चंडीगढ़: पंजाब यूनिवर्सिटी में सीनेट के चुनाव को लेकर संघर्ष छात्रों की ओर से तेज कर दिया गया है. बीते दिनों पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्रों पर पुलिस द्वारा की गई लाठी चार्ज के बाद अब मामला हाईकोर्ट पर पहुंच गया है. एडवोकेट वैभव वत्स ने याचिका दायर कर जल्द सीनेट चुनाव करवाने का निर्देश देने की मांग की है. याचिका पर सुनवाई अगले सप्ताह होगी.
सीनेट चुनाव की घोषणा न होने से असंतुष्ट छात्र वाइस चांसलर का आवास घेराव करने के लिए निकले थे, लेकिन पुलिस ने रास्ते में ही रोकने की कोशिश की. इस दौरान पुलिस और छात्रों के बीच धक्का मुक्की हुई. इसके बाद पुलिस ने छात्रों पर लाठी चार्ज भी किया. छात्रों का कहना है कि सीनेट कार्याकाल खत्म होने की में एक महीने से भी अधिक समय बीत चुका है लेकिन अभी तक नए चुनाव की अधिसूचना जारी नहीं की गई है.
30 दिनों से छात्र हड़ताल पर : इसके बाद चुनाव से पहले 240 दिनों पहले नोटिस दिया जाना चाहिए था, जिससे यह प्रक्रिया समय पर संपन्न हो सके. जिसे लेकर पिछले 30 दिनों से छात्र हड़ताल कर रहे हैं. छात्रों का कहना है कि इस बार नियमों में अनदेखी की गई है, उनका कहना है कि चुनाव में देरी होना यूनिवर्सिटी के निर्णय प्रक्रिया प्रभावित कर सकती है.
नोटिफिकेशन उपराष्ट्रपति के स्तर पर जारी होता है : सीनेट के चुनाव का नोटिफिकेशन उपराष्ट्रपति के स्तर पर जारी किया जाता है. जिसके लिए पिछले दिनों चंडीगढ़ के सांसद मनीष तिवारी उपराष्ट्रपति से मिले थे, लेकिन अब तक इसकी घोषणा नहीं की गई है जिसके चलते छात्रों ने अपना विरोध तेज किया हुआ है.
क्या हैं सीनेट : सीनेट पंजाब यूनिवर्सिटी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था है, जो शिक्षकों, कर्मचारियों, छात्रों और राज्य के प्रतिनिधियों सहित विभिन्न हितधारकों प्रतिनिधित्व करती है. यह शैक्षणिक वित्तीय और प्रशासनिक निर्णय लेने में भी अहम भूमिका निभाता है.
इसे भी पढ़ें : चंडीगढ़ में जमकर बवाल, पंजाब यूनिवर्सिटी के छात्रों पर पुलिस ने किया लाठी चार्ज