संभल: उत्तर प्रदेश के संभल में 46 साल बाद कार्तिकेय महादेव मंदिर के कपाट खुलने के बाद से जिले के अन्य गुमनाम हालत में पड़े धार्मिक स्थलों को लेकर लोगों की सक्रियता बढ़ी है. ऐसा ही एक बांके बिहारी मंदिर की लोगों ने जिले के चंदौसी इलाके में खोज की. जिसको 150 साल पुराना बताया जा रहा है. ये मंदिर आज खंडहर में तब्दील हो चुका है. मंगलवार को तहसीलदार धीरेन्द्र सिंह ने प्रशासन की टीम के साथ मंदिर का जायजा लिया. इस दौरान दावा किया गया है कि इस मंदिर की जमीन पर भगवान शिव के चिन्ह मिले हैं, इसके साथ ही दीवारों पर सीता राम लिखा हुआ मिला तो वहीं भगवान की मूर्तियां भी अंकित हैं.
स्थानीय निवासी कौशल किशोर जो सनातन सेवा संघ के प्रांत प्रमुख भी हैं उन्होंने बीते 21 दिसंबर को संपूर्ण समाधान दिवस में डीएम से शिकायत की थी. चंदौसी का बांके बिहारी मंदिर 1870 में स्थापित हुआ था. 150 साल प्राचीन मंदिर है पहले यहां हिन्दू आबादी रहती थी लेकिन पूर्व में मंदिर के पुजारी की हत्या हो गई थी. जिसके बाद से मंदिर में आना लोगों का कम हो गया था और बाद में यहां से स्थानीय हिन्दू पलायन कर गए.
मई 2010 में मंदिर में शिव परिवार की मूर्तियों को असामाजिक तत्वों ने तोड़ दिया था और पूरे मंदिर को खंडहर का रूप दे दिया. उस समय के शासन प्रशासन ने कोई एक्शन नहीं लिया. इस प्राचीन मंदिर का जीर्णोद्धार होना चाहिए. ये प्राचीन मंदिर हिंदुओं की आस्था का केंद्र है. इस शिकायत पर डीएम ने तहसीलदार धीरेन्द्र सिंह को बांके बिहारी मंदिर भेजा जहां उन्होंने मंदिर का निरीक्षण किया.
वहीं तहसीलदार धीरेन्द्र सिंह ने बताया कि बांके बिहारी मंदिर खंडहर अवस्था में पहुंच गए हैं. मंदिर में भगवान शिव के चिन्ह मिल रहे हैं, दीवारों पर सीता राम और भगवान की मूर्तियां बनी हुई है. इसकी जांच कराई जाएगी कि ये कितने साल पुराना है, किस परिस्थितियों में ये मंदिर खंडहर अवस्था में पहुंचा है. जो इसके जिम्मेदार है उनको भी इसके परिणाम भुगतने होंगे. ये 1.137 हेक्टर का प्लॉट है यदि यहां अतिक्रमण पाया गया तो उसे भी हटाया जाएगा.
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