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दुष्कर्म के बाद हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा

-बच्ची के साथ दुष्कर्म व हत्या की घटना 24 अक्टूबर 2012 को हुई थी.

मासूम के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा
मासूम के साथ दुष्कर्म कर उसकी हत्या के आरोपी को आजीवन कारावास की सजा (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : 2 hours ago

नई दिल्ली/नोएडाः पांच साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने और बाद में उसकी हत्या कर देने वाले आरोपी को जिला न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. उसपर तीस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है. आरोपी द्वारा अगर जुर्माना नहीं भरा गया तो उसकी सजा छह महीने तक बढ़ा दी जाएगी. केस की सुनवाई न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश प्रियंका सिंह ने की.

सजा के साथ तीस हजार रुपये का जुर्माना: मामले की सरकारी अधिवक्ता शिल्पी भदौरिया ने बताया कि बच्ची के साथ दुष्कर्म व हत्या की घटना 24 अक्टूबर 2012 को सेक्टर-39 थानाक्षेत्र में हुई थी. बच्ची मूल रूप से बदायूं की रहने वाली थी और परिवार संग थाना क्षेत्र स्थित एक गांव में किराये के मकान में रहती थी. पड़ोस में ही रहने वाला ट्रैक्टर चालक अमित का उसके घर पर आना-जाना था. वह पीड़िता को मेला घुमाने की बात कह कर घटना वाले दिन अपने साथ ले गया था. उसने जंगल में ले जाकर बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और फिर उसको मौत के घाट उतार दिया था.

आरोपी का पक्ष रखते हुए उसके अधिवक्ता चरण सिंह भाटी ने कहा कि आरोपी सामान्य परिवार का सदस्य है. उसके द्वारा की गई यह पहली आपराधिक घटना है. उसके घर में बूढ़े मां-बाप है, जिनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है. 2012 से वह जेल में बंद है. इस पर अधिवक्ता शिल्पा भदौरिया ने तर्क दिया कि आरोपी ने पांच वर्षीय बच्ची के साथ हैवानियत की है. उसने हत्या के साक्ष्य को भी छिपाने का प्रयास किया है. उसके द्वारा किए गए अपराध की प्रवृति जघन्य है. ऐसे ही दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के बीच कई तर्क और वितर्क हुए. अंत में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.

सबूत की अहम कड़ी बने बच्ची के कपड़े: जांच के दौरान पता चला कि आरोपी अमित बच्ची की हत्या करने के बाद उसके शव को मिट्टी के अंदर दबाना चाहता था, लेकिन तभी वहां कुछ लोग पहुंच गए थे, और मामले का पर्दाफाश हो गया था. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. घटना के बाद से वर्तमान तक आरोपी जेल में ही बंद है. अब उसको आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. पुलिस ने घटनास्थल से पीड़ित बच्ची के कपड़े बरामद किए थे, जिनको जांच के लिए लैब में भेजा गया था, उस पर जो खून मिला था वह आरोपी का पाया गया. इसके अलावा मेडिकल रिपोर्ट में भी बच्ची के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई, इस आधार पर कोर्ट ने मामले में सजा सुनाई है.

कई साल तक चली सुनवाई: केस की सुनवाई करीब 12 साल तक न्यायालय में चली. इस दौरान कुल 14 गवाह पेश हुए, जिसमें बच्ची के परिजनों के अलावा पुलिस अधिकारी और डॉक्टर भी शामिल हैं. 14 लोगों की गवाही के बाद न्यायालय ने अमित को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अमित मूल रूप से जेपी नगर के डिडौली थाना क्षेत्र के ढेलानगंला का रहने वाला है. इस मामले में सेक्टर-39 थाने की पुलिस, मॉनिटरिंग सेल व अभियोजन इकाई ने गहन पैरवी की. इसी का परिणाम रहा कि आरोपी को आजीवन कारावास की सजा हुई.

