पटनाः लोकसभा चुनाव 2024 के बाद बिहार में राजनीतिक गतिविधियों में फिर से उत्साह आ गया है. लोकसभा चुनाव प्रचार के दौरान नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने लंबा प्रचार अभियान चलाया था. महागठबंधन को नौ सीटों पर मिली जीत से उत्साहित हैं. अब वे 2025 में होने वाले विधान सभा चुनाव की तैयारियों में जुट गए हैं. शुक्रवार को पार्टी के स्थापना दिवस के मौके पर कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए उन्होंने 15 अगस्त के बाद फिर से बिहार दौरा की घोषणा की.
"तेजस्वी यादव, राजनीति के माहिर खिलाड़ी हो गए हैं. उन्हें पता चल गया है कि जब-जब बिहार का दौरा किए हैं उसका अच्छा फल मिला है. लोकसभा चुनाव से उन्होंने जाति समीकरण में कुछ बदलाव किया और बिहार का दौरा भी किया था. 2019 में जीरो सीट वाली पार्टी को 2024 में चार सीट मिली."-कौशलेंद्र प्रियदर्शी, राजनीतिक विश्लेषक
कार्यकर्ताओं का बढ़ाया मनोबलः 2019 के लोकसभा चुनाव में एक भी सीट न जीत पाने के बाद 2020 के विधानसभा चुनाव में राजद सबसे बड़ा दल बना था. तेजस्वी यादव ने कहा कि राजद की स्थिति इस बार बेहतर है, क्योंकि उसने हाल में हुए लोकसभा चुनाव में चार सीट जीतीं हैं. 70 से अधिक विधानसभा क्षेत्रों में बढ़त हासिल की. तेजस्वी यादव ने दावा किया कि बिहार विधानसभा का चुनाव 2024 में हो या 2025 में राजद पूर्ण बहुमत के साथ सरकार बनाने जा रही है.
पहले भी तेजस्वी यात्रा निकाले थेः तेजस्वी यादव 2024 लोकसभा चुनाव से पहले भी पूरे बिहार का दौरा किए थे. फरवरी 2024 में तेजस्वी यादव पूरे बिहार में जनविश्वास यात्रा निकाले थे. जिसमें उन्होंने बिहार के सभी जिलों का दौरा किया था. इस यात्रा का समापन होने पटना के गांधी मैदान में जन विश्वास रैली के माध्यम से किया था. इस रैली में महागठबंधन के सभी प्रमुख दल के बड़े नेता शामिल हुए थे. एक बार फिर से तेजस्वी यादव बिहार के सभी विधानसभा क्षेत्र की यात्रा करेंगे और कार्यकर्ताओं से फीडबैक लेंगे.
"तेजस्वी यादव कितना भी दावा कर लें लेकिन 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में एनडीए 2010 के चुनाव परिणाम का रिकॉर्ड तोड़ेगी. नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए 200 से अधिक सीट जीतकर बिहार में फिर से सरकार बनाएगी."- अंजुम आरा, जदयू प्रवक्ता
टिकट काटने का दिया संकेतः तेजस्वी यादव पार्टी की स्थापना दिवस समारोह के दौरान कहा कि जिन विधायकों का परफॉर्मेंस अच्छा नहीं है, उनका टिकट अगले विधानसभा चुनाव में कटेगा. तेजस्वी यादव ने कहा कि लोकसभा चुनाव के दौरान कई ऐसे विधानसभा क्षेत्र हैं जहां उनके विधायक हैं, लेकिन वहां से महागठबंधन के प्रत्याशी पीछे रहे हैं. विधानसभा क्षेत्र को चिन्हित किया गया है. कार्यकर्ताओं के सलाह के बाद वहां के प्रत्याशी का चयन होगा. 2024 लोकसभा चुनाव में 21 विधानसभा क्षेत्र में पार्टी एनडीए के मुकाबले पीछे रह गई थी.
तेजस्वी पर जदयू का तंजः तेजस्वी यादव के फिर से बिहार यात्रा पर निकलने पर जेडीयू ने तंज कसा है. जदयू की प्रवक्ता अंजुम आरा ने कहा है कि नेता प्रतिपक्ष 2024 में भी पूरे बिहार में जनविश्वास यात्रा पर निकले थे, लेकिन जन विश्वास यात्रा का क्या परिणाम हुआ यह बिहार की जनता देख ली है. 2024 लोकसभा चुनाव में बिहार की 177 विधानसभा सीट पर एनडीए के प्रत्याशी को बढ़त मिली है.
"एनडीए के विकास मॉडल को मुहर लगाने का काम बिहार की जनता ने किया है. 2020 में राघोपुर से लोजपा लड़ गई थी, नहीं तो वहां से तेजस्वी यादव चुनाव नहीं जीतते. तेजस्वी यादव क्या दूसरे का टिकट काटेंगे, इस बार राघोपुर की जनता उनका ही टिकट काटने वाली है."- राकेश सिंह, भाजपा प्रवक्ता
मुगालते में हैं तेजस्वी यादवः तेजस्वी यादव के बिहार दौरे पर भाजपा ने भी कटाक्ष किया है. बीजेपी के प्रवक्ता राकेश सिंह ने कहा कि 2024 के लोकसभा चुनाव में भी तेजस्वी यादव ने बिहार में काफी चुनावी दौरा किया था. पूरे बिहार में हेलीकॉप्टर से खूब चुनाव प्रचार किया था, लेकिन परिणाम जो आया वह सबके सामने है. भाजपा प्रवक्ता ने कहा कि तेजस्वी यादव और लालू प्रसाद यादव मुगालते में ना रहें. बिहार की जनता नीतीश कुमार और एनडीए के साथ है.
नेता क्यों करते हैं यात्राः तेजस्वी यादव के बिहार यात्रा पर निकलने और 2025 के विधानसभा चुनाव में अपने दम पर सरकार बनाने के दावे पर वरिष्ठ पत्रकार कौशलेंद्र प्रियदर्शी का कहना है कि नेता जब भी कोई राजनीतिक दौर करता है तो वह राजनीति में अलग तरीके का रंग भरने का प्रयास करता है. 2025 में बिहार विधानसभा का चुनाव है, यही कारण है कि अगस्त में वह बिहार में फिर से राजनीतिक यात्रा पर निकलने वाले हैं.
विधानसभा चुनाव के मुद्दे अलगः पिछले 18 वर्षों से बिहार में नीतीश कुमार की सरकार है. सरकार के प्रति एंटी इनकंबेंसी का माहौल रहता है. 2025 से पहले तेजस्वी यादव की बिहार यात्रा का परिणाम क्या होगा यह वह वक्त बताएगा, लेकिन यह तय है कि वह विपक्ष के नेता के तौर पर अपने आप को स्थापित कर चुके हैं. कौशलेंद्र प्रियदर्शी का कहना है कि लोकसभा चुनाव और विधानसभा चुनाव में अंतर होता है. विधानसभा चुनाव में स्थानीय मुद्दे हावी रहते हैं.
तेजस्वी के लिए बड़ी चुनौतीः कौशलेंद्र प्रियदर्शी का कहना है कि 2025 में होने वाले विधानसभा चुनाव में तेजस्वी यादव के लिए बड़ी चुनौती होगी. क्योंकि 2020 के विधानसभा चुनाव में एनडीए में जो भी खराब था वह इस बार नहीं दिख रहा है. चिराग पासवान, उपेंद्र कुशवाहा और जीतनराम मांझी एनडीए के साथ हैं. यही कारण है कि इस बार तेजस्वी यादव पर दबाव रहेगा. बता दें कि तय समय सीमा पर यदि बिहार विधानसभा चुनाव होता है तो 2025 विधानसभा चुनाव में अभी 1 वर्ष से ज्यादा का समय है.
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