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गोपालगढ़ हिंसा मामला, अदालत से सीएम का स्थाई हाजिरी माफी की मांग का प्रार्थना पत्र खारिज - GOPALGARH VIOLENCE CASE

अदालत ने गोपालगढ़ हिंसा मामले के ट्रायल में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को स्थाई रूप से हाजिरी माफी देने से इनकार कर दिया है

सीएम का प्रार्थना पत्र खारिज
सीएम का प्रार्थना पत्र खारिज (ETV Bharat File Photo)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Nov 7, 2024, 9:48 PM IST

जयपुर : जिले के अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-4 ने गोपालगढ़ हिंसा प्रकरण की चल रही ट्रायल में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को स्थाई रूप से हाजिरी माफी देने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में सीएम शर्मा की ओर से दायर प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है.

पीठासीन अधिकारी अनामिका सारण ने अपने आदेश में कहा कि अदालत ने भजनलाल शर्मा को अग्रिम जमानत देते समय यह शर्त लगाई थी कि प्रकरण में न्यायालय को आवश्यकता होने पर वे उपस्थित होते रहेंगे. उनकी ओर से अनुपस्थिति की परिस्थिति में हाजिरी माफी पेश की जा सकती है. वर्तमान में ऐसी कोई परिस्थिति नहीं है कि वे अदालत में हाजिर होने में असमर्थ हों. अदालत की ओर से तलब करने पर ही उन्हें उपस्थित होना है और जरूरत पड़ने पर उनके अधिवक्ता हाजिरी माफी पेश कर सकते हैं. ऐसे में उनकी ओर से पेश स्थाई हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र खारिज किया जाता है.

इसे भी पढ़ें- सीएम भजनलाल को मिली अग्रिम जमानत रद्द करने के लिए प्रार्थना पत्र, 24 सितंबर को सुनवाई - CM Troubles Increased

प्रार्थना पत्र में भजनलाल शर्मा की ओर से कहा गया कि मामले में वर्ष 2013 में पेश आरोप पत्र में उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 353 सपठित धारा 34 का ही आरोप है. मामला करीब 11 साल से लंबित है. प्रार्थी वर्तमान में प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर हैं और उन्हें अक्सर राजकार्य के चलते जयपुर से बाहर और विदेश भी जाना होता है. ऐसे में उनका प्रार्थना पत्र स्वीकार कर स्थाई हाजिरी माफी प्रदान की जाए. इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है.

जयपुर : जिले के अतिरिक्त सत्र न्यायालय क्रम-4 ने गोपालगढ़ हिंसा प्रकरण की चल रही ट्रायल में मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा को स्थाई रूप से हाजिरी माफी देने से इनकार कर दिया है. इसके साथ ही अदालत ने इस संबंध में सीएम शर्मा की ओर से दायर प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है.

पीठासीन अधिकारी अनामिका सारण ने अपने आदेश में कहा कि अदालत ने भजनलाल शर्मा को अग्रिम जमानत देते समय यह शर्त लगाई थी कि प्रकरण में न्यायालय को आवश्यकता होने पर वे उपस्थित होते रहेंगे. उनकी ओर से अनुपस्थिति की परिस्थिति में हाजिरी माफी पेश की जा सकती है. वर्तमान में ऐसी कोई परिस्थिति नहीं है कि वे अदालत में हाजिर होने में असमर्थ हों. अदालत की ओर से तलब करने पर ही उन्हें उपस्थित होना है और जरूरत पड़ने पर उनके अधिवक्ता हाजिरी माफी पेश कर सकते हैं. ऐसे में उनकी ओर से पेश स्थाई हाजिरी माफी का प्रार्थना पत्र खारिज किया जाता है.

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प्रार्थना पत्र में भजनलाल शर्मा की ओर से कहा गया कि मामले में वर्ष 2013 में पेश आरोप पत्र में उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 353 सपठित धारा 34 का ही आरोप है. मामला करीब 11 साल से लंबित है. प्रार्थी वर्तमान में प्रदेश के मुख्यमंत्री पद पर हैं और उन्हें अक्सर राजकार्य के चलते जयपुर से बाहर और विदेश भी जाना होता है. ऐसे में उनका प्रार्थना पत्र स्वीकार कर स्थाई हाजिरी माफी प्रदान की जाए. इस पर सुनवाई करते हुए अदालत ने प्रार्थना पत्र को खारिज कर दिया है.

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