जोधपुर. भ्रष्टाचार निवारण अदालत संख्या 1 के न्यायाधीश मदन गोपाल सैनी ने पांच साल पहले दस हजार रुपए की रिश्वत लेने के मामले में पकड़े गए तत्कालीन वरिष्ठ आरएएस अधिकारी विजय सिंह नाहटा को 03 साल की जेल और 30 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है. नाहटा उस समय एडीएम के पद पर नियुक्त थे.
मामले के अनुसार अप्रेल 2019 में परिवादी पप्पू राम ने एसीबी में शिकायत कर बताया कि उसके खेत की पत्थरगढ़ी करने के काम के लिए पटवारी को रिपोर्ट के लिए भेजना है. रिपोर्ट तहसीलदार को भिजवानी थी, जिसके लिए उसने जिला कलेक्टर से शिकायत की तो उसे तत्कालीन एडीएम विजय सिंह नाहटा के पास भेजा गया. तत्कालीन एडीएम ने इस मामले को तहसीलदार को भेजने की एवज में 10 हजार रुपए की रिश्वत की मांगी. इस पर परिवादी ने नाहटा की भी शिकायत कर दी. इस पर एसीबी ने शिकायत का सत्यापन कर जाल बिछाया और तत्कालीन एडीएम विजय सिंह नाहटा को 10 रुपए रिश्वत राशि के साथ रंगे हाथों गिरफ्तार किया था. इस कार्रवाई के बाद एडीएम नाहटा को सस्पेंड कर दिया गया था.
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इस मामले में गुरूवार को भ्रष्टाचार निवारण अदालत ने तत्कालीन एडीएम विजय सिंह नाहटा को दोषी करार देते हुए 3 साल की सजा सुनाई है. सरकार की तरफ से इस मामले में एसीबी कोर्ट के विशिष्ट लोक अभियोजक उपेंद्र शर्मा ने पैरवी की. सजा के आदेश के बाद आरोपी की ओर से पेश जमानत आवेदन को स्वीकार कर दिया. आरोपी अब इस फैसले को तीन माह में राजस्थान हाईकोर्ट में अपील पेश कर चुनौती दे सकता है. यदि समय पर चुनौती नहीं देता है तो उसे जेल जाना पड़ेगा.