अलवर: रामगढ़ विधानसभा क्षेत्र में उपचुनाव का प्रचार जोर पकड़ने लगा है. नाम वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद प्रत्याशियों ने गांवों में जनसम्पर्क अभियान शुरू कर दिया. प्रमुख प्रत्याशियों ने दीपावली त्योहार का भी जनसम्पर्क के लिए खूब उपयोग किया. दीपावली की राम-राम के बहाने प्रत्याशियों ने ज्यादा से ज्यादा मतदाताओं एवं क्षेत्र के प्रभावशाली लोगों तक पहुंचने का प्रयास किया. हालांकि, चुनाव प्रचार के प्रथम चरण में अभी चुनावी शोर गांवों की चौपालों पर नुक्कड़ सभाओं के रूप में ही दिखाई पड़ रहा है, लेकिन अब प्रमुख राजनीतिक दलों के बड़े नेताओं के भी प्रचार में जुटने की संभावना है.
भाजपा की ओर से बड़े नेताओं में केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री एवं अलवर सांसद भूपेन्द्र यादव, राज्य के वन मंत्री संजय शर्मा, प्रदेश के मंत्री गौतम दक, गृह राज्य मंत्री जवाहर सिंह बेढम समेत कुछ बड़े नेता यहां अपनी मौजूदगी दिखा चुके हैं. प्रदेश के मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में सभा को संबोधित कर चुके हैं. कांग्रेस की ओर से नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली और पूर्व केन्द्रीय मंत्री जितेन्द्र सिंह कांग्रेस प्रत्याशी आर्यन जुबेर खां के पक्ष में नुक्कड़ सभाओं में उपस्थिति दर्ज करा चुके हैं. संभावना है कि जल्द ही कांग्रेस व भाजपा के बड़े नेता भी चुनाव प्रचार में जुटेंगे.
दस प्रत्याशी मैदान में: रामगढ़ उपचुनाव में अब 10 प्रत्याशी चुनाव मैदान में हैं. इनमें भाजपा की ओर से सुखवंत सिंह एवं कांग्रेस की ओर से आर्यन जुबेर खां मुख्य हैं. दोनों ही प्रमुख दलों के प्रत्याशियों ने अपना चुनाव प्रचार वैसे तो नामांकन दाखिल करने के साथ ही शुरू कर दिया था, लेकिन नाम वापसी की प्रक्रिया पूरी होने के बाद इसमें और तेजी आई है. अभी प्रमुख दलों के प्रत्याशी प्रतिदिन 8 से 10 गांवों का दौरा कर नुक्कड़ सभाओं के माध्यम अपनी बात रख रहे हैं.
प्रचार में झंडे बैनर गायब: चुनाव प्रचार में प्रत्याशियों का जोर अभी ज्यादा से ज्यादा लोगों तक अपनी पहुंच बनाना है. इस कारण प्रचार में प्रत्याशी और उनके समर्थक ही दिखाई पड़ रहे हैं. प्रचार में अभी पार्टियों के झंडे बैनर कम ही दिखाई पड़ रहे हैं. यही कारण है कि अभी चुनावी शोर गांवों की चौपाल तक ही सुनाई पड़ रहा है. नाम वापसी की प्रक्रिया एवं दीपावली त्योहार खत्म हो चुका है. प्रमुख दलों की ओर से अब चुनावी माहौल गरमाने की रणनीति तैयार की जा रही है. प्रथम चरण में राजनीतिक दलों का जोर संगठन को चुनावी कार्य के लिए सक्रिय करना रहा. अब बड़े नेताओं की चुनावी सभाओं के माध्यम से चुनावी माहौल अपने पक्ष में गरमाने के प्रयास रहेंगे. कांग्रेस व भाजपा ने उपचुनाव के लिए अपने स्टार प्रचारकों की सूची जारी कर दी है. जल्द ही ये स्टार प्रचारक उपचुनाव दिखाई भी देंगे.
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भाजपा 10 माह की उपलब्धि व कांग्रेस अपनी योजनाएं गिना रही: प्रचार अभियान के दौरान भाजपा नेता एवं प्रत्याशी प्रदेश में भजनलाल शर्मा सरकार के 10 महीनों की उपलब्धि गिना रहे हैं. आगामी समय के विकास के मॉडल को भी बता रहे हैं. वहीं, इन्वेस्टर मीट के जरिए रोजगार के नए संसाधन विकसित करने की योजनाओं पर जोर दे रहे हैं. कांग्रेस जुबेर खां के आकस्मिक निधन से उपजी सहानुभूति के भरोसे है. साथ ही कांग्रेस अपने समय की सरकार की योजनाओं को गिनवा रही है.
स्थानीय नेता प्रचार में, बड़े नेताओं का इंतजार: रामगढ़ उपचुनाव को लेकर अभी भाजपा व कांग्रेस के स्थानीय बड़े नेता ही सक्रिय दिखाई पड़ रहे हैं. वहीं, प्रदेश स्तर के अन्य बड़े नेताओं के दौरे शुरू होने का इंतजार है. भाजपा की ओर से अभी प्रदेश के मंत्रियों के दौरे निर्धारित होने हैं. कांग्रेस के प्रदेश स्तरीय बड़े नेताओं के दौरे तय किए जाने हैं. केन्द्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री और अलवर सांसद भूपेन्द्र यादव ने दीपावली पर रामगढ़ क्षेत्र का दौरा कर विभिन्न स्थानों पर कार्यकर्ता सम्मेलन को संबोधित किया. उन्होंने कहा कि यहां भाजपा कार्यकर्ताओं का उत्साह चरम पर है. इसके चलते रामगढ़ उपचुनाव भाजपा बड़े मार्जिन से जीतेंगे.
कांग्रेस के राष्ट्रीय महासचिव जितेन्द्र सिंह ने रामगढ़ क्षेत्र में कार्यकर्ताओं में जोश भरते हुए कहा कि उपचुनाव में अभी भाजपा के बड़े नेता आएंगे और भाषण देकर चले जाएंगे, लेकिन लोगों के काम कांग्रेस के यहां कार्यकर्ता ही आएंगे. उपचुनाव में कांग्रेस के कार्य करने वाले कार्यकर्ता ही चुनाव के बाद लोगों के बीच रहेंगे. वहीं, नेता प्रतिपक्ष टीकाराम जूली ने कहा कि यह उपचुनाव दिवंगत विधायक जुबेर खां के प्रति श्रद्धाजंलि अर्पित करने का है.