जयपुर : सावन में छोटी काशी शिवमयी हो रखी है. इसी का नजारा रविवार को देखने को मिला. जब ऊंट, घोड़े के शाही लवाजमे के साथ गलता तीर्थ से जल भर कर कांवड़िये भगवान भोलेनाथ की जयकारे लगाते हुए परकोटा क्षेत्र से गुजरे. वहीं, यहां चौड़ा रास्ता में सिर पर कलश धारण किए हुए महिलाएं भी इस कलश-कांवड़ यात्रा का हिस्सा बनी. इस दौरान जयपुर की पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल ने सिर पर कलश धारण किया, तो वहीं हवा महल से विधायक बालमुकुंद आचार्य ने कांवड़ थामी और भगवा पताकाओं के साथ तिरंगे भी लहराते हुए दिखे.
सावन के महीने में जयपुर के सभी प्रमुख शिव मंदिरों में भगवान महादेव की पूजा-आराधना और कांवड़ चढ़ाने का दौर जारी है. इस क्रम में रविवार को श्री डबल शंकर महादेव मंदिर की 21वीं विशाल कावड़ और कलश यात्रा गलता जी से रवाना हुई. शाही लवाजमे के साथ निकली इस कांवड़ यात्रा के चौड़ा रास्ता पहुंचने पर यहां द्वारकाधीश मंदिर से पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल की अगुवाई में 1100 महिलाएं कलश यात्रा के रूप में कावड़ यात्रा से जुड़ी और यहां से गाजे-बाजे के साथ श्री डबल शंकर महादेव मंदिर में भगवान का जलाभिषेक किया गया.
भोलेनाथ का अभिषेक : इस दौरान ज्योति खंडेलवाल ने भी सिर पर कलश धारण किया, वहीं विधायक बालमुकुंद आचार्य ने हाथ में कांवड़ थामी. साथ ही कहा कि ये सावन महीना साधना का पर्व है. इसलिए लाखों कांवड़िया भगवान भोलेनाथ का अभिषेक कर रहे हैंऔर सभी मिलकर ये कामना भी कर रहे हैं कि बांग्लादेश में जो सनातनी हैं उनकी और वहां के देवालयों (पूजा स्थलों) की रक्षा हो. साथ ही देश प्रगति और उन्नति की ओर बढ़े और बॉर्डर पर जो सैनिक तैनात हैं उनकी भी रक्षा हो.
पूर्व महापौर ज्योति खंडेलवाल ने बताया कि 21वीं कलश-कांवड़ यात्रा का आयोजन किया गया. गलता से कावड़िया जल लेकर के आए हैं. वहीं, हरिद्वार से जल मंगाया गया है और करीब 1100 महिलाएं कलश यात्रा के जरिए कांवड़ यात्रा में शामिल हुई हैं. अब भगवान का अभिषेक कर उनसे सुख, शांति, समृद्धि और सांप्रदायिक सौहार्द बने रहने की कामना करेंगे. उन्होंने कहा कि ये छोटी काशी है. यहां पर कोई व्यक्ति इस माहौल से अछूता नहीं रह सकता. फिर चाहे वो विधायक हो, सांसद हो या आम व्यक्ति सब इस माहौल में रंगेंगे ही.