भिलाई : गर्मियों की शुरुआत होते ही एक बार फिर भिलाई टाउनशिप में कुत्तों का आतंक बढ़ने लगा है.खासकर उन जगहों पर जहां मांस की बिक्री होती है.ऐसी जगहों पर डॉग बाइट के मामले सबसे ज्यादा होते हैं.भिलाई टाउनशिप की यदि बात करें तो रोजाना कहीं ना कहीं से एक केस जरुर आ रहा है. ताजा मामला भिलाई का सर्कुलर मार्केट का है. जहां माता पिता के साथ मार्केट गए बच्चे पर आवारा कुत्तों के झुंड ने हमला कर दिया. बच्चे के माता-पिता ने कुत्तों के झुंड को भगाया,लेकिन तब तक बच्चे को कई जगह पर डॉग ने काट लिया था.जिसका इलाज सुपेला शास्त्री चिकित्सालय में जारी है.
जिले में कितनी है डॉग्स की संख्या ? : निगम के आंकड़ों के मुताबिक दुर्ग जिले में लगभग साढ़े आठ हजार कुत्ते हैं. इनकी संख्या से ही अंदाजा लगाया जा सकता है कि यदि इन्हें कंट्रोल नहीं किया गया,तो इनका कहर रहवासियों पर टूटेगा.हाल के दिनों में भिलाई और दुर्ग में डॉग बाइट के मामले बढ़े हैं. शहर के गली मोहल्लों में स्ट्रीट डॉग्स का झुंड देखा जा सकता है. स्ट्रीट डॉग्स अक्सर बाइक सवार, पैदल राहगीर के पीछे दौड़ते हैं, इसकी वजह से कई बार दुर्घटना भी होती है.
गांवों में भी डॉग्स की संख्या बढ़ी : यही हाल ग्रामीण अंचलों में भी है. लगातार बढ़ रहे कुत्तों के हमले को लेकर नेता प्रतिपक्ष भोजराज सिन्हा का यह कहना है कि मांस मटन की दुकानें इसका बड़ा कारण है.इन दुकानों के संचालक दुकान से निकले अपशिष्ट को ठीक तरह से नहीं फेंकते.लिहाजा स्ट्रीट डॉग्स इन्हें खाने के लिए वर्चस्व की लड़ाई आपस में लड़ते हैं.जिन्हें अपशिष्ट नहीं मिलता उनकी आक्रमकता कम नहीं होती.जिसके कारण आम आदमी इनका शिकार बन जाता है.
''यदि जल्द ही स्ट्रीट डॉग्स के नियंत्रण के लिए प्रभावी कदम नहीं उठाया गया तो स्थिति और भी बिगड़ सकती है. इनका आतंक और भी बढ़ सकता है.जल्द से जल्द निगम को इस पर ध्यान देना चाहिए. भिलाई नगर निगम डॉग हाउस बनाने के लिए लाखों रुपए खर्च कर चुकी है.लेकिन डॉग हाउस कहां है ये किसी को नहीं पता.कुत्तों के आतंक से बचने के लिए निगम को नया प्लान बनाना चाहिए.'' भोजराज सिन्हा, नेता प्रतिपक्ष भिलाई नगर निगम
क्या है अधिकारियों का कहना ?: वहीं इस मामले में भिलाई नगर निगम के जिम्मेदार अधिकारी का कहना है कि डॉग बाइट की शिकायत आते रहती है. जब-जब जनता से शिकायत मिलती है तब तब कार्यवाई की जाती है.