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परिणाम घोषित करने के चार साल बाद भी जारी नहीं हुई अंकतालिका, हाईकोर्ट ने मांगा जवाब - Rajasthan High Court - RAJASTHAN HIGH COURT

हाईकोर्ट एक याचिका पर सुनवाई करते हुए राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक और एक निजी कॉलेज को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. याचिकाकर्ता ने बीएससी-बीएड कोर्स के प्रथम वर्ष की अंकतालिका परिणाम जारी होने के चार साल बाद भी जारी नहीं करने पर याचिका दाखिल की थी.

चार साल बाद भी जारी नहीं हुई अंकतालिका
चार साल बाद भी जारी नहीं हुई अंकतालिका (ETV Bharat File Photo)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 17, 2024, 9:17 PM IST

Updated : Jul 17, 2024, 10:24 PM IST

जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने चार वर्षीय बीएससी-बीएड कोर्स के प्रथम वर्ष की अंकतालिका परिणाम जारी होने के चार साल बाद भी जारी नहीं करने पर आश्चर्य जताया है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक और एक निजी कॉलेज को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश अखिलेश चौधरी की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने जुलाई 2018 में एमडीएस विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित प्रवेश परीक्षा देकर चार वर्षीय बीएससी-बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया था. उसे पाठ्यक्रम में अध्ययन के लिए फागी की स्टेनी मेमोरियल कॉजेल में एडमिशन मिला. वहीं, राजस्थान विश्वविद्यालय की ओर से सत्र 2019-20 में प्रथम वर्ष की परीक्षा आयोजित कर परिणाम घोषित कर दिया. इसके बावजूद उसे अंक तालिका जारी नहीं की गई. याचिका में कहा गया कि बीएससी बीएड के द्वितीय वर्ष में उसे कोविड के कारण उत्तीर्ण कर तृतीय वर्ष में प्रवेश दिया गया.

इसे भी पढ़ें-समाज शास्त्र विभागाध्यक्ष व महारानी कॉलेज प्रिंसिपल के निलंबन पर रोक बरकरार - Rajasthan High Court

अंकतालिका जारी करने की मांग : याचिकाकर्ता ने तृतीय वर्ष की परीक्षा के बाद चतुर्थ वर्ष की परीक्षा भी पास कर ली, लेकिन उसे अब तक प्रथम वर्ष की अंकतालिका जारी नहीं की गई है. याचिकाकर्ता ने इस संबंध में निजी कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रशासन को कई बार प्रतिवेदन दिए, लेकिन उन पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में विवि और कॉलेज को निर्देश दिया जाए कि वह याचिकाकर्ता की प्रथम वर्ष की अंकतालिका जारी करे. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने चार वर्षीय बीएससी-बीएड कोर्स के प्रथम वर्ष की अंकतालिका परिणाम जारी होने के चार साल बाद भी जारी नहीं करने पर आश्चर्य जताया है. इसके साथ ही अदालत ने मामले में राजस्थान विश्वविद्यालय के कुलसचिव, परीक्षा नियंत्रक और एक निजी कॉलेज को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है. जस्टिस सुदेश बंसल की एकलपीठ ने यह आदेश अखिलेश चौधरी की याचिका पर प्रारंभिक सुनवाई करते हुए दिए.

याचिका में अधिवक्ता लक्ष्मीकांत शर्मा ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता ने जुलाई 2018 में एमडीएस विश्वविद्यालय की ओर से आयोजित प्रवेश परीक्षा देकर चार वर्षीय बीएससी-बीएड पाठ्यक्रम में प्रवेश लिया था. उसे पाठ्यक्रम में अध्ययन के लिए फागी की स्टेनी मेमोरियल कॉजेल में एडमिशन मिला. वहीं, राजस्थान विश्वविद्यालय की ओर से सत्र 2019-20 में प्रथम वर्ष की परीक्षा आयोजित कर परिणाम घोषित कर दिया. इसके बावजूद उसे अंक तालिका जारी नहीं की गई. याचिका में कहा गया कि बीएससी बीएड के द्वितीय वर्ष में उसे कोविड के कारण उत्तीर्ण कर तृतीय वर्ष में प्रवेश दिया गया.

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अंकतालिका जारी करने की मांग : याचिकाकर्ता ने तृतीय वर्ष की परीक्षा के बाद चतुर्थ वर्ष की परीक्षा भी पास कर ली, लेकिन उसे अब तक प्रथम वर्ष की अंकतालिका जारी नहीं की गई है. याचिकाकर्ता ने इस संबंध में निजी कॉलेज और विश्वविद्यालय प्रशासन को कई बार प्रतिवेदन दिए, लेकिन उन पर भी कोई कार्रवाई नहीं की गई. ऐसे में विवि और कॉलेज को निर्देश दिया जाए कि वह याचिकाकर्ता की प्रथम वर्ष की अंकतालिका जारी करे. इस याचिका पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों से जवाब तलब किया है.

Last Updated : Jul 17, 2024, 10:24 PM IST
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