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सीआर चौधरी और जसवंत सिंह बिश्नोई की सियासी नियुक्ति के पीछे की ये है पूरी कहानी

Bhajanlal Government Made Political Appointment, राज्य की भजनलाल सरकार ने लोकसभा चुनाव की तारीखों की घोषणा से पहले शनिवार को कई बड़ी सियासी नियुक्तियां कीं. इसके तहत सीआर चौधरी को राजस्थान किसान आयोग का अध्यक्ष बनाया गया तो जसवंत सिंह बिश्नोई को जीव जंतु कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया. इसके साथ ही पार्टी ने नाराज चल रहे जाट और बिश्नोई समाज को साधने की कोशिश की.

Bhajanlal Government Made Political Appointment
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 16, 2024, 8:08 PM IST

जोधपुर. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शनिवार को लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया तो वहीं, आचार संहिता लगने से ठीक पहले भजनलाल सरकार ने सियासी नियुक्तियों को अंजाम दिया. इन नियुक्तियों के जरिए राज्य की भजनलाल सरकार मारवाड़ ने जाट और बिश्नोई समाज को साधने की कोशिश की है. खास तौर से मारवाड़ में जाट और बिश्नोई को वरीयता देते हुए उनके प्रमुख नेताओं को बोर्ड आयोगों का अध्यक्ष बनाकर व्याप्त नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया गया. हालांकि, इसे लोकसभा चुनाव से पहले डैमेज कंट्रोल की कवायद माना जा रहा है. सरकार ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और नागौर के दिग्गज जाट नेता सीआर चौधरी को किसान आयोग का अध्यक्ष बनाया है तो मारवाड़ के बिश्नोई समाज के बड़े नेता जसवंत सिंह बिश्नोई को जीव जंतु कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.

जाटों को मनाने के लिए सीआर चौधरी को बनाया अध्यक्ष : सीआर चौधरी नागौर से 2014 में चुनाव जीतकर केंद्रीय मंत्री बने थे, लेकिन 2019 में भाजपा ने नागौर सीट आरएलपी को दे दी. इसके चलते चौधरी चुनाव नहीं लड़ पाए. किसान आंदोलन के चलते हनुमान बेनीवाल ने मोदी सरकार से समर्थन वापस लिया तो सीआर चौधरी की दावेदारी फिर से मजबूत हुई, लेकिन इस बार पार्टी ने ज्योति मिर्धा अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं ज्योति मिर्धा इससे पहले विधानसभा चुनाव हार चुकी हैं. इसके बावजूद पार्टी ने उन पर विश्वास जताया और उन्हें नागौर सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया. ऐसे में सीआर चौधरी और भाजपा के जाट नेता पार्टी से नाराज चल रहे थे. यही वजह है कि शेखावाटी से लगे नागौर के जाटों को साधने के लिए पार्टी ने सीआर चौधरी को किसान आयोग का अध्यक्ष बना दिया, ताकि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को क्षेत्र में किसी तरह के नुकसान का सामना न करना पड़े.

इसे भी पढ़ें - आचार संहिता लगने से पहले भजनलाल सरकार ने की ताबड़तोड़ राजनीतिक नियुक्तियां, तत्काल प्रभाव से लागू

नाराज बिश्नोई समाज को साधने का प्रयास : केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से पहले जसवंत सिंह बिश्नोई भाजपा के दो बार उम्मीदवार रहे और उन्होंने चुनाव भी जीते थे. उन्होंने विधानसभा चुनाव में भी टिकट के लिए दावेदारी पेश की थी, लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया. ऐसे में उन्होंने लोकसभा चुनाव में भी अपनी दावेदारी रखी, बावजूद इसके उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया गया. वहीं, गजेंद्र सिंह शेखावत को लगातार तीसरी बार उम्मीदवार बनाए जाने पर उनका रोष भी सामने आया. उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी हताशा जाहिर की. इसके बाद जोधपुर में बिश्नोई समाज के लोगों ने भाजपा के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की. वहीं, जोधपुर, जालोर-सिरोही और पाली संसदीय क्षेत्र में बिश्नोई समाज के मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है. ऐसे में भाजपा ने जसवंत सिंह बिश्नोई को सियासी नियुक्ति देकर एक तरह से समाज को संतुष्ट करने का प्रयास किया है.