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नई दिल्ली/नोएडाः पांच साल की मासूम बच्ची के साथ दुष्कर्म करने और बाद में उसकी हत्या कर देने वाले आरोपी को जिला न्यायालय ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. उसपर तीस हजार रुपये का अर्थदंड भी लगाया गया है. आरोपी द्वारा अगर जुर्माना नहीं भरा गया तो उसकी सजा छह महीने तक बढ़ा दी जाएगी. केस की सुनवाई न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश प्रियंका सिंह ने की.

सजा के साथ तीस हजार रुपये का जुर्माना: मामले की सरकारी अधिवक्ता शिल्पी भदौरिया ने बताया कि बच्ची के साथ दुष्कर्म व हत्या की घटना 24 अक्टूबर 2012 को सेक्टर-39 थानाक्षेत्र में हुई थी. बच्ची मूल रूप से बदायूं की रहने वाली थी और परिवार संग थाना क्षेत्र स्थित एक गांव में किराये के मकान में रहती थी. पड़ोस में ही रहने वाला ट्रैक्टर चालक अमित का उसके घर पर आना-जाना था. वह पीड़िता को मेला घुमाने की बात कह कर घटना वाले दिन अपने साथ ले गया था. उसने जंगल में ले जाकर बच्ची के साथ दुष्कर्म किया और फिर उसको मौत के घाट उतार दिया था.

आरोपी का पक्ष रखते हुए उसके अधिवक्ता चरण सिंह भाटी ने कहा कि आरोपी सामान्य परिवार का सदस्य है. उसके द्वारा की गई यह पहली आपराधिक घटना है. उसके घर में बूढ़े मां-बाप है, जिनकी देखभाल करने वाला कोई नहीं है. 2012 से वह जेल में बंद है. इस पर अधिवक्ता शिल्पा भदौरिया ने तर्क दिया कि आरोपी ने पांच वर्षीय बच्ची के साथ हैवानियत की है. उसने हत्या के साक्ष्य को भी छिपाने का प्रयास किया है. उसके द्वारा किए गए अपराध की प्रवृति जघन्य है. ऐसे ही दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं के बीच कई तर्क और वितर्क हुए. अंत में आरोपी को आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई.

सबूत की अहम कड़ी बने बच्ची के कपड़े: जांच के दौरान पता चला कि आरोपी अमित बच्ची की हत्या करने के बाद उसके शव को मिट्टी के अंदर दबाना चाहता था, लेकिन तभी वहां कुछ लोग पहुंच गए थे, और मामले का पर्दाफाश हो गया था. पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया था. घटना के बाद से वर्तमान तक आरोपी जेल में ही बंद है. अब उसको आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है. पुलिस ने घटनास्थल से पीड़ित बच्ची के कपड़े बरामद किए थे, जिनको जांच के लिए लैब में भेजा गया था, उस पर जो खून मिला था वह आरोपी का पाया गया. इसके अलावा मेडिकल रिपोर्ट में भी बच्ची के साथ दुष्कर्म की पुष्टि हुई, इस आधार पर कोर्ट ने मामले में सजा सुनाई है.

कई साल तक चली सुनवाई: केस की सुनवाई करीब 12 साल तक न्यायालय में चली. इस दौरान कुल 14 गवाह पेश हुए, जिसमें बच्ची के परिजनों के अलावा पुलिस अधिकारी और डॉक्टर भी शामिल हैं. 14 लोगों की गवाही के बाद न्यायालय ने अमित को दोषी मानते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई है. अमित मूल रूप से जेपी नगर के डिडौली थाना क्षेत्र के ढेलानगंला का रहने वाला है. इस मामले में सेक्टर-39 थाने की पुलिस, मॉनिटरिंग सेल व अभियोजन इकाई ने गहन पैरवी की. इसी का परिणाम रहा कि आरोपी को आजीवन कारावास की सजा हुई.

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