जयपुर. गुलाबी नगरी की विरासत से देशी-विदेशी पर्यटकों को रूबरू कराने के उद्देश्य से जयपुर स्मार्ट सिटी ने किशनपोल बाजार और चौड़ा रास्ता के बीच अजबघर के रास्ते से लेकर सांघों का रास्ता, ठठेरों का रास्ता होते हुए फिल्म सिटी होते हुए चौड़ा रास्ता तक हेरिटेज वॉक वे का तैयार किया था. इस वॉकवे में कॉबल स्टोन लगाया गया. हेरिटेज लाइटें, फसाड़ वर्क किया गया. तारों का जाल हटाकर उन्हें अंडरग्राउंड किया गया. कचरा पात्र भी लगाए गए, लेकिन ईटीवी भारत की टीम जब मौके पर पहुंची तो हेरिटेज वॉकवे का कुछ और ही स्वरूप देखने को मिला.
यह हालात है वॉक वे काः बीते 2 साल में मेंटेनेंस के अभाव में इस जीवंत वॉकवे ने दम तोड़ दिया है. यहां फसाड़ वर्क फीका पड़ गया. कॉबल स्टोन के रास्ते आमजन के लिए परेशानी का सबब बन गए. स्ट्रीट लाइटें या तो टूट गई या चोरी हो गई. बाजारों में कचरा पात्र तो नहीं दिखा, कचरे के ढेर जरूर मिले. पर्यटकों के बैठने के लिए लगाया गया फर्नीचर भी टूट गया है. हालांकि, पर्यटक अभी भी यहां इमारतों का सौंदर्य निहारने जरूर पहुंचते हैं, लेकिन उन्हें गोबार कीचड़ ही मिलता है जो प्रशासन को आइना दिखाने के लिए काफी है. वहीं, हेरिटेज वॉकवे के संबंध में निगम के एडिशनल कमिश्नर करतार सिंह ने बताया कि अभी निगम के पास बजट की कमी है. जैसे ही बजट आवंटित होता है, प्राथमिकता पर एक्सईएन को कहकर हेरिटेज वॉकवे का रखरखाव कराया जाएगा.
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लोग बोले, वॉक वे बना परेशानी का सबबः स्थानीय लोगों की माने तो हेरिटेज वॉकवे सुविधा के बजाय परेशनी बन गया है. रास्ते में जो कॉबल स्टोन लगाए हैं, उनके उखड़ जाने से गड्ढे बन जाते हैं, जिस पर स्टैंडिंग कमेटी भी अपनी आपत्ति दर्ज करा चुकी हैं. स्मार्ट सिटी ने वॉकवे को हेरिटेज नगर निगम को सुपुर्द किया, लेकिन निगम ने उदासीन रवैया अपनाया. स्थानीय लोगों ने कहा कि इस संंबंध में शिकायत करने के बाद भी प्रशासन के स्तर पर कोई कार्रवाई नहीं की जाती है. यूनेस्को ने परकोटा क्षेत्र को हेरिटेज सिटी का दर्जा तो दिया, लेकिन निगम प्रशासन की अनदेखी ने 2019 -20 में तैयार हुए इस हेरिटेज वॉकवे को बिसरा दिया. नतीजन आज यहां न सिर्फ आम जनता परेशान है, बल्कि यहां पहुंचने वाले पर्यटकों को भी मायूसी हाथ लगती है.