरण किया गया. वहीं, 'ठाकुरजी' के समक्ष नव वर्ष का पंचांग भी पढ़ा गया. शहर के अन्य प्रमुख मंदिरों में भी अनेक आयोजन हुए.

Gaj puja took place in the adorable Govind Devji temple of Jaipur
गोविंद देव जी मंदिर में ठाकुर श्रीजी का अभिषेक कर नवीन लाल रंग लप्पा जामा पोशाक धारण कराई गई

गोविंद देव जी मंदिर में ठाकुर श्रीजी का अभिषेक कर नवीन लाल रंग लप्पा जामा पोशाक धारण कराई गई. ऋतु पुष्प और विशेष आभूषणों से शृंगार किया गया. शृंगार आरती के बाद चैत्र शुक्ल प्रतिपदा नव वर्ष के मौके पर जयपुर की परंपरा का निर्वहन करते हुए मंदिर परिसर में ही गज पूजन किया गया. मंदिर परिवार की ओर से गजराज को जल अर्पित किया गया. मस्तक पर चंदन का स्वास्तिक बनाते हुए पुष्प अर्पित किए गए. बैंड वादन के साथ मंगल आरती की गई. इससे पहले 'ठाकुरजी' के समक्ष नव संवत्सर पंचांग का पूजन कर पढ़ा गया. साथ ही भगवा ध्वजा वितरित की गई.

Gaj puja took place in the adorable Govind Devji temple of Jaipur
ठाकुर जी के समक्ष भगवा ध्वजा वितरित की गई.

पढ़ें: जीवंत हो उठा 'गोपीचंद भर्तृहरि' का 250 वर्ष पुराना तमाशा, बेटे के लिए मां का त्याग और बलिदान की झलक आई नजर

इस दौरान राज्य सभा सांसद घनश्याम तिवाड़ी, निवर्तमान सांसद रामचरण बोहरा और विधायक कालीचरण सराफ भी मौजूद रहे. मंदिर प्रांगण में श्री रामचरितमानस नव पारायण का संगीतमय वाचन शुरू किया गया. यहां 9 अप्रैल से 18 अप्रैल तक हर दिन सुबह 7:30 से 11:30 बजे तक वाचन होगा. आपको बता दें कि इसी दिन सभी संवत्सरों की शुरुआत हुई. भगवान राम का राज्याभिषेक, आर्य समाज की स्थापना और राजस्थान की स्थापना दिवस भी चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही हुई थी. मान्यता है कि चैत्र शुक्ल प्रतिपदा पर ही 'ब्रह्माजी' ने सृष्टि की रचना की थी.

Last Updated : Apr 9, 2024, 7:30 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.