जयपुर. जालोर जिले के ओडवाड़ा गांव में अतिक्रमण हटाने को लेकर उपजा विवाद अब सियासी रंग लेता जा रहा है. कांग्रेस ने इस मामले में प्रदेश की भाजपा सरकार पर निशाना साधा है. वहीं, भाजपा ने दावा किया है कि हाईकोर्ट के निर्देश पर अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई की गई है. दरअसल, ओडवाड़ा गांव में अतिक्रमण हटाने पहुंचे प्रशासन के दस्ते के सामने जब ग्रामीण अड़ गए तो पुलिस ने बल प्रयोग कर उन्हें खदेड़ा और बुलडोजर चलाया. इस मामले को लेकर कांग्रेस ने प्रदेश की भाजपा सरकार पर चौतरफा हमला बोला है.
ये है मामला : जालोर के ओडवाड़ा गांव में दो भाइयों के बीच जमीन बंटवारे को लेकर विवाद हाईकोर्ट पहुंच गया. गांव के ओरण में अतिक्रमण होने का मामला दायर किया गया था. इसकी जांच पड़ताल के बाद न्यायालय ने अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के आदेश बीते वर्ष भी दिए थे. उस दौरान प्रशासन ने 67 कच्चे अतिक्रमण हटाए थे. इसके बाद राजस्थान उच्च न्यायालय के आदेश पर प्रशासन की ओर से गुरुवार को 138 पक्के अतिक्रमण हटा दिए गई. अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई शुरू होते ही माहौल तनावपूर्ण हो गया. लोगों के साथ बड़ी संख्या में महिलाओं ने प्रशासन का रास्ता रोका. काफी देर समझाइश की गई, लेकिन ग्रामीण नहीं माने, तो इसके बाद पुलिस ने लोगों को सड़क से हटाया और अतिक्रमण को ध्वस्त किया गया.
इस मामले में कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव सचिन पायलट ने X पर पोस्ट किया कि "जालोर जिले के ओडवाड़ा गांव में घरों को तोड़ने के आदेश के विरुद्ध संघर्ष कर रहे लोगों के साथ पुलिस द्वारा दुर्व्यवहार किया गया. उसकी मैं घोर निंदा करता हूं. ये लोग अपना घर बचाने के लिए आवाज उठा रहे हैं, जिसमें महिलाएं भी शामिल हैं. सरकार को इनके अधिकारों के लिए न्यायपालिका के माध्यम से तुरंत राहत प्रदान करने के लिए कार्रवाई करनी चाहिए थी. पुलिस एवं प्रशासन से आग्रह है कि इस मुद्दे को शांति एवं बातचीत द्वारा सुलझाया जाना चाहिए."
वहीं, पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने X पर लिखा कि "ओडवाड़ा में अतिक्रमण हटाने के नाम पर 400 से अधिक घरों को तोड़ने के लिए प्रशासन द्वारा बल प्रयोग करना उचित नहीं है. यह गरीब परिवारों से जुड़ा मामला है. प्रशासन को इन परिवारों को उचित समय देना चाहिए था. जिससे वो उसका कानूनी समाधान निकाल पाते. इस विषय को राज्य सरकार एवं प्रशासन मानवीय आधार पर देखे. इस संबंध में मेरी जालोर कलेक्टर से भी बात हुई है. हम इन पीड़ित परिवारों की कानूनी सहायता कर इनको न्याय सुनिश्चित करवाएंगे."
गहलोत ने याद दिलाया सीकर का मामला : अशोक गहलोत ने इसी पोस्ट में लिखा कि "पूर्व में भी ऐसे कई मामले हुए हैं. जिनमें उच्च या उच्चतम न्यायालयों का फैसला पीड़ित परिवारों के पक्ष में आया था. सीकर के पटवारी का बास गांव में ऐसा प्रकरण हुआ था. जिसमें हाईकोर्ट के एक आदेश में घर तोड़ने का फैसला हुआ परन्तु दूसरे आदेश में इसे गलत माना और पीड़ित परिवारों को हमारी सरकार के समय पट्टे दिए गए. प्रशासन को सभी कानूनी रास्ते पूरे होने का इंतजार करना चाहिए एवं इसके बाद कोई कार्रवाई करनी चाहिए."
डोटासरा ने पुलिस और सरकार को घेरा : कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर एक वीडियो शेयर किया है. जिसमें पुलिस बल प्रयोग कर ग्रामीणों को हटाती दिख रही है. उन्होंने लिखा कि "जालोर के ओडवाड़ा में उजड़ते आशियाने, बिलखते परिवार, महिलाओं से बर्बरता और पुलिस का क्रूर चेहरा. भाजपा के नए राजस्थान में आपका स्वागत है। शर्मनाक."
वैभव गहलोत ने किया यह दावा : वैभव गहलोत ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर पोस्ट में लिखा, "आहोर के ओडवाड़ा गांव में अतिक्रमण हटाने के नाम पर 440 घरों को तोड़ा जा रहा है जबकि ये परिवार वर्षों से रहते आए हैं. प्रशासन इसके लिए हाईकोर्ट के आदेश का हवाला दे रहा है. जबकि कांग्रेस सरकार के दौरान प्रभावी पैरवी से इन घरों को बचाया गया था. मेरा मानना है कि प्रभावी पैरवी के अभाव में हाईकोर्ट का फैसला ग्रामीणों के खिलाफ रहा होगा. आज अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई के दौरान प्रशासन का असंवेदनशील रवैया भी सामने आया."
भाजपा नेता बोले, कांग्रेस सरकार में क्या किया : भाजपा के प्रवक्ता लक्ष्मीकांत भारद्वाज ने X पर सचिन पायलट को संबोधित कर लिखा, "ओडवाड़ा में सरकारी जमीन पर से अतिक्रमण हटाने की कार्रवाई हुई है. वह माननीय हाईकोर्ट के निर्णय से हुई है. जब ये मामला कोर्ट में गया और इस पर बहस हुई, तब राजस्थान में आपकी पार्टी की सरकार थी. उस समय आपकी सरकार क्या कर रही थी. भाजपा सरकार में कोर्ट ने केवल फैसला सुनाया है. कृपया संवेदनशील मामले पर भ्रम नहीं फैलाएं."