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मानसून की मेहरबानी जनजीवन पर भारी, कहीं पेड़ गिरा तो कहीं मकान को ढहाना पड़ा - side effects of rain in jaipur - SIDE EFFECTS OF RAIN IN JAIPUR

राजधानी जयपुर में लगातार हो रही बारिश के 'साइड इफेक्ट' सामने आने लगे हैं. सड़कें जगह जगह उखड़ गई. यातायात जाम रहने लगा. कई इलाकों में पेड़ ढह गए तो कुछ जगह प्रशासन को पुराने मकान ढहाने भी पड़े.

side effects of  rain in jaipur
जयपुर में भारी बारिश: कहीं मकान ढहाया तो कहीं पेड़ गिरा (Photo ETV Bharat Jaipur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 16, 2024, 3:26 PM IST

बारिश के 'साइड इफेक्ट' (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

जयपुर: राजधानी में मानसून की मेहरबानी जनजीवन पर भारी पड़ रही है. कहीं सालों पुराना पेड़ धराशाही हो गया तो कहीं सुरक्षा की दृष्टि से तीन मंजिले मकान को ढहाना पड़ा. हर बार बारिश में सड़कें दरिया बन रही है. वहीं कई इलाकों में बिजली भी गुल हो रही है. ऐसे में शहर में बारिश के कई साइड इफेक्ट देखने को मिल रहे हैं.

राजस्थान में बीते 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश जयपुर में ही रिकॉर्ड की गई है. यहां 150 एमएम बारिश दर्ज की गई. बारिश का ये दौर बीते एक सप्ताह से जारी है. मौसम विभाग की मानें तो उत्तर पूर्वी राजस्थान के ऊपर परिसंचरण तंत्र बना हुआ है. यह सतह से 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक है. इस वजह से शुक्रवार को भी जयपुर, भरतपुर, कोटा के साथ-साथ अजमेर संभाग में भी कहीं-कहीं अतिभारी बारिश होने की संभावना है. हालांकि ये दौर बीते एक सप्ताह से बना हुआ है.

पढ़ें: राजस्थान में थम नहीं रहा मानसून का कहर ! इन जिलों आज भी स्कूल बंद, कई इलाकों में नदी-नाले उफान पर

सड़कें हुई जलमग्न: भारी बारिश के कारण शहर के परकोटा इलाके, सीकर रोड, एमआई रोड, सी स्कीम, झोटवाड़ा और विद्याधर नगर में कई इलाकों में सड़कें जलमग्न हो गई. दूसरी ओर जल भराव की वजह से कुछ इलाकों में घरों तक पानी जा पहुंचा. सड़कों पर वाहन रेंग-रेंगकर चलते नजर आ रहे हैं. इसके कारण शहर की यातायात व्यवस्था चरामराई हुई है.

सब्जी मंडी में पीपल का पेड़ गिरा: उधर, चांदपोल सब्जी मंडी में देर रात दो बजे पीपल का पेड़ गिर गया. इसकी आवाज इतनी तेज थी कि लोग घरों से बाहर निकल आए. रात का समय होने के चलते कोई जनहानि तो नहीं हुई, लेकिन दो एक्टिवा और एक चाय की थड़ी इसकी चपेट में आ गई. वहीं परकोटा क्षेत्र में इस बारिश के साइड इफेक्ट देखने को मिले. यहां कल्याणजी के रास्ते में तीन मंजिले पुराने मकान को प्रशासन ने ढहा दिया. इस मकान की एक दीवार पहले से ही गिर गई थी. ये मकान साथ के दूसरे मकान के सहारे टिका हुआ था. ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने इसे ढहा दिया. इस दौरान सुरक्षा की दृष्टि से आसपास के क्षेत्र में बैरिकेडिंग कर यह कार्रवाई की गई. लोगों को यहां से दूर रखा गया, ताकि किसी तरह की अप्रिय घटना ना हो.

