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बिहार में स्मार्ट मीटर पर राजनीति गरमायी, तेजस्वी यादव ने साधा निशाना, कहा- 'सरकार जिद पर अड़ी' - Tejashwi Yadav Facebook Live - TEJASHWI YADAV FACEBOOK LIVE

smart meter बिजली चोरी और अनियमितताओं को रोकने के उद्देश्य से बिहार में स्मार्ट मीटर लगवाने का काम शुरू किया गया था. लेकिन, स्मार्ट मीटर लगवाने के दौरान गड़बड़ी की कई शिकायतें मिल रही हैं. लोगों का मानना है कि स्मार्ट मीटर लगने के बाद से बिजली बिल में अनाप शनाप बढ़ोतरी हुई है. राष्ट्रीय जनता दल ने स्मार्ट बिजली मीटर लगाने के खिलाफ आंदोलन करने का निर्णय लिया है. शुक्रवार 27 सितंबर को नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने इस मुद्दे को लेकर सोशल मीडिया पर हुंकार भरी. पढ़ें, विस्तार से.

Tejashwi Yadav
तेजस्वी यादव. (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Bihar Team

Published : Sep 27, 2024, 8:49 PM IST

पटना: बिहार में स्मार्ट मीटर को लेकर लगातार सियासत हो रही है. राजद के प्रदेश अध्यक्ष जगदानंद सिंह ने 25 सितंबर को प्रेस कांफ्रेंस कर स्मार्ट मीटर का विरोध करने को लेकर एक अक्टूबर को आंदोलन करने की चेतावनी दी. इस पर पलटवार करते हुए ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र यादव ने कहा कि 'जगदा बाबू के घर में जब से स्मार्ट मीटर लगा है तब से उनको 17 प्रतिशत कम बिल आ रहा है.' आज तेजस्वी प्रसाद यादव ने फेसबुक लाइव आकर बिहार सरकार की इस योजना पर सवाल उठाया.

"अभी तक 50 लाख उपभोक्ताओं के यहां प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाया गया है. लोग स्मार्ट मीटर से खुश नहीं हैं फिर भी विभाग और बाकी बचे हुए दो करोड़ लोगों को प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की बात कह रहा है. जब लोग सरकार की इस योजना से संतुष्ट नहीं है, तो फिर सरकार क्यों जिद पर अड़ी हुई है."- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष

जनता की समस्या उठाएगी राजदः फेसबुक लाइव में तेजस्वी यादव ने कहा कि स्मार्ट मीटर लगाने वाले लोगों की शिकायत बढ़ती जा रही है. यही कारण है कि राजद जनता की आवाज की लड़ाई लड़ने का काम करेगी. आरजेडी चाहती है कि उपभोक्ता जितना बिजली का उपयोग करते हैं, उतना ही बिल का भुगतान उनको करना पड़े. जिस चीज को बिजली विभाग एवं सरकार को देखना पड़ेगा. यह सरकार की जवाबदेही है.

स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी के आरोपः तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार की इस योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिजली विभाग द्वारा लगाए गए स्मार्ट मीटर में कोई भी अलर्ट मैसेज नहीं आता है. कितने की बिजली हम खपत किए हैं, उसकी जानकारी नहीं दी जाती है. यदि पैसा खत्म होने वाला है तो उसका अलर्ट नहीं आता है. सीधे बिजली काट दी जाती है. यही कारण है कि राष्ट्रीय जनता दल लोगों की समस्या को देखते हुए इसके खिलाफ संघर्ष करने की तैयारी कर रहा है.

क्या होता है स्मार्ट मीटरः स्मार्ट मीटर एक डिजिटल डिवाइस होता है जो बिजली खपत को मापता है. इसे मैन्युअल रूप से रीड करने की आवश्यकता नहीं होती. स्मार्ट मीटर इंटरनेट के जरिए सीधे बिजली कंपनियों के सर्वर से जुड़ जाता है, जिससे उपभोक्ताओं को उनकी खपत के अनुसार बिजली बिल मिलता है. स्मार्ट मीटर लगाने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह बिजली चोरी को रोकने में मदद करता है. बिजली आपूर्ति और मांग के बीच संतुलन बनाए रखना आसान हो जाता है.

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"अभी तक 50 लाख उपभोक्ताओं के यहां प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाया गया है. लोग स्मार्ट मीटर से खुश नहीं हैं फिर भी विभाग और बाकी बचे हुए दो करोड़ लोगों को प्रीपेड स्मार्ट मीटर लगाने की बात कह रहा है. जब लोग सरकार की इस योजना से संतुष्ट नहीं है, तो फिर सरकार क्यों जिद पर अड़ी हुई है."- तेजस्वी यादव, नेता प्रतिपक्ष

जनता की समस्या उठाएगी राजदः फेसबुक लाइव में तेजस्वी यादव ने कहा कि स्मार्ट मीटर लगाने वाले लोगों की शिकायत बढ़ती जा रही है. यही कारण है कि राजद जनता की आवाज की लड़ाई लड़ने का काम करेगी. आरजेडी चाहती है कि उपभोक्ता जितना बिजली का उपयोग करते हैं, उतना ही बिल का भुगतान उनको करना पड़े. जिस चीज को बिजली विभाग एवं सरकार को देखना पड़ेगा. यह सरकार की जवाबदेही है.

स्मार्ट मीटर में गड़बड़ी के आरोपः तेजस्वी यादव ने बिहार सरकार की इस योजना पर सवाल उठाते हुए कहा कि बिजली विभाग द्वारा लगाए गए स्मार्ट मीटर में कोई भी अलर्ट मैसेज नहीं आता है. कितने की बिजली हम खपत किए हैं, उसकी जानकारी नहीं दी जाती है. यदि पैसा खत्म होने वाला है तो उसका अलर्ट नहीं आता है. सीधे बिजली काट दी जाती है. यही कारण है कि राष्ट्रीय जनता दल लोगों की समस्या को देखते हुए इसके खिलाफ संघर्ष करने की तैयारी कर रहा है.

क्या होता है स्मार्ट मीटरः स्मार्ट मीटर एक डिजिटल डिवाइस होता है जो बिजली खपत को मापता है. इसे मैन्युअल रूप से रीड करने की आवश्यकता नहीं होती. स्मार्ट मीटर इंटरनेट के जरिए सीधे बिजली कंपनियों के सर्वर से जुड़ जाता है, जिससे उपभोक्ताओं को उनकी खपत के अनुसार बिजली बिल मिलता है. स्मार्ट मीटर लगाने का सबसे बड़ा फायदा यह है कि यह बिजली चोरी को रोकने में मदद करता है. बिजली आपूर्ति और मांग के बीच संतुलन बनाए रखना आसान हो जाता है.

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