जोधपुर. मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने शनिवार को लोकसभा चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया तो वहीं, आचार संहिता लगने से ठीक पहले भजनलाल सरकार ने सियासी नियुक्तियों को अंजाम दिया. इन नियुक्तियों के जरिए राज्य की भजनलाल सरकार मारवाड़ ने जाट और बिश्नोई समाज को साधने की कोशिश की है. खास तौर से मारवाड़ में जाट और बिश्नोई को वरीयता देते हुए उनके प्रमुख नेताओं को बोर्ड आयोगों का अध्यक्ष बनाकर व्याप्त नाराजगी को दूर करने का प्रयास किया गया. हालांकि, इसे लोकसभा चुनाव से पहले डैमेज कंट्रोल की कवायद माना जा रहा है. सरकार ने पूर्व केंद्रीय मंत्री और नागौर के दिग्गज जाट नेता सीआर चौधरी को किसान आयोग का अध्यक्ष बनाया है तो मारवाड़ के बिश्नोई समाज के बड़े नेता जसवंत सिंह बिश्नोई को जीव जंतु कल्याण बोर्ड का अध्यक्ष नियुक्त किया गया है.

जाटों को मनाने के लिए सीआर चौधरी को बनाया अध्यक्ष : सीआर चौधरी नागौर से 2014 में चुनाव जीतकर केंद्रीय मंत्री बने थे, लेकिन 2019 में भाजपा ने नागौर सीट आरएलपी को दे दी. इसके चलते चौधरी चुनाव नहीं लड़ पाए. किसान आंदोलन के चलते हनुमान बेनीवाल ने मोदी सरकार से समर्थन वापस लिया तो सीआर चौधरी की दावेदारी फिर से मजबूत हुई, लेकिन इस बार पार्टी ने ज्योति मिर्धा अपना प्रत्याशी घोषित कर दिया. कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुईं ज्योति मिर्धा इससे पहले विधानसभा चुनाव हार चुकी हैं. इसके बावजूद पार्टी ने उन पर विश्वास जताया और उन्हें नागौर सीट से अपना प्रत्याशी घोषित किया. ऐसे में सीआर चौधरी और भाजपा के जाट नेता पार्टी से नाराज चल रहे थे. यही वजह है कि शेखावाटी से लगे नागौर के जाटों को साधने के लिए पार्टी ने सीआर चौधरी को किसान आयोग का अध्यक्ष बना दिया, ताकि आगामी लोकसभा चुनाव में भाजपा को क्षेत्र में किसी तरह के नुकसान का सामना न करना पड़े.

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नाराज बिश्नोई समाज को साधने का प्रयास : केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत से पहले जसवंत सिंह बिश्नोई भाजपा के दो बार उम्मीदवार रहे और उन्होंने चुनाव भी जीते थे. उन्होंने विधानसभा चुनाव में भी टिकट के लिए दावेदारी पेश की थी, लेकिन उन्हें मौका नहीं दिया गया. ऐसे में उन्होंने लोकसभा चुनाव में भी अपनी दावेदारी रखी, बावजूद इसके उन्हें प्रत्याशी नहीं बनाया गया. वहीं, गजेंद्र सिंह शेखावत को लगातार तीसरी बार उम्मीदवार बनाए जाने पर उनका रोष भी सामने आया. उन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी हताशा जाहिर की. इसके बाद जोधपुर में बिश्नोई समाज के लोगों ने भाजपा के खिलाफ सोशल मीडिया पर अपनी नाराजगी जाहिर की. वहीं, जोधपुर, जालोर-सिरोही और पाली संसदीय क्षेत्र में बिश्नोई समाज के मतदाताओं की अच्छी खासी संख्या है. ऐसे में भाजपा ने जसवंत सिंह बिश्नोई को सियासी नियुक्ति देकर एक तरह से समाज को संतुष्ट करने का प्रयास किया है.

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