कुरुक्षेत्र: 90 विधानसभा में से कुरुक्षेत्र जिले की थानेसर विधानसभा सीट ऐसी है, जहां साल 2019 के चुनाव में जीत का अंतर 1000 वोटों से भी कम था. इस सीट से बीजेपी उम्मीदवार सुभाष सुधा ने 842 वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी. दूसरे नंबर पर कांग्रेस उम्मीदवार अशोक अरोड़ा रहे थे. सुभाष सुधा को 55759 यानी 43.35 प्रतिशत वहीं. अशोक अरोड़ा को 54917 यानी 42.70 प्रतिशत वोट मिले थे.
थानेसर विधानसभा सीट पर बीजेपी और कांग्रेस के बीच मुख्य मुकाबला: इस बार इस सीट से दोनों ही उम्मीदवार आमने-सामने हैं. बीजेपी ने एक बार फिर से सुभाष सुधा पर भरोसा जताया है, तो कांग्रेस ने भी अशोक अरोड़ा को फिर से सुभाष सुधा के सामने चुनावी मैदान में उतारा है. थानेसर विधानसभा सीट पर मुख्य मुकाबला कांग्रेस और बीजेपी के बीच माना जा रहा है.
साल 2019 के चुनावी नतीजे: साल 2019 में थानेसर विधानसभा सीट से बीजेपी उम्मीदवार सुभाष सुधा ने 55759 यानी 43.35 प्रतिशत वोट लेकर जीत दर्ज की थी. उन्होंने कांग्रेस उम्मीदवार अशोक अरोड़ा को हराया था. जिन्हें 54917 यानी 42.70 प्रतिशत वोट मिले थे.
साल 2014 के चुनावी नतीजे: साल 2014 के विधानसभा चुनाव में भी इस सीट से बीजेपी उम्मीदवार सुभाष सुधा ने इनेलो उम्मीदवार अशोक अरोड़ा को हराया था. तब अशोक अरोड़ा इंडियन नेशनल लोकदल में थे. साल 2019 के चुनाव से पहले अशोक अरोड़ा इनेलो छोड़कर कांग्रेस में शामिल हो गए थे. तब से वो इस सीट से कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं. साल 2014 में सुभाष सुधा को 68080 यानी 53.17 प्रतिशत वोट मिले थे. वहीं अशोक अरोड़ा को 42442 यानी 33.14 प्रतिशत वोट मिले थे.
थानेसर विधानसभा सीट पर मतदाता: विधानसभा चुनाव 2019 के मुताबिक इस सीट पर कुल 1,93,017 वोट हैं. जिनमें से 101147 पुरुष, 91869 महिलाएं और 1 वोटर थर्ड जेंडर है. इनके अलावा 497 सर्विस वोटर भी पंजीबद्ध हैं.
बीजेपी पर भारी पड़ सकती है बगावत: भारतीय जनता पार्टी के कई नेता थानेसर विधानसभा सीट पर उम्मीदवार के तौर पर दावा ठोक रहे थे. जिसमें सुभाष सुधा के अलावा, जय भगवान शर्मा डीडी और भाजपा के वरिष्ठ नेता कृष्ण बजाज मुख्य दौड़ में माने जा रहे थे, लेकिन भारतीय जनता पार्टी ने सुभाष सुधा पर तीसरी बार इस सीट से भरोसा जताया. जिसके बाद जयभगवान शर्मा डीडी और कृष्ण बजाज के बगावती सुर देखने को मिल रहे हैं. ये दोनों नेता अगर सुभाष सुधा की खिलाफत करते हैं, तो निश्चित तौर पर भारतीय जनता पार्टी और सुभाष सुधा को उनसे नुकसान हो सकता है.
थानेसर विधानसभा सीट पर किसकी लगेगी हैट्रिक? इस विधानसभा सीट से बीजेपी की टिकट पर तीसरी बार सुभाष सुधा चुनावी मैदान में है. साल 2019 और 2014 के चुनाव में सुभाष सुधा लगातार दो बार जीत चुके हैं. अगर वो इस चुनाव में भी जीत हासिल करने में कामयाब हुए, तो जीत की हैट्रिक लगा लेंगे. इसके अलावा अशोक अरोड़ा भी तीसरी बार चुनावी मैदान में हैं. साल 2014 में वो इनेलो की टिकट से चुनावी मैदान में थे. 2019 और अब वो कांग्रेस की टिकट पर चुनावी दंगल में है. अगर इस बार भी उन्हें हार मिली तो वो हार की हैट्रिक लगा लेंगे. बता दें कि साल 2009 में अशोक अरोड़ा इनेलो की टिकट पर विधायक चुने गए थे.