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Panther Terror : तीसरे दिन भी पकड़ से बाहर, अब ड्रोन से मॉनिटरिंग की तैयारी

अलवर के आरआर कॉलेज में विचरण कर रहा पैंथर तीसरे दिन भी पकड़ में नहीं आया. अब ड्रोन के माध्यम से निगरानी की तैयारी है.

Panther In Alwar
अलवर में पैंथर के पगमार्क और विचरण करता पैंथर (ETV Bharat Alwar)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : 9 hours ago

Updated : 9 hours ago

अलवर: शहर के बीच स्थित राजऋषि कॉलेज में पिछले तीन दिन से लगातार पैंथर की हलचल है. वन विभाग ने इसे पकड़ने के लिए दो पिंजरे लगाए गए. इसमें मेमने के साथ मुर्गे को भी बांधा गया, ता​कि पैंथर पिंजरे में आए और ट्रैप हो सके. हालांकि, पैंथर शिकार नहीं कर पिंजरे के बगल से निकल गया. वन विभाग का कहना है कि जल्द ही यह पैंथर पकड़ा नहीं गया, तो वन विभाग की टीम ड्रोन से मॉनिटरिंग करेगी. इधर, लोग बीते तीन दिनों से डर के माहौल में जी रहे हैं.

अलवर में पैंथर (ETV Bharat Alwar)

वनविभाग के वनरक्षक अमित सिंह ने बताया कि आरआर कॉलेज वन क्षेत्र में पैंथर के पगमार्क लगातार मिल रहे हैं. वन विभाग की भी कोशिश लगातार जारी है कि जल्द से जल्द पैंथर को रेस्क्यू कर सरिस्का के जंगलों में छोड़ा जा सके. इसके लिए कैमरों की संख्या भी बढ़ाई गई. पगमार्क मिलने वाले क्षेत्र में 7 जगह पर कैमरे लगाए गए हैं, जिससे पैंथर की फोटो कैमरा ट्रैप में नजर आए. इसके साथ ही दो पिंजरे भी लगाए गए हैं.

इससे पहले पैंथर को पकड़ने के लिए एक पिंजरा लगाया गया, जिसमें मेमने को शिकार के लिए बांधा गया. हालांकि, उस समय भी पैंथर शिकार के लिए पहुंचा, लेकिन किसी कारणवश वह शिकार करने से पहले ही वहां से चला गया. उन्होंने बताया कि मंगलवार रात दूसरे पिंजरे में मुर्गे को बांधा गया था, इसके बाद देर रात में पैंथर की मूवमेंट पिंजरे तक दिखाई दी. वह इस बार भी शिकार को छोड़कर पिंजरे के बगल से निकल गया.

पढ़ें: आबादी में पैंथर: पिंजरे तक आकर लौट गया, मेमने का नहीं किया शिकार

वनरक्षक अमित ने बताया कि पैंथर को शिकार का लालच नहीं आ रहा, इसका कारण यह हो सकता है कि 50 हेक्टेयर के जंगल में कई जंगली जानवर व वन्य जीव विचरण कर रहे हैं. इसके चलते हुए उनका शिकार कर अपना पेट भर रहा है.हालांकि पैंथर के पाक मार्क लगातार मिल रहे हैं, जिस पर वन कर्मियों की टीम निगाह बनाए हुए है. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही कुछ अन्य जगहों पर भी पैंथर के पगमार्क दिखाई दिए हैं, इसके हनुमान मंदिर व फूलबाग के आसपास भी लगातार टीम मॉनिटरिंग कर रही है. उन्होंने बताया कि पैंथर रात के समय में मूवमेंट कर रहा है.इसके लिए कॉलेज परिसर में वॉक करने वाले लोगों को से भी अपील की गई है कि वह रात के अंधेरे में इस क्षेत्र में ना आए. हालांकि, वन विभाग की टीम की ओर से क्षेत्र के सभी गेटों पर ताला लगाया गया है, जिससे कि कोई भी व्यक्ति जंगल की ओर ना जा सके।

कॉलेज के बाहर का मार्ग हुआ सुनसान : कॉलेज के पार्किंग गार्ड बनवारी लाल ने बताया कि पैंथर की सूचना के बाद से ही लगातार लोग डर के माहौल में है. इसके चलते लोगों ने घर से बाहर निकलना भी कम कर दिया है. बीते तीन दिनों से लगातार कॉलेज के बाहर रास्ता भी सुनसान दिखाई देने लगा है. कॉलेज के पास रहने वाले लोगों ने उधर टहलना बंद कर दिया है. लोगों का मानना है कि वन विभाग की टीम जल्द ही पैंथर को रेस्क्यू करेगी. इसके बाद फिर से लोगों का घर से बाहर निकलना सुचारू होगा.

यह भी पढ़ें: शिकारी खुद हो गया 'शिकार', ग्रामीणों के लगाए 'ट्रैप' में फंसा पैंथर

ड्रोन से मॉनिटरिंग की योजना : वनरक्षक अमित सिंह ने बताया कि वन विभाग की टीम की ओर से प्रयास किया जा रहे हैं कि जल्द से जल्द पैंथर को रेस्क्यू कर सरिस्का के जंगलों में छोड़ा जा सके. यदि जल्दी ही पैंथर रेस्क्यू नहीं हो पाया तो ड्रोन के माध्यम से मॉनिटरिंग की जाएगी. उन्होंने बताया कि सरिस्का व अलवर वन मंडल की 15 से ज्यादा सदस्यों की टीम पैंथर की मॉनिटरिंग कर रही है।

अलवर: शहर के बीच स्थित राजऋषि कॉलेज में पिछले तीन दिन से लगातार पैंथर की हलचल है. वन विभाग ने इसे पकड़ने के लिए दो पिंजरे लगाए गए. इसमें मेमने के साथ मुर्गे को भी बांधा गया, ता​कि पैंथर पिंजरे में आए और ट्रैप हो सके. हालांकि, पैंथर शिकार नहीं कर पिंजरे के बगल से निकल गया. वन विभाग का कहना है कि जल्द ही यह पैंथर पकड़ा नहीं गया, तो वन विभाग की टीम ड्रोन से मॉनिटरिंग करेगी. इधर, लोग बीते तीन दिनों से डर के माहौल में जी रहे हैं.

अलवर में पैंथर (ETV Bharat Alwar)

वनविभाग के वनरक्षक अमित सिंह ने बताया कि आरआर कॉलेज वन क्षेत्र में पैंथर के पगमार्क लगातार मिल रहे हैं. वन विभाग की भी कोशिश लगातार जारी है कि जल्द से जल्द पैंथर को रेस्क्यू कर सरिस्का के जंगलों में छोड़ा जा सके. इसके लिए कैमरों की संख्या भी बढ़ाई गई. पगमार्क मिलने वाले क्षेत्र में 7 जगह पर कैमरे लगाए गए हैं, जिससे पैंथर की फोटो कैमरा ट्रैप में नजर आए. इसके साथ ही दो पिंजरे भी लगाए गए हैं.

इससे पहले पैंथर को पकड़ने के लिए एक पिंजरा लगाया गया, जिसमें मेमने को शिकार के लिए बांधा गया. हालांकि, उस समय भी पैंथर शिकार के लिए पहुंचा, लेकिन किसी कारणवश वह शिकार करने से पहले ही वहां से चला गया. उन्होंने बताया कि मंगलवार रात दूसरे पिंजरे में मुर्गे को बांधा गया था, इसके बाद देर रात में पैंथर की मूवमेंट पिंजरे तक दिखाई दी. वह इस बार भी शिकार को छोड़कर पिंजरे के बगल से निकल गया.

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वनरक्षक अमित ने बताया कि पैंथर को शिकार का लालच नहीं आ रहा, इसका कारण यह हो सकता है कि 50 हेक्टेयर के जंगल में कई जंगली जानवर व वन्य जीव विचरण कर रहे हैं. इसके चलते हुए उनका शिकार कर अपना पेट भर रहा है.हालांकि पैंथर के पाक मार्क लगातार मिल रहे हैं, जिस पर वन कर्मियों की टीम निगाह बनाए हुए है. उन्होंने बताया कि इसके साथ ही कुछ अन्य जगहों पर भी पैंथर के पगमार्क दिखाई दिए हैं, इसके हनुमान मंदिर व फूलबाग के आसपास भी लगातार टीम मॉनिटरिंग कर रही है. उन्होंने बताया कि पैंथर रात के समय में मूवमेंट कर रहा है.इसके लिए कॉलेज परिसर में वॉक करने वाले लोगों को से भी अपील की गई है कि वह रात के अंधेरे में इस क्षेत्र में ना आए. हालांकि, वन विभाग की टीम की ओर से क्षेत्र के सभी गेटों पर ताला लगाया गया है, जिससे कि कोई भी व्यक्ति जंगल की ओर ना जा सके।

कॉलेज के बाहर का मार्ग हुआ सुनसान : कॉलेज के पार्किंग गार्ड बनवारी लाल ने बताया कि पैंथर की सूचना के बाद से ही लगातार लोग डर के माहौल में है. इसके चलते लोगों ने घर से बाहर निकलना भी कम कर दिया है. बीते तीन दिनों से लगातार कॉलेज के बाहर रास्ता भी सुनसान दिखाई देने लगा है. कॉलेज के पास रहने वाले लोगों ने उधर टहलना बंद कर दिया है. लोगों का मानना है कि वन विभाग की टीम जल्द ही पैंथर को रेस्क्यू करेगी. इसके बाद फिर से लोगों का घर से बाहर निकलना सुचारू होगा.

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ड्रोन से मॉनिटरिंग की योजना : वनरक्षक अमित सिंह ने बताया कि वन विभाग की टीम की ओर से प्रयास किया जा रहे हैं कि जल्द से जल्द पैंथर को रेस्क्यू कर सरिस्का के जंगलों में छोड़ा जा सके. यदि जल्दी ही पैंथर रेस्क्यू नहीं हो पाया तो ड्रोन के माध्यम से मॉनिटरिंग की जाएगी. उन्होंने बताया कि सरिस्का व अलवर वन मंडल की 15 से ज्यादा सदस्यों की टीम पैंथर की मॉनिटरिंग कर रही है।

Last Updated : 9 hours ago
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