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जुड़वा बच्चों को जन्म देने के बाद प्रसुता की मौत ने पकड़ा तूल, लोगों ने एसपी ऑफिस पर किया प्रदर्शन - Death of pregnant woman

श्रीगंगानगर में प्रसूता की मौत के बाद गुस्साए लोगों ने एसपी ऑफिस पर प्रदर्शन किया. परिजनों ने जिले के एक निजी अस्पताल पर इलाज में लापरवाही का आरोप लगाया है.

प्रसुता की मौत पर हंगामा
प्रसुता की मौत पर हंगामा (ETV Bharat Sriganganagar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Aug 12, 2024, 3:46 PM IST

श्रीगंगानगर : जिले के निजी अस्पताल में जुड़वा बच्चों को जन्म देने के बाद एक प्रसुता की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है. इलाज में लापरवाही के आरोप लगाते हुए गुस्साए परिजनों ने डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग को लेकर एसपी ऑफिस पर प्रदर्शन किया. वहीं, अस्पताल के एमडी डॉ विकास सिहाग ने कहा कि डॉक्टरों और स्टाफ ने मरीज के इलाज में कोई कमी नहीं रखी. उसे बचाने का पूरा प्रयास किया गया, लेकिन दुर्भाग्यवश मरीज को बचाया नहीं जा सका. इसमें डॉक्टरों की कोई गलती नहीं है.

यह है मामला : प्रसुता के पति मुकेश शर्मा ने बताया कि बुधवार शाम उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर हनुमानगढ़ रोड स्थित अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. प्रसव से पूर्व डॉ सुनीता सिहाग द्वारा सभी जांचें करवाई गई जो की सामान्य थी. उन्होंने कहा कि इसके बाद रात को उसकी पत्नी के पेट में दर्द होने लगा, लेकिन स्टाफ ने ध्यान नहीं दिया और अगले दिन तक दर्द असहनीय हो गया. इस पर अस्पताल के स्टाफ ने एनेस्थीसिया का असर समाप्त होने तथा पेट में गैस होने का हवाला दिया. स्टाफ ने पेट में गैस की दवा दी. महावीर शर्मा ने बताया कि वह जांच करवाने के लिए कहता रहा, लेकिन उसकी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. रात को उसकी पत्नी को आईसीयू में ले जाया गया, जहां थोड़ी देर बाद उसकी मौत की खबर दी गई.

इसे भी पढ़ें- प्रसव के दौरान महिला मौत, परिजनों का आरोप निजी अस्पताल में नर्स की लापरवाही से गई जान - negligence in treatment

घटना से आक्रोशित परिजन और सैंकड़ों की संख्या में लोग एसपी ऑफिस पर पहुंचे और नारेबाजी कर प्रदर्शन किया गुस्साए लोगों ने कहा कि डॉक्टरों की लापरवाही की वजह से तीन मासूम बच्चों के सर से उनकी मां का साया उठ गया. लोगों ने कहा कि यदि इस मामले में कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो आंदोलन को तेज किया जाएगा.

श्रीगंगानगर : जिले के निजी अस्पताल में जुड़वा बच्चों को जन्म देने के बाद एक प्रसुता की मौत के मामले ने तूल पकड़ लिया है. इलाज में लापरवाही के आरोप लगाते हुए गुस्साए परिजनों ने डॉक्टरों पर कार्रवाई की मांग को लेकर एसपी ऑफिस पर प्रदर्शन किया. वहीं, अस्पताल के एमडी डॉ विकास सिहाग ने कहा कि डॉक्टरों और स्टाफ ने मरीज के इलाज में कोई कमी नहीं रखी. उसे बचाने का पूरा प्रयास किया गया, लेकिन दुर्भाग्यवश मरीज को बचाया नहीं जा सका. इसमें डॉक्टरों की कोई गलती नहीं है.

यह है मामला : प्रसुता के पति मुकेश शर्मा ने बताया कि बुधवार शाम उसकी पत्नी को प्रसव पीड़ा होने पर हनुमानगढ़ रोड स्थित अस्पताल में भर्ती करवाया गया था. प्रसव से पूर्व डॉ सुनीता सिहाग द्वारा सभी जांचें करवाई गई जो की सामान्य थी. उन्होंने कहा कि इसके बाद रात को उसकी पत्नी के पेट में दर्द होने लगा, लेकिन स्टाफ ने ध्यान नहीं दिया और अगले दिन तक दर्द असहनीय हो गया. इस पर अस्पताल के स्टाफ ने एनेस्थीसिया का असर समाप्त होने तथा पेट में गैस होने का हवाला दिया. स्टाफ ने पेट में गैस की दवा दी. महावीर शर्मा ने बताया कि वह जांच करवाने के लिए कहता रहा, लेकिन उसकी बात पर कोई ध्यान नहीं दिया गया. रात को उसकी पत्नी को आईसीयू में ले जाया गया, जहां थोड़ी देर बाद उसकी मौत की खबर दी गई.

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