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पांच वर्षीय बच्ची के साथ किया था दुष्कर्म, आरोपी को 20 साल के कठोर कारावास की सजा - 20 years imprisonment to rapist

डीग जिले के एक गांव में पांच वर्षीय बालिका से दुष्कर्म के मामले में अदालत ने आरोपी को बीस साल की कठोर कैद की सजा सुनाई है. आरोपी पर बीस हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया गया है.

20 YEARS IMPRISONMENT TO RAPIST
दुष्कर्म के आरोपी को सजा (Photo ETV Bharat Bharatpur)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Jul 31, 2024, 8:09 PM IST

भरतपुर. डीग जिले के एक थाना क्षेत्र में करीब एक साल पहले पांच साल की बच्ची के साथ एक आरोपी ने दुष्कर्म किया था. मामले में बुधवार को 30 वर्षीय आरोपी को पॉक्सो कोर्ट संख्या 1 के विशिष्ट न्यायाधीश गिरिजेश ओझा ने 20 साल के कठोर कारावास एवं 20 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है.

विशिष्ट लोक अभियोजक तरुण जैन ने बताया कि पीड़िता के पिता ने मामला दर्ज कराया कि 31 मार्च 2023 को वह व परिवार के लोग खेत पर काम करने गए थे. उसकी 5 वर्षीय नाबालिग पुत्री को घर पर अकेली छोड़कर गए थे. शाम 4 बजे सब घर पर आए तो बेटी घर पर नहीं मिली. परिजनों को बेटी के रोने की आवाज सुनाई दी. पीड़िता के माता पिता दौड़कर पड़ोस के घर में गए, जहां आरोपी युवक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म कर रहा था. मौके से आरोपी भाग निकला. बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया. पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने पीड़िता का बोर्ड से मेडिकल कराया. दुष्कर्म की पुष्टि होने पर नामजद आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत में चालान पेश किया.

पढ़ें:युवक ने झांसा देकर महिला और उसकी नाबालिग बेटी से किया दुष्कर्म

अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में आरोपी के विरुद्ध 20 दस्तावेज एवं 12 गवाह पेश किया गए. इस पर पॉक्सो कोर्ट संख्या-1 के विशिष्ट न्यायाधीश गिरिजेश ओझा ने बुधवार को प्रकरण की सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनी. इसके बाद गवाह और सबूतों को ध्यान में रखते हुए 30 वर्षीय आरोपी अनीष उर्फ तुक्का पुत्र अयूब को नाबालिग के साथ दुषकर्म करने का दोषी प्रमाणित होने पर पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत 20 साल के कठोर कारावास एवं 20 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा से दंडित किया है.

भरतपुर. डीग जिले के एक थाना क्षेत्र में करीब एक साल पहले पांच साल की बच्ची के साथ एक आरोपी ने दुष्कर्म किया था. मामले में बुधवार को 30 वर्षीय आरोपी को पॉक्सो कोर्ट संख्या 1 के विशिष्ट न्यायाधीश गिरिजेश ओझा ने 20 साल के कठोर कारावास एवं 20 हजार रुपए के जुर्माने की सजा सुनाई है.

विशिष्ट लोक अभियोजक तरुण जैन ने बताया कि पीड़िता के पिता ने मामला दर्ज कराया कि 31 मार्च 2023 को वह व परिवार के लोग खेत पर काम करने गए थे. उसकी 5 वर्षीय नाबालिग पुत्री को घर पर अकेली छोड़कर गए थे. शाम 4 बजे सब घर पर आए तो बेटी घर पर नहीं मिली. परिजनों को बेटी के रोने की आवाज सुनाई दी. पीड़िता के माता पिता दौड़कर पड़ोस के घर में गए, जहां आरोपी युवक नाबालिग बच्ची के साथ दुष्कर्म कर रहा था. मौके से आरोपी भाग निकला. बच्ची को अस्पताल में भर्ती कराया गया. पीड़ित की शिकायत पर पुलिस ने पीड़िता का बोर्ड से मेडिकल कराया. दुष्कर्म की पुष्टि होने पर नामजद आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत में चालान पेश किया.

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अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत में आरोपी के विरुद्ध 20 दस्तावेज एवं 12 गवाह पेश किया गए. इस पर पॉक्सो कोर्ट संख्या-1 के विशिष्ट न्यायाधीश गिरिजेश ओझा ने बुधवार को प्रकरण की सुनवाई करते हुए दोनों पक्षों के अधिवक्ताओं की बहस सुनी. इसके बाद गवाह और सबूतों को ध्यान में रखते हुए 30 वर्षीय आरोपी अनीष उर्फ तुक्का पुत्र अयूब को नाबालिग के साथ दुषकर्म करने का दोषी प्रमाणित होने पर पॉक्सो एक्ट की धाराओं के तहत 20 साल के कठोर कारावास एवं 20 हजार रुपए के अर्थदंड की सजा से दंडित किया है.

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