यह भी पढ़ें: जोबनेर में आफत मूसलाधार, बारिश के बाद घरों में भरा पानी, आपदा प्रबंधन की टीम जुटी राहत कार्य में

ऑरेंज अलर्ट जारी : बहरहाल, मौसम विभाग ने जयपुर में शुक्रवार को भी अति बारिश की संभावना जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. साथ ही लोगों को जर्जर मकान, पुराने पेड़, ट्रांसफार्मर, बिजली के खंबे और हाई टेंशन लाइनों से दूर रहने की हिदायत भी दी है.

बारिश के 'साइड इफेक्ट' (वीडियो ईटीवी भारत जयपुर)

जयपुर: राजधानी में मानसून की मेहरबानी जनजीवन पर भारी पड़ रही है. कहीं सालों पुराना पेड़ धराशाही हो गया तो कहीं सुरक्षा की दृष्टि से तीन मंजिले मकान को ढहाना पड़ा. हर बार बारिश में सड़कें दरिया बन रही है. वहीं कई इलाकों में बिजली भी गुल हो रही है. ऐसे में शहर में बारिश के कई साइड इफेक्ट देखने को मिल रहे हैं.

राजस्थान में बीते 24 घंटे में सबसे ज्यादा बारिश जयपुर में ही रिकॉर्ड की गई है. यहां 150 एमएम बारिश दर्ज की गई. बारिश का ये दौर बीते एक सप्ताह से जारी है. मौसम विभाग की मानें तो उत्तर पूर्वी राजस्थान के ऊपर परिसंचरण तंत्र बना हुआ है. यह सतह से 5.8 किलोमीटर ऊंचाई तक है. इस वजह से शुक्रवार को भी जयपुर, भरतपुर, कोटा के साथ-साथ अजमेर संभाग में भी कहीं-कहीं अतिभारी बारिश होने की संभावना है. हालांकि ये दौर बीते एक सप्ताह से बना हुआ है.

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सड़कें हुई जलमग्न: भारी बारिश के कारण शहर के परकोटा इलाके, सीकर रोड, एमआई रोड, सी स्कीम, झोटवाड़ा और विद्याधर नगर में कई इलाकों में सड़कें जलमग्न हो गई. दूसरी ओर जल भराव की वजह से कुछ इलाकों में घरों तक पानी जा पहुंचा. सड़कों पर वाहन रेंग-रेंगकर चलते नजर आ रहे हैं. इसके कारण शहर की यातायात व्यवस्था चरामराई हुई है.

सब्जी मंडी में पीपल का पेड़ गिरा: उधर, चांदपोल सब्जी मंडी में देर रात दो बजे पीपल का पेड़ गिर गया. इसकी आवाज इतनी तेज थी कि लोग घरों से बाहर निकल आए. रात का समय होने के चलते कोई जनहानि तो नहीं हुई, लेकिन दो एक्टिवा और एक चाय की थड़ी इसकी चपेट में आ गई. वहीं परकोटा क्षेत्र में इस बारिश के साइड इफेक्ट देखने को मिले. यहां कल्याणजी के रास्ते में तीन मंजिले पुराने मकान को प्रशासन ने ढहा दिया. इस मकान की एक दीवार पहले से ही गिर गई थी. ये मकान साथ के दूसरे मकान के सहारे टिका हुआ था. ऐसे में सुरक्षा की दृष्टि से प्रशासन ने इसे ढहा दिया. इस दौरान सुरक्षा की दृष्टि से आसपास के क्षेत्र में बैरिकेडिंग कर यह कार्रवाई की गई. लोगों को यहां से दूर रखा गया, ताकि किसी तरह की अप्रिय घटना ना हो.

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ऑरेंज अलर्ट जारी : बहरहाल, मौसम विभाग ने जयपुर में शुक्रवार को भी अति बारिश की संभावना जताते हुए ऑरेंज अलर्ट जारी किया है. साथ ही लोगों को जर्जर मकान, पुराने पेड़, ट्रांसफार्मर, बिजली के खंबे और हाई टेंशन लाइनों से दूर रहने की हिदायत भी दी है.

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