जयपुर : राजस्थान हाईकोर्ट ने डिप्टी टाउन प्लानर के निलंबन से जुड़े मामले में करीब एक साल पुराने अदालती आदेश की पालना नहीं करने पर प्रमुख यूडीएच सचिव टी.रविकांत व डीएलबी निदेशक सुरेश ओला को अवमानना नोटिस जारी किया है. जस्टिस उमाशंकर व्यास ने यह आदेश राजपाल चौधरी की अवमानना याचिका पर दिया.
याचिका में अधिवक्ता दिनेश यादव ने बताया कि याचिकाकर्ता डीएलबी में डिप्टी टाउन प्लानर के पद पर कार्यरत था. इस दौरान उन्हें बिना नाम व पते वाली झूठी शिकायत पर 13 फरवरी 2023 को चार्जशीट देते हुए निलंबित कर दिया. चार्जशीट भी उस अफसर ने दी जिसे देने का अधिकार नहीं था. इसे हाईकोर्ट में चुनौती देने पर अदालत ने 6 सितंबर 2023 को जांच अधिकारी को बदलने का निर्देश देते हुए याचिकाकर्ता को सुनवाई का पूरा मौका देने के लिए कहा था. वहीं, जांच छह महीने में पूरी नहीं होने की स्थिति में उसके प्रतिवेदन दिए जाने पर बहाल करने पर विचार करने का निर्देश दिया था.
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अवमानना नोटिस जारी : हाईकोर्ट के आदेश की पालना में डीएलबी निदेशक ने 26 फरवरी 2024 को याचिकाकर्ता को बहाल करने की सिफारिश की. वहीं, याचिकाकर्ता ने 29 फरवरी 2024 को यूडीएच विभाग में अपना प्रतिवेदन दिया, लेकिन प्रमुख यूडीएच सचिव ने डिस्कस करने के नाम पर उसके प्रतिवेदन पर पांच महीनों में भी कोई कार्रवाई नहीं की, जबकि सीएस कह चुके हैं कि डिस्कस के नाम पर किसी भी फाइल को नहीं रोका जाएगा, इसलिए अदालती आदेश की पालना करवाई जाए. इस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.