जयपुर. आराध्य गोविंद देव जी मंदिर प्रांगण शुक्रवार को 'गोविंद बोलो हरि गोपाल बोलो, राधा रमण हरि गोविंद बोलो' की मधुर स्वर लहरियों से गूंज उठा. यहां कथावाचक जया किशोरी के सानिध्य में तीन दिवसीय नानी बाई रो मायरो की कथा की शुरुआत हुई. इस मौके पर भक्त नरसी की लीलाओं पर प्रवचन हुए. वहीं, जया किशोरी ने प्रसंग में समाज, संस्कृति और सनातन को जीवित रखने के लिए कई ज्ञानवर्धक जानकारियां दी.
जया किशोरी ने अपने चिर-परिचित अंदाज में मारवाड़ी भाषा में भक्तों को कथा श्रवण कराई. उन्होंने कहा कि युवा पीढ़ी को ईश्वर मार्ग पर चलना होगा. आज की युवा पीढ़ी ईश्वर को भूलती जा रही है. बच्चों को ऐसे धार्मिक आयोजनों में साथ जरूर लाने की जरूरत है, ताकि युवा पीढ़ी संस्कारवान बने. उनकी कथा सुनने के लिए सत्संग भवन मंदिर प्रांगण खचाखच भर गया. श्रद्धालुओं ने खड़े-खड़े ही कथा श्रवण की. इस दौरान मंदिर महंत अंजन कुमार गोस्वामी सहित अन्य संत महंत मौजूद रहे. वहीं, कथा के दौरान आयोजकों ने व्यास पीठ की पूजा-अर्चना की. व्यास पीठ पर विराजे लड्डू गोपाल की झांकी भक्तों के आकर्षण का केंद्र रही.
भक्तों की भीड़ : कार्यक्रम के सहसंयोजक रामबाबू झालानी ने बताया कि आराध्य देव गोविंद देव मंदिर के महंत अंजन कुमार गोस्वामी के सानिध्य में कथा आयोजित की जा रही है. आयोजन में मायरा भरने की भी एक परंपरा है. मायरा भरने की इस परंपरा का निर्वहन रविवार को किया जाएगा. इसके तहत 100 सदस्य मायरा में दिए जाने वाले सामान को अपने सिर पर लेकर बैंड बाजे के साथ धूमधाम से मायरा भरेंगे. आयोजकों ने बताया कि कथा सुनने के लिए अन्य जिलों और अन्य प्रदेशों से भी भक्त आ रहे हैं. भक्तों की अपार भीड़ को ध्यान में रखते हुए मंदिर प्रांगण के बाहर दोनों ओर दो गुना पंडाल लगाकर श्रद्धालुओं के बैठने की व्यवस्था की गई है.