जयपुर. राजस्थान विधानसभा में शुक्रवार को करीब दो घंटे तक सदन की कार्यवाही स्थगित रही. उसके बाद स्पीकर वासुदेव देवनानी ने सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष के सदस्यों से बातचीत कर गतिरोध को खत्म करवाया. साथ ही उन्होंने सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और बायतु से कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी की आपत्तिजनक टिप्पणी को सदन की कार्यवाही से हटाने का निर्देश दिया.
दोपहर करीब 2:30 बजे सदन की कार्यवाही शुरू हुई तो लक्ष्मणगढ़ विधायक व प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष ने गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि गुरुवार को सदन में गतिरोध हुआ. आज भी सदन में गतिरोध हो गया था. उन्होंने स्पीकर को संबोधित कर कहा कि आपका नाम जब आपकी पार्टी ने विधानसभा अध्यक्ष के पद के लिए रखा तो हमने सर्वसम्मति से आपके चयन के लिए नाम आगे बढ़ाया. आपने सत्ता पक्ष और प्रतिपक्ष का समान रूप से ध्यान रखा है. यह आपका नहीं इस कुर्सी का सम्मान है. आसन का सम्मान करने से इस सदन की गरिमा बनी रहेगी. उन्होंने कहा कि गुरुवार को जो बातें मंत्री ने कही. उस पर उसी समय व्यवस्था आ जाती तो बात इतनी आगे नहीं बढ़ती. साथ ही उन्होंने सदन और आसान की गरिमा को बरकरार रखने का आश्वासन दिया.
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विक्रमादित्य के आसन से कम नहीं स्पीकर की कुर्सी : संसदीय कार्यमंत्री जोगाराम पटेल ने कहा कि स्पीकर का आसन विक्रमादित्य के आसन से कम नहीं है. विधानसभा अध्यक्ष किसी राजनीतिक दल के नहीं, बल्कि सभी के होते हैं. आपने विधानसभा का संचालन बखूबी किया है. उन्होंने कहा कि सत्ता पक्ष के सदस्य नेता प्रतिपक्ष का भी उतना ही सम्मान करेंगे. जितना वे सदन के नेता का करते हैं. भविष्य में पक्ष और प्रतिपक्ष मिलकर सदन की गरिमा कायम रखेंगे. मंत्रिमंडल के सदस्य पूरे तथ्यों के साथ जवाब देंगे.
विधानसभा अध्यक्ष ने कही ये बात : विधानसभा अध्यक्ष वासुदेव देवनानी ने कहा कि उनकी कभी राजनीति में रुचि नहीं थी, लेकिन फिर भी राजनीति में आए. वे कभी पद के पीछे नहीं भागे. वे सबको साथ लेकर चलने की कोशिश कर रहे हैं. उन्होंने व्यवस्था दी कि जब कोई नेता अपनी बात रख रहा हो तो कोई भी सदस्य बीच में न बोले. उन्होंने कहा कि सामाजिक न्याय व अधिकारिता मंत्री अविनाश गहलोत, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और बायतु से कांग्रेस विधायक हरीश चौधरी की टिप्पणी को आपत्ति के आधार पर सदन की कार्यवाही से हटाया गया है.