जयपुर. निष्पक्ष एवं शांतिपूर्ण चुनाव कराने एवं आदर्श आचार संहिता की पालना सुनिश्चित कराने के लिए जिला निर्वाचन कार्यालय हर संभव प्रयास कर रहा है. आदर्श आचार संहिता की पालना में सी-विजिल एप बहुत कारगर साबित हो रहा है. इस एप के जरिए अभी तक 130 शिकायतों का निस्तारण किया जा चुका है. खास बात यह है कि सी विजिल पर आने वाली शिकायतों का निस्तारण जयपुर जिला निर्वाचन विभाग की ओर से औसतन 43 मिनट से भी कम समय में ही किया जा रहा है. यह जानकारी सोमवार को सूचना एवं प्रौद्योगिकी विभाग के उपनिदेशक ऋतेश कुमार शर्मा ने दी.
उपनिदेशक ऋतेश कुमार शर्मा ने बताया कि आदर्श आचार संहिता लागू होने के बाद जयपुर जिला निर्वाचन कार्यालय में सी-विजिल एप जागरूक नागरिकों ने आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को लेकर 130 शिकायतें दर्ज कराई हैं. सी-विजिल पर प्राप्त 130 शिकायतों का निस्तारण जिला नियंत्रण कक्ष एवं एआरओ स्तर पर किया जा चुका है. शिकायतों पर जिला कलेक्ट्रेट में स्थित नियंत्रण कक्ष ने जल्द कार्रवाई कर संबंधित निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के माध्यम से 100 मिनट में निस्तारण किया जाता है, लेकिन जयपुर जिले में सी-विजिल प्रकरणों पर कार्रवाई एवं निस्तारण का औसत समय 43 मिनट से भी कम है.
इसलिए जरूरी है हर मोबाइल में सी-विजिल एप : लोकसभा चुनाव में आदर्श आचार संहिता की प्रभावी अनुपालना के लिए भारत निर्वाचन आयोग द्वारा सी-विजिल एप तैयार किया गया है, जिसके माध्यम से सतर्क एवं जिम्मेदार आमजन आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की शिकायत दर्ज करवा सकते हैं. सी-विजिल किसी भी व्यक्ति को आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन की रिपोर्ट करने की अनुमति देता है. लोग इस एप का उपयोग करके आचार संहिता के उलंघन की जानकारी भेज सकते हैं. शिकायत का 100 मिनट की समय सीमा में संबंधित अधिकारी समस्या का निपटारा करेंगे.
गोपनीय रखी जाती है शिकायतकर्ता की पहचान : उपनिदेशक ऋतेश कुमार शर्मा ने बताया कि एप की सबसे खास बात यह है कि शिकायतकर्ता की पहचान गोपनीय रखे जाने का भी विकल्प है. एप के माध्यम से लोग फ्री बीज वितरण, धन वितरण, साम्प्रदायिक हेट स्पीच, लिक्विड व ड्रग वितरण, फेक न्यूज, फायर आर्म्स डिस्प्ले एवं चुनाव प्रक्रिया संबंधित अन्य शिकायतें की जा सकती हैं. शर्मा ने बताया कि नागरिक उल्लंघन की शिकायत का फोटो या वीडियो बनाकर एप पर अपलोड करते हैं. जिला नियंत्रण कक्ष द्वारा सत्यापन के बाद फील्ड यूनिट को शिकायत भेजी जाती है. फील्ड यूनिट मौके पर पहुंचकर कार्रवाई को अंजाम देती है और शिकायत के निस्तारण की रिपोर्ट जिला नियंत्रण कक्ष को भेजी जाती है. रिटर्निंग ऑफिसर की ओर से वास्तविक स्थिति की जानकारी दी जाती है.