चित्तौड़गढ़. नगर परिषद ने मंगलवार को शहर के गांधीनगर क्षेत्र में राजीव आवास योजना में अवैध रूप से रह रहे लोगों से मकान खाली करवाए.चुनाव के दौरान 150 से अधिक आवासों पर लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया था. नगर परिषद ने 2 घंटे में मकान खाली करने की चेतावनी दी और प्रशासन की मदद से मकान खाली कराने की कार्रवाई की गई. दोपहर तक 63 मकान खाली कराए जा चुके थे. नगर परिषद के दस्ते के साथ पुलिस और होमगार्ड के जवान भी पहुंचे. पुलिस और परिषद के लवाजमे को देखकर वहां निवासरत लोगों ने अपने सामान खुद ही पैक करना शुरू कर दिया.
अतिक्रमण निरोधक शाखा के प्रभारी रमेश चावला के अनुसार अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई सभी मकान खाली करने तक जारी रहेगी. बाद में इन मकानों को खाली कर योजना के अनुसार आवंटित किया जाएगा.
480 में से 150 मकानों पर कब्जा: चावला ने बताया कि राजीव आवास योजना के तहत बने मकानों पर काफी दिनों से कब्जे होने की जानकारी मिल रही थी. गांधीनगर सेक्टर पांच में 3 टॉवर में यहां 480 मकान बनाए गए थे. इनमें से करीब डेढ़ सौ मकानों पर लोगों ने कब्जे करके अपने आशियाने बना लिए. कई लोगों ने अवैध रूप से बिजली कनेक्शन भी ले लिए थे. अब नगर परिषद ने उनके बिजली कनेक्शन कटवा दिए.
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किराए पर देने की है योजना: जिला प्रशासन इन आवासों को किराये पर देने की योजना बना रहा था. इस संबंध में बैठक भी हुई. बैठक के बाद जिला कलक्टर आलोक रंजन, एडीएम राकेश कुमार और आयुक्त रविन्द्र यादव आदि ने आवासों का मौका मुआयना किया था. तभी पता लगा कि इनमें करीब डेढ़ सौ मकानों पर कब्जे हो चुके हैं. इसके बाद मकानों को खाली कराने की हिदायत दी गई. इस पर मंगलवार को अतिक्रमण दस्ते और पुलिस प्रशासन की मौजूदगी में इन आवासों को खाली कराने की कार्रवाई की गई. इस दौरान नगर परिषद आयुक्त रविन्द्र यादव, अधिषाशी अभियंता जितेन्द्र मीणा सहित पुलिस के और होम गार्ड जवानों सहित नगर परिषद के कर्मचारी मौजूद थे.
डेढ़ साल से पड़े हैं खाली: राजीव गांधी आवास योजना के तहत बनाए गए यह मकान किराये पर दिये जाने की योजना है. यहां 480 मकान है, जिनमें एक बीएचके की सुविधा है. अतिक्रमण के बाद कई मकान डेमेज हो गए हैं. इनकी मरम्मत कर फिर से दुरुस्त करवाए जाएंगे. यह मकान उन व्यक्तियों को किराये पर दिए जाएंगे, जिनका कोई आवास नहीं है, लेकिन जिन लोगों ने कब्जे जमाए हैं, उनमें से ज्यादातर के पहले से ही कच्ची बस्ती में मकान है. उन्होंने यहां पर कब्जा जमाते हुए अपने रिश्तेदारों को भी बुला लिया था.
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महिलाओं ने जताया विरोध: राजीव गांधी आवास योजना के तहत इन मकानों पर कई लोगों ने कब्जे जमा लिए थे. नगर परिषद द्वारा खाली कराए जाने के दौरान लोगों ने विरोध शुरू कर दिया. खास तौर पर महिलाओं ने कर्मचारियों और अधिकारियों को खरी-खोटी सुनाई. उनका कहना था कि बाहर रहने के लिए 5 हजार रुपए किराया लगता है और खाली करने के लिए भी दो दिन का समय दिया जाना चाहिए.