जयपुर. अंग प्रत्यारोपण के लिए एनओसी जारी करने के एवज में पैसों का लेन-देन के खुलासे के बाद अब केंद्र ने सख्त रुख अख्तियार किया है. केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को एसएमएस मेडिकल कॉलेज की पूर्व कमेटी की संदिग्ध भूमिका की जांच करते हुए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए हैं. साथ ही इस पूरे प्रकरण में आरयूएचएस में कार्यरत डॉक्टर्स और एसएमएस मेडिकल कॉलेज से रिटायर हो चुके डॉक्टर्स की भूमिका पर भी सवाल उठाए हैं.
सख्त एक्शन लेने के निर्देश: प्रदेश में कैडेवर ट्रांसप्लांट में हो रहे फर्जीवाड़े को देखते हुए अब केंद्र सरकार ने अंग के आवंटन पर विचार करने के लिए 'नोटो' आईडी को अनिवार्य किया है. इसके साथ ही लाइव प्रत्यारोपण के मामले में ये आईडी सर्जरी होने के अधिकतम 48 घंटे में बनाए जाने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को फर्जी एनओसी जारी करने और एनओसी के एवज में पैसों का लेनदेन करने के मामले में पूरी चेन का पता लगाने के निर्देश दिए हैं. केंद्र ने कमेटी होने के बाद भी बीते 3 साल में एक भी बैठक नहीं होने को गंभीर बताया साथ ही राज्य सरकार को अंग प्रत्यारोपण के लिए अधिकृत लाइसेंसधारी सभी अस्पतालों की पूरी प्रक्रिया का रूटीन इंस्पेक्शन करने के निर्देश दिए हैं. और एक रजिस्टर मेंटेन करने को कहा है जिसमें सभी प्रत्यारोपण की नियमित जानकारी उपलब्ध हो.
इसके साथ ही केंद्र सरकार ने राज्य सरकार को एसएमएस मेडिकल कॉलेज की पूर्व कमेटी की संदिग्ध भूमिका सामने आने पर जांच करने और जांच के बाद सख्त एक्शन लेने के निर्देश भी दिए हैं. उन्होंने सख्ती दिखाते हुए इस पूरे प्रकरण में एसएमएस मेडिकल कॉलेज से रिटायर हो चुके डॉक्टर्स और राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरयूएचएस) में कार्यरत डॉक्टर्स की भूमिका पर सवाल उठाते हुए इनकी गहनता से जांच करने के भी निर्देश दिए हैं.
29 तक रिमांड पर भेजा: बता दें कि कैडेवर ट्रांसप्लांट में फर्जी एनओसी जारी करने के मामले में जवाहर सर्किल थाना पुलिस ने तीन आरोपियों को गिरफ्तार किया है. जिसमें एसएमएस अस्पताल के सहायक प्रशासनिक अधिकारी गौरव सिंह, फोर्टिस अस्पताल के समन्वयक विनोद और गिरिराज शर्मा का नाम शामिल है. इन आरोपियों को शनिवार को ही न्यायालय में पेश किया गया. जहां से उन्हें 29 अप्रैल तक पुलिस रिमांड पर भेजा गया है. इन आरोपियों से कैडेवर ट्रांसप्लांट की फर्जी एनओसी जारी करने के संबंध में और गिरोह के अन्य लोगों के बारे में पूछताछ की जा रही है.