अजमेर: दोस्त का कत्ल कर शव को कार समेत पेट्रोल छिड़क कर आग लगाने के मामले में अजमेर की अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति प्रकरण की विशेष कोर्ट ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. आरोपी ने अपने दोस्त की हत्या पैसों के लेनदेन को लेकर की थी.
विशिष्ट लोक अभियोजक अशरफ खान बुलंदी ने बताया कि 26 जून 2017 को अजमेर के रामगंज थाना क्षेत्र में लादू का बाड़ा में एक जली हुई कार और उसमें एक युवक का जला हुआ शव बरामद किया गया था. रामगंज थाना के प्रभारी अजयकांत ने प्रकरण में अनुसंधान किया और 27 जून 2017 को आरोपी खानपुरा निवासी आरोपी मोहम्मद ईशाक को गिरफ्तार कर लिया. पुलिस पड़ताल में चौंकाने वाले तथ्य सामने आए. उन्होंने बताया कि आरोपी ईशाक और मृतक परबतपुरा बाईपास निवासी शीशपाल लंबे समय से ट्रांसपोर्ट के व्यवसाय में साथ में काम करते थे और अच्छे दोस्त थे.
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ऐसे हुई वारदात: विशिष्ट लोक अभियोजक अशरफ खान बुलंदी ने बताया कि 25 जून 2017 की शाम को आरोपी मोहम्मद इशाक शीशपाल के घर पहुंचा और दोनों कार में बैठकर ब्यावर के लिए रवाना हुए. इस दौरान दोनों के बीच पैसों के लेनदेन को लेकर झगड़ा हुआ. आरोपी मोहम्मद ईशाक ने कार में बैठे हुए शीशपाल पर पेचकस से हमला कर दिया और उस पर ताबड़तोड़ वार किए.
इसके बाद आरोपी मोहम्मद ईशाक ने कार पर पेट्रोल छिड़कर आग लगा दी और मौके से फरार हो गया. पुलिस ने जली हुई कार से शिशुपाल का कंकाल बरामद किया. परिजनों ने शिशुपाल की अंगूठी से उसकी शिनाख्त की, लेकिन पुष्टि के लिए पुलिस ने शिशुपाल के पिता के ब्लड और कंकाल की डीएनए जांच करवाई. डीएनए रिपोर्ट से मामले की पुष्टि हो गई.
बोतल से मिले आरोपी के फिंगरप्रिंट: उन्होंने बताया कि पुलिस की तहकीकात में वारदात स्थल से वह बोतल भी बरामद की गई थी. पड़ताल में बोतल से आरोपी के फिंगरप्रिंट मैच हो गए. विशिष्ट लोक अभियोजक अशरफ बुलंदी ने बताया कि अभियोजन पक्ष की ओर से 39 गवाह ,81 दस्तावेज और साथ आर्टिकल पेश किए गए. साथ ही साथ आर्टिकल भी पेश किए गए. इनमें पेचकस भी है. दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद अदालत ने आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